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इमली के फायदे

  1. खूनी बवासीर (रक्त-अर्श): खूनी बवासीर के रोग में इमली के पत्तों का रस पीने से बहुत लाभ होता है।
  2. प्रमेह: 6 ग्राम इमली की छाल की राख को लगभग 55 ग्राम कच्ची गिरी के साथ मिलाकर 5-6 दिन तक सुबह-शाम सेवन करना चाहिए।
  3. पाण्डु (पीलिया) रोग: 10 ग्राम इमली की छाल की राख को 40 ग्राम बकरी के मूत्र में मिलाकर देने से लाभ मिलता है।
    इमली को पानी में भिगोकर, मथ (मिलोकर) कर पानी पीना उपयोगी है।
  4. बिच्छू के विष: इमली के सिंके हुए बीजों को घिसें, जब इसका सफेद भाग दिखे तो इसे डंक के स्थान पर लगा दें। यह बीज विश (जहर) चूसकर अपने आप ही हटकर गिर जाएगा।
  5. सिर दर्द: पानी में इमली को भिगोकर इसमें थोड़ी शक्कर मिलाकर सुबह और शाम को 2 या 3 बार पीने से सिर का दर्द दूर हो जाता है।
  6. गर्मी अधिक लगना: गर्मी के कारण या किसी बीमारी के कारण प्यास अधिक लगे तो उसे इमली के बीजों को पीसकर 1 से 3 ग्राम प्रतिदिन 2 से 3 बार पिलायें। इससे प्यास कम लगेगी और शरीर की गर्मी दूर होगी।
    7.हृदय की जलन: मिश्री के साथ पकी हुई इमली का रस सेवन करने से हृदय की जलन मिटती है।
  7. अजीर्ण (पुरानी कब्ज): इमली की ऊपर की छाल को जलाकर, सोते समय लगभग 6 ग्राम गर्म पानी के साथ सेवन करने से अजीर्ण रोग में लाभ होता है।
  8. भूख कम लगना: इमली के पत्तों की चटनी बनाकर खाने से भूख तेज लगने लगती है।
  9. पीलिया: इमली का पानी पीने से प्लेग, गर्मी का बुखार और पीलिया का रोग दूर होता है।
  10. अरुचि और पित्त: अन्दर से पकी हुई तथा अधिक गूदेवाली इमली को ठण्डे पानी में डालकर इसमें शक्कर मिलाना चाहिए। इसके बाद इसमें इलायची के दाने, लौंग, कपूर और कालीमिर्च डालकर बार-बार कुल्ला करें। इससे अरुचि और पित्त का रोग दूर होता है।
  11. फोड़े-फुन्सी और घाव: 30 ग्राम इमली के गूदे को 1 गिलास पानी में मसलकर मिलाकर पीने से फोड़े-फुन्सी में ठीक होती हैं।
  12. कास (खांसी): 14 से 28 मिलीमीटर पत्तों का काढ़ा आधे ग्राम घी में भुनी हींग एवं 2 ग्राम सेंधानमक के साथ सुबह-शाम सेवन करने से लाभ होता है।
  13. पेट दर्द: 2 ग्राम इमली की राख को शहद में मिलाकर चाटने से लाभ मिलता है।
  14. दाद: इमली के पत्तों का रस सेवन करने से लाभ मिलता है। इमली के बीजों को नींबू के रस में पीसकर लगाने से दाद दूर हो जाता है।

By HIMSHIKHA NEWS

हिमशिखा न्यूज़  सच्च के साथ 

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