अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ने जहां सरकार द्वारा प्रदेश के शिक्षकों को सिंगापुर शिक्षण भर्मण का स्वागत किया है वहीं इस प्रक्रिया में अपनाई गई भाई भतीजावाद का कड़े शब्दों में निंदा की है। अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के प्रांत अध्यक्ष पवन कुमार, प्रान्त महामंत्री डॉ मामराज पुंडीर, प्रान्त संगठन मंत्री विनोद सूद , मीडिया प्रभारी शशि शर्मा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष जय शंकर ठाकुर, वीर भगत सिंह, सहित सभी जिलों के जिला अध्यक्ष, महामंत्री, प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्यों ने सरकार से मांग की है कि यदि चयन होने के लिए किसी प्रभावशाली व्यक्ति का टेलीफोन होना जरूरी है तो प्रदेश का कर्मठ ओर सम्मानित शिक्षक वर्ग इसका विरोध करता है। और अपने आत्मसम्मान के लिए सिंगापुर तो क्या स्वर्ग में भी नही जाएगा। प्रान्त महामंत्री डॉ मामराज पुंडीर ने कहा कि जिन अध्यापकों का चयन सिंगापुर के लिए हुआ है, उनमें से शिक्षा निदेशालय से जो अध्यापक चयन हुए है उनमें से कई वर्षों तक वह कभी स्कूल नही गए। समग्र शिक्षा कार्यालय से अध्यापक शिक्षा विभाग सिंगापुर भेज रहा है वह भी पिछले कई वर्षों से विद्यालयों में नही है और आगे भी नही होने। फिर ऐसे अध्यापको को सिंगापुर भेज कर प्रदेश के कर दाताओं के पैसे की बर्बादी हो रही है। संगठन ने इस मामले में मुख्यमंत्री, शिक्षामंत्री सहित शिक्षा सचिव को अवगत करवा दिया है। अगर इस पर गंभीरता से विचार नही हुआ तो आने वाले समय मे प्रदेश के कर्मठ शिक्षकों के आत्मसम्मान को बचाने के लिए महासंघ लड़ाई लड़ने को तैयार रहेगा।