प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), चंडीगढ़ जोनल कार्यालय ने लखविंदर सिंह से संबंधित धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के प्रावधानों के तहत लगभग 2.98 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्ति कुर्क की है, जिसमें 13 लाख रुपये की चल संपत्ति और लगभग 2.85 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति शामिल है। वह और उसकी फर्म मेसर्स लखविंदर सिंह को धोखाधड़ी और राज्य सरकार को धोखाधड़ी और गलत तरीके से नुकसान पहुंचाने के अपराध में शामिल पाया गया था
ईडी ने हिमाचल प्रदेश के जिला ऊना में किए गए अनधिकृत खनन के मामले में आईपीसी, 1860 की विभिन्न धाराओं के तहत हिमाचल प्रदेश पुलिस, पीएस ऊना सदर, ऊना द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की।
ईडी की जांच में पता चला है कि लखविंदर सिंह ऊना जिले में मेसर्स लखविंदर सिंह के नाम और स्टाइल में 3 क्रशर यूनिट चला रहा था। मेसर्स लखविंदर सिंह ने जानबूझकर और बेईमानी से हिमाचल प्रदेश गौण खनिज (रियायत) और खनिज (अवैध खनन, परिवहन और भंडारण की रोकथाम) नियम, 2015 के तहत दायर किए जाने वाले अपने वैधानिक रिटर्न में वास्तविक उत्पादन की रिपोर्ट को छिपाया। अवैध खनन से राज्य सरकार के साथ धोखाधड़ी की गई और सांविधिक देयताओं का भुगतान किए बिना सामग्री की गैर-सूचित बिक्री की गई।
ईडी ने अवैध खनन की मात्रा का पता लगाने के लिए उन सभी क्षेत्रों की व्यापक जांच की, जिन पर लखविंदर सिंह ने ऊना (हिमाचल प्रदेश) में खनन किया था। टीम की विशेषज्ञ रिपोर्ट ने अत्यधिक और अवैध रेत खनन को उजागर किया जो राज्य सरकार के रिकॉर्ड में दर्ज मात्रा से बहुत अधिक है। इससे पहले, ईडी ने पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और हिमाचल प्रदेश में 13 स्थानों पर छापे मारे थे, जिसमें केस से संबंधित कागजात तथा अन्य सामग्री बरामद हुई थी। आगे की जांच जारी है।