शिमला शहरी विधायक हरीश जनारथा ने भाजपा के दृष्टिपत्र को बताया जुमला
नगर निगम चुनाव में कांग्रेस पार्टी हासिल करेगी पूर्ण बहुमत
शिमला शहरी विधानसभा क्षेत्र के विधायक हरीश जनारथा ने आज दिनांक 25 अप्रैल को शिमला के रिज स्थित आशियाना में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए भाजपा द्वारा शिमला नगर निगम चुनाव को लेकर जारी किए गए दृष्टिपत्र को जुमला करार दिया।
विधायक हरीश जनारथा ने कहा कि भाजपा ने अपने दृष्टिपत्र में 40 हजार लीटर पानी प्रति माह फ्री देने का वायदा शहर की जनता से किया है, जोकि मात्र एक छलावा है। उन्होंने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार ने विश्व बैंक के साथ एक एम.ओ.यू. साईन किया था, जिसके नियम व शर्तों में हर वर्ष पानी के दरों में 10 प्रतिशत की वृद्धि होनी थी, परंतु भाजपा सरकार ने गत विधानसभा चुनाव के मद्देनजर दरों में इजाफा नहीं किया। जब भाजपा सरकार ने विश्व बैंक के साथ एम.ओ.यू. में ही पानी की दरों में 10 प्रतिशत वार्षिक वृद्धि का करारनामा किया है, तो भाजपा 40 हजार पानी फ्री देने का वायदा कहां से पूरा करेगी, परंतु नगर निगम शिमला में कांग्रेस की सत्ता आते ही आधुनिक तकनीक से शुद्ध पानी की सप्लाई को नियमित किया जाएगा।
भाजपा ने अपने दृष्टिपत्र में कूड़ा बिलों को 50 प्रतिशत तक माफ करने का वादा किया है। भाजपा शायद यह भूल गई है कि नगर निगम और सैहब सोसायटी का काम करने का तरीका अलग-अलग है। सैहब सोसायटी कूड़ा एकत्र कर ही बिलों को बनाती है, जबकि सैहब सोसायटी के प्रधानों से हमें यह ज्ञात हुआ है कि सैहब सोसायटी 50 प्रतिशत के नुकसान में चल रही है, तो भाजपा यह बताए कि 50 प्रतिशत नुकसान के साथ 50 प्रतिशत छूट भाजपा कहां से देगी। साथ ही भाजपा ने अपने दृष्टिपत्र में हर वार्ड/मोहल्ले में सुलभ शौचालय बनाने का वादा शहर की जनता से किया है, जोकि कि मात्र शहर के लोगों को ठगने का प्रयास है। भाजपा के नेता कहते थे कि अब ट्रिपल इंजन की सरकार है मतलब देश में, प्रदेश में व नगर निगम शिमला में भी भाजपा की ही सरकार, परंतु शिमला शहर की पढ़ी-लिखी जनता जानती है कि ट्रिपल इंजन की सरकार के होते हुए भी शौचालय तक का निर्माण प्रत्येक वार्ड में नहीं हो सका तो अब यह कैसे मुमकिन है। साथ ही शिमला के माल रोड पर जो सुलभ शौचालय है उसका भी उचित रखरखाव नहीं हो पाया और मुरम्मत के नाम पर लाखों रूपये खर्च कर दिए गए।
भाजपा ने अपने दृष्टिपत्र में प्रत्येक गरीब को 2 बिस्वा तक जमीन देने का वायदा किया है, परंतु क्या नगर निगम वन भूमि में किसी को जमीन दे सकती है, यह कैसे मुमकिन है, कि नगर निगम वन भूमि में किसी को जमीन दे। भाजपा के शीर्ष नेताओं को अपना दृष्टिपत्र बनाते समय अपनी दृष्टि से यह भी देखना चाहिए था कि वन भूमि नगर निगम के अधिकार क्षेत्र में है या नहीं। भाजपा ने बिना एन.ओ.सी. के बिजली मीटर लगाने की बात अपने दृष्टिपत्र में कही है, परंतु भाजपा ने स्मार्ट सिटी के नाम पर शहर में जो स्मार्ट मीटर लगाए हैं, वह न तो उचित ढ़ग से काम कर रहे हैं और मीटर रिडिंग भी खपत से ज्यादा दिखा रहे हैं, जिसकी आए दिन विभाग के पास शिकायतें आ रही है। भाजपा ने पार्किंग की सुविधा देने का वायदा भी अपने संकल्प पत्र में किया है, जबकि डींगू मंदिर सहित कुछ जगहों पर पार्किंग तो बना दी है, परंतु भाजपा शासनकाल में सुबह पार्किंग का उदघाटन किया जाता था और शाम को पार्किंग की तालाबंदी कर दी जाती थी, जब कुछ स्थानों का दौरा किया गया तो पता चला कि पार्किंग बनाने की परमिशन तक ही विभाग से नहीं ली गई है और बिना विभागीय जांच के पार्किंगों का निर्माण कर दिया गया है, जो कि बंद पड़ी है।
भाजपा सरकार के नेता स्मार्ट सिटी का गुणगान करते रहते हैं, जबकि शहर की जनता जानती है कि प्रदेश को पूरी तरह से लोहे का जंजाल बना दिया है, जगह-जगह उपर से गुजरने वाले पुलों का निर्माण किया गया है, जिन्हें बनाने के लिए इतना ज्यादा लोहे का इस्तेमाल किया गया है कि एक नया शहर तक बनाया जा सकता था। उन्होंने कहा कि भाजपा के दृष्टिपत्र से ही भाजपा को नुकसना उठाना पडेगा, जिसका फायदा कांग्रेस पाटी को मिलेगा और आने वाले शिमला नगर निगम चुनावों में कांग्रेस पार्टी पूर्ण बहुमत से जीत हासिल करेगी।
फोटोः पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए विधायक हरीश जनारथा।
