Spread the love

शिमला,हिमशिखा न्यूज़ 22/01/2023

9.7 फीसदी छात्र ट्यूशन पर निर्भर; पढ़ाई की गुणवत्ता पर सवाल, केंद्र की रिपोर्ट में सामने आए चौंकाने वाले आंकड़े
सरकारी स्कूलों में पढ़ाई की गुणवत्ता पर सवाल, केंद्र की रिपोर्ट में सामने आए चौंकाने वाले आंकड़े
हिमाचल में शिक्षा की गुणवत्ता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अभी भी सरकारी स्कूलों में शिक्षकों द्वारा करवाई जाने वाली पढ़ाई से छात्र खुश नहीं हैं। दरअसल केंद्र की ओर से जारी की गई एएसईआर (एनुअल स्टेट्स ऑफ एजुकेशन रिपोर्ट) में इस बात का खुलासा हुआ है। इसमें सरकारी स्कूलों से जुड़े चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। हिमाचल के सरकारी स्कूलों में अभी भी 9.7 फीसदी बच्चे ऐसे हैं जो सरकारी स्कूलों की बजाय ट्यूशन पर निर्भर हंै। 2018 में यही आंकड़ा सात फीसदी था यानी साफ है कि जिन स्कूलों में शिक्षक है ही नहीं वहां बच्चे निजी ट्यूशन पर ही निर्भर है। अभिभावकों की भी ये मजबूरी है कि वे सिलेबस पूरा करने से लेकर एग्जाम की तैयारियों तक ट्यूशन के भरोसे हैं। यहां दो विषय बड़े अहम है जिसमें गणित और अंग्रेजी में भी बच्चे बेहद कमजोर है। रिपोर्ट में सामने आया है कि आठवी कक्षा के 47.7 फीसदी बच्चे गणित विषय में कमजोर है और वे भाग के सवाल भी नहीं कर पाते। इसके साथ ही तीसरी कक्षा के 59.6 फीसदी बच्चे जमा घटाव के सवाल भी नहीं कर पाते। यही आंकड़ा अंग्रेजी विषय का भी है। इसमें कक्षा पहली से आठवीं तक ऐसे बच्चे जो अंग्रेजी के वाक्य को सही तरीके से पढ़ पाते हैं उनका आंकड़ा साल 2016 में 63.2 था जो कि बढक़र अब 77.1 हो गया है। यानी प्राइमरी से मिडल कक्षाओं बच्चे इन दोनों ही विषयों में कमजोर है और ये भी देखने में सामने आया है कि कमजोर विषय पर फोकस करने के लिए ही बच्चों को निजी ट्यूशन का सहारा लेना पड़ता है। एचडीएम
स्कूलों में शिक्षकों की कमी
पिछले दो वर्षों में प्रदेश के स्कूलों में प्री-प्राइमरी में बच्चों की एनरोलमेंट बढ़ी है लेकिन इन बच्चों को पढ़ाने के लिए अभी तक स्कूलों में स्थायी शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हो पाई है। वर्ष 2018 में प्री-प्राइमरी में एडमिशन लेने वाले केवल 2.6 फीसदी बच्चे थे लेकिन साल 2022 में ये आंकड़ा 20.4 फीसदी पहुंच गया यानी 18 फीसदी एनरोलमेंट बढ़ी है। अब सवाल ये है कि कब इन बच्चों को स्थायी शिक्षक कब मिलेेंगे और कब स्कूलों में एनटीटी की भर्ती होगी।
81 फीसदी स्कूलों में 60 से कम छात्र
एएसईआर रिपोर्ट में यह भी सामने आया है कि प्रदेश में 81. 4 फीसदी स्कूल ऐसे हैं जहां बच्चों की एनरोलमेंट घटी है यानी इन स्कूलों में 60 से भी कम छात्र है। वर्तमान सरकार ने भी 380 स्कूलों को डिनोटिफाई करने का फैसला लिया है और स्कूलों को बंद करने पर मंथन कर रही है।

By HIMSHIKHA NEWS

हिमशिखा न्यूज़  सच्च के साथ 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *