AIMSS चमियाणा , शिमला में पहली बार फ्री फिबुला फ्लैप द्वारा जबड़े का पुनर्निर्माण
अटल सुपर स्पेशलिटी आयुर्विज्ञान संसथान , शिमला के प्लास्टिक सर्जरी विभाग ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। विभाग की टीम ने संस्थान में पहली बार एक ऐसे रोगी का सफलतापूर्वक जबड़े का पुनर्निर्माण (Mandibular Reconstruction) किया, जिसमें फ्री फिबुला फ्लैप तकनीक का उपयोग किया गया।
काँगड़ा ज़िला के गांव थरोट के निवासी, 53 वर्षीय विक्रम सिंह को 2016 में जबड़े का कैंसर हुआ था, जिसके लिए ऑपरेशन एवं रेडियोथेरेपी की गई थी। इसके कुछ समय बाद , रोगी को जबड़े के एक हिस्से में ऑस्टियोरेडियोनेक्रोसिस (हड्डी का क्षय) हो गया, जिसके कारण जबड़े की हड्डी का एक हिस्सा एक वर्ष पहले निकालना पड़ा था । इसके बाद भी मवाद का आना कम नहीं हो पाया, तथा मुँह खोलने में कठिनाई, खाना खाने में परेशानी और चेहरे के आकार में विकृति आ गई थी।
प्लास्टिक सर्जरी विभाग की टीम द्वारा लगभग 9 घंटे के लंबे ऑपरेशन में रोगी की टांग की एक पतली हड्डी (फिबुला) का एक हिस्सा लेकर माइक्रोवैस्कुलर तकनीक से उसे जबड़े का आकार देकर जबड़े के स्थान पर जोड़ दिया गया । इस जटिल सर्जरी में गले की सूक्ष्म नसों और रक्त वाहिकाओं को फिबुला की सूक्ष्म नसों और रक्त वाहिकाओं से जोड़ा गया। ऑपरेशन पूरी तरह सफल रहा और रोगी स्वस्थ है।
यह ऑपरेशन प्लास्टिक सर्जरी डिपार्टमेंट की टीम, जिसमे डॉ नितिन कश्यप, डॉ राजेश कुमार, डॉ निपुण शर्मा, डॉ पुष्पिंदर सिंह , डेंटल सर्जरी से डॉ रंगीला राम की टीम, एनेस्थीसिया विभाग से डॉ विक्रम टक्कर, डॉ मनोज मैटान तथा ICU में डॉ रविकांत डोगरा की टीम शामिल थे, साथ ही स्टाफ नर्स रामेश्वरी कँवर, सर्बोच्च शक्ति, दामिनी , शिल्पा, पूजा तथा OTA दिनेश पाठक की टीम ने सहयोग दिया।
यह सर्जरी प्लास्टिक सर्जरी विभाग और पूरे संस्थान के लिए एक मील का पत्थर है। इससे उन रोगियों को नई आशा मिलेगी जिनका जबड़ा कैंसर, चोट या रेडियोथेरेपी के बाद प्रभावित हो चुका है, तथा अब मरीज़ों को इस तरह की बिमारी के इलाज के लिए प्रदेश से बहार नहीं जाना पड़ेगा।