डिपार्टमेंट ऑफ़ पहाड़ी मिनिएचर पेंटिंग हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय की ओर से एक तीन दिवसीय पुनः प्रवर्तन नमक प्रदर्शनी एवं कार्यशाला का आयोजन शिमला की बेटी थिएटर में किया गया जो 19 से 21 सितंबर तक होगी
इस प्रदर्शनी में विद्यार्थियों द्वारा बनाई गई 100 से अधिक कलाकृतियों को प्रदर्शित किया गया है. यह कलाकृतियां कांगड़ा, बसौली, मंडी, जम्मू, सिख और गढ़वाल लघु चित्र शैली को प्रदर्शित करती हैं
इस कार्यशाला का उद्घाटन हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर महावीर सिंह जी ने किया उनके साथ दिन डीसी प्रोफेसर हरिमोहन और कंट्रोलर आफ एक्जाम प्रोफेसर श्याम लाल कौशल भी मौजूद थे
अपने संदेश में कुलपति महोदय ने इस आयोजन पर हर्ष व्यक्त किया और कहा की समुदाय, संस्कृति और संरक्षण इन तीन मुद्दों के प्रति आज का आयोजन एक उचित प्रयास है
उन्होंने इस धरोहर को संजोग के रखना में और इसे आने वाली पीढियां तक पहुंचने में विभाग की सराहना की और कहां की आने वाले समय में साइंस की नैनोटेक्नोलॉजी के साथ पहाड़ी लघु चित्रकला का समन्वय होना संभावित है
विद्यार्थियों और विभाग की हौसला अफजाई करते हुए उन्होंने हर संभव प्रयास का आश्वासन दिया
निदेशक प्रोफेसर अपर्णा नेगी और शिक्षक एवं मास्टर आर्टिस्ट डॉ बलविंदर कांगड़ी ने बताया कि यह आयोजन कांगड़ा लघु चित्रकला की धरोहर को बचाए रखने और आने वाली पीढियां तक उसे पहुंचने की दिशा में एक कदम के साथ नए उभरते कलाकारों को प्रोत्साहित करने का भी एक मौका है. यहां पर यह बताना जरूरी है कि हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय पूरे देश का एक इकलौता विश्वविद्यालय है जहां पर मां मिनिएचर पेंटिंग का कोर्स पढ़ाया जाता है
इसके साथ यह प्रदर्शनी एवं कार्यशाला आम जनमानस में पहाड़ी लघु चित्रकला शैली के प्रति संवेदना जागृत करने का काम भी करेगी
और इस नजरिए से देखें तो हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय का एक बहुमूल्य योगदान है प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत को बचाने के लिए
