Spread the love

हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय, शिमला के फॉरेंसिक विज्ञान विभाग ने विश्व फॉरेंसिक दिवस बड़े उत्साह और ऊर्जा के साथ मनाया। इस अवसर पर विभाग द्वारा पोस्टर प्रतियोगिता एवं विश्वविद्यालय परिसर से मुख्य यातायात कार्यालय (CTO) शिमला तक जागरूकता पदयात्रा का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम का शुभारंभ छात्र कल्याण डीन प्रो. ममता मोक्टा एवं विभागाध्यक्ष डॉ. महेन्दर सिंह द्वारा किया गया। इस वर्ष का विशेष थीम “साइबर फॉरेंसिक और न्याय की स्थापना में फॉरेंसिक विज्ञान की भूमिका” रखा गया।

इस अवसर पर फॉरेंसिक विज्ञान विभाग के प्राध्यापक डॉ. दीपिका भंडारी, डॉ. मनीष कुमार शर्मा, डॉ. मनीषा कुमारी और डॉ. प्रदीप कुमार, शोधार्थियों सहित उपस्थित रहे और स्नातकोत्तर विद्यार्थियों को प्रोत्साहित किया। फॉरेंसिक विज्ञान के विद्यार्थियों की ओर से  पीयूष ने भाषण के माध्यम से पूरे कैंपस में विद्यार्थियों को विश्व फॉरेंसिक विज्ञान दिवस की महत्ता के बारे में अवगत कराया और बढ़ते अपराधों के प्रति जागरूक किया। साथ ही, सहयोगात्मक प्रयास के रूप में, लाइब्रेरी और सूचना विज्ञान विभाग और पर्यावरण विज्ञान विभाग के प्राध्यापकों एवं विद्यार्थियों ने भी सक्रिय भागीदारी निभाई और कार्यक्रम की सफलता में महत्वपूर्ण योगदान दिया। विशेष रूप से, पर्यावरण विज्ञान विभाग से प्रोजेक्ट ऑफिसर डॉ. सुनील जसवाल और अतिथि संकाय डॉ. निशा रानी, तथा लाइब्रेरी और सूचना विज्ञान विभाग से अतिथि संकाय डॉ. मोहम्मद शिकोह और  तान्या बोध अपने विभाग के विद्यार्थियों के साथ उपस्थित होकर फॉरेंसिक विज्ञान विभाग की इस पहल की सराहना की।

विभिन्न पोस्टरों और नारेबाजी के माध्यम से विद्यार्थियों ने यह संदेश दिया कि आधुनिक तकनीक के दौर में साइबर अपराधों की जांच एवं समाधान में फॉरेंसिक विज्ञान की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है।

कार्यक्रम का उद्देश्य विद्यार्थियों एवं आम जनता में फॉरेंसिक विज्ञान के महत्व के प्रति जागरूकता फैलाना तथा समाज में न्याय और सुरक्षा की स्थापना में इसकी भूमिका को रेखांकित करना रहा।

By HIMSHIKHA NEWS

हिमशिखा न्यूज़  सच्च के साथ 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *