शिमला,हिमशिखा न्यूज़ 22/01/2023
ऐप से हाजिरी पर तैयार होगी एसओपी
मनरेगा मजूदरों की ऐप से हाजिरी लगाने को लेकर पंचायतीराज विभाग की ओर से एसओपी तैयार की जा रही है। दरअसल प्रदेश की विभिन्न पंचायतों के प्रतिनिधियों ने ऐप से हाजिरी लगाने में आ रही दिक्कतों को लेकर पंचायतीराज मंत्री अनिरुद्ध सिंह को ज्ञापन सौंपे हैं। ऐसे में मंत्री ने विभाग को आदेश दिए हैं कि ऐप से हाजिरी लगाने में आ रही दिक्कतों को दूर किया जाए और अलग से इसके लिए एसओपी भी तैयार की जाए। पंचायतीराज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने यह जानकारी दी है। गौरतलब है हिमाचल प्रदेश में भी केंद्र के आदेशों के बाद मनरेगा मजदूरों की एनएमएमएस ऐप के माध्यम से हाजिरी लगाई जा रही है।
हाजिरी लगाने का काम वार्ड मेंबर को दिया गया है। फिलहाल मनरेगा के तहत व्यक्तिगत काम के लिए ऐप से हाजिरी नहीं लगाई जा रही है, सिर्फ सामूहिक काम की ही ऐप के जरिए हाजिरी लगाई जा रही है, लेकिन प्रदेश भर की पंचायतें इस पहल का विरोध कर रही हैं। उनका कहना है कि हिमाचल जैसे राज्य में यह प्रणाली लागू नहीं हो सकती है। पंचायत का वार्ड मेंबर एक ही दिन में सभी जगहों पर जाकर हाजिरी नहीं लगा सकती है। वार्ड मेंबर की अनुपस्थिति में यह काम मनरेगा सहायक को दिया गया है। मनरेगा सहायक के पास पहले से तीन से पांच पंचायतों का काम है। ऐसे में उसके लिए भी मौके पर जाकर मजदूरों की हाजिरी लगाना मुश्किल का काम है। पंचायत प्रधानों का कहना है कि पहली जनवरी से नया रूल लागू किया गया है, लेकिन पंचायत प्रतिनिधियों के लिए ऐसा करना पॉसिबल नहीं है। सिग्नल, इंटरनेट, एंड्रॉयड मोबाइल न होने आदि की कई समस्याएं हैं।
इसलिए जरूरी की ऐप से हाजिरी
मनरेगा में सरकारी धन के दुरुपयोग से बचाने के लिए यह प्रणाली शुरू की गई है। हाजिरी के साथ ग्राम पंचायतों के खंड प्रेरक और सचिवों को काम की सेल्फी भी देनी होगी। नियम के मुताबिक 60 प्रतिशत धनराशि मजदूरी में खर्च होती है। 40 प्रतिशत धनराशि से सामग्री खरीदी जा सकती है। लेकिन, सचिव और ग्राम प्रधान मिलकर गड़बड़ कर रहे हैं। शिकायतें मिलने पर ग्रामीण विकास विभाग ने नेशनल मोबाइल मॉनीटरिंग साफ्टवेयर (एनएमएमएस) ऐप लांच कर दिया है।