शिमला,हिमशिखा न्यूज़ 04/06/2022
शिमला के इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज एवम अस्पताल में शनिवार को अस्पताल की इमरजेंसी लैब की वर्षगांठ मनाई गई । इस दौरान अस्पताल के एमएस डॉ जनक राज आईजीएमसी के प्रधानाचार्य डॉ सुरेंद्र सिंह, इमरजेंसी लैब के इंचार्ज डॉ जेएस चाहल, अस्पताल प्रशासनिक अधिकारी डॉ शोमिन धीमान सहित लैब के स्टाफ मेंबर मौजूद रहे। अस्पताल के एमएस डॉ जनक राज ने बताया कि अस्पताल की लैब के तहत 1 अप्रैल 2021 से लेकर 31 मार्च 2022 तक करीब 40 लाख 50 हजार टेस्ट किए गए। इन सभी टेस्टो में करीब 1 करोड़ रुपए का खर्च किया गया, वहीं अगर यह सभी टेस्ट एसआरएल या अन्य किसी निजी लैब में करवाए होते तो इनका खर्च 3 करोड़, 3 लाख 80 हजार रुपए होता। इस बीच अस्पताल में 25 लाख टेस्ट सरकार के द्वारा प्रदान की जा रही फ्री टेस्टिंग प्रक्रिया के तहत किए गए। उन्होंने बताया कि इमरजेंसी लैब की सुविधा ना होने के कारण यह 40 लाख 50 हजार टेस्ट यदि अस्पताल प्रशासन निजी लैब से करवाता तो प्रशासन को 2 करोड़ रुपए का अतिरिक्त आर्थिक बोझ उठाना पड़ता। अस्पताल में इमरजेंसी टेस्टिंग की सुविधा मरीजों को तो लाभ पहुँच ही रहा है वहीं सरकार को भी सीधे तौर पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ से बचाया जा रहा है । अस्पताल प्रबंधन की ओर से सरकार के दिशा निर्देशों के तहत 56 प्रकार के टेस्ट मुफ्त करवाये जा रहे हैं वहीं टेस्ट की यह संख्या बढ़ कर जल्द ही 113 होने वाली है।उन्होंने कहा कि आईजीएमसी शिमला में हमेशा से एक अच्छी,विश्वसनीय 24 घंटे चलने वाली प्रयोगशाला की आवश्यकता महसूस होती थी । राज्य के प्रत्येक कोने से इस संस्थान में आने वाले रोगियों के प्रबंधन और चिकित्सकों की जरूरतों और आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए, सभी डाइयग्नॉस्टिक क्षमताओं वाले अत्याधुनिक परीक्षण प्रयोगशाला की स्थापना पिछले साल माननीय मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर ने 30 मई 2021 के दिन की थी । हालांकि यह लैब पिछले साल अप्रेल माह से संचालित की जा रही है ।
प्रयोगशाला सभी जैव रासायनिक (आरएफटी, एलएफटी, लिपिड, इलेक्ट्रोलाइट्स, एडीए आदि) हेमेटोलॉजी (एचबी, सीबीसी), सीएसएफ परीक्षा और हेमोस्टेसिस पैरामीटर (पीटी / आईएनआर) के साथ इलेक्ट्रोलाइट्स, रक्त गैस विश्लेषण जैसे *पोईंट ओफ़ केयर* प्रदान करने में सक्षम है।
यह प्रयोगशाला सभी प्रकार के रोगियों और उनके इलाज करने वाले डॉक्टरों के मार्गदर्शन के लिए 24×7 अनेकों प्रकार के मार्कर टेस्ट जैसे *सीआरपी, फेरिटिन, डी डाईमर* करने में सक्षम है।
इस लैब की स्थापना के बाद अब *आईजीएमसी ने लिथियम परीक्षण प्रदान करने की क्षमता हासिल कर ली है । यह सुविधा अस्पताल में पहले नहीं थी।* सरकार के निरंतर सहयोग के चलते लैब में कोई भी सैम्पल किसी भी परीक्षण के लिए किसी भी समय 24×7 जाँच करने की सुविधा है।
जाँच की रिपोर्ट न्यूनतम समय में मिलने से गंभीर मरीज़ों के डाययग्नोसिस और इलाज में तेज़ी आ रही है, परिणामस्वरूप हॉस्पिटल की मूलभूत व्यवस्था एवं कार्यशैली में सुधार हुआ है और आईजीएमसी यहाँ आनेवाले रोगियों को बेहतरीन सुविधाएँ प्रदान करने में सक्षम बना है ।आईजीएमसी की यह लैब 24×7 आधार पर सभी डाइयग्नॉस्टिक समाधान प्रदान कर रही है और इसमें मौजूदा बुनियादी ढांचे (जनशक्ति और संसाधन) के भीतर पूरे हिमाचल प्रदेश के लिए एक रोल मॉडल की तरह कार्य कर रही है।