भाषा एवं संस्कृति विभाग हिमाचल प्रदेश कला एवं संस्कृति के संरक्षण संवर्धन तथा प्रदेश की विभिन्न भाषाओं के विकास तथा प्रोत्साहन के लिए निरंतर प्रयासरत है। इसी उद्देश्य की पूर्ति हेतु विभाग द्वारा समय-समय पर पूरे प्रदेश में अनेक गतिविधियों का आयोजन करवाया जाता है।
इसी क्रम को आगे बढ़ाते हुए भाषा एवं संस्कृति विभाग द्वारा राजीव गांधी राजकीय महाविद्यालय, चौड़ा मैदान, शिमला के संयुक्त तत्त्वावधान में उत्तर भारत की प्राचीन लिपि ‘शारदा’ पर गेयटी थियेटर शिमला में 11 नवम्बर से 17 नवम्बर, 2025 तक सात दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला के प्रथम सत्र का उद्घाटन समारोह का आयोजन प्रातः 11:00 बजे सचिव (भाषा-संस्कृति) श्री राकेश कंवर मुख्य अतिथि ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। शारदा लिपि का प्रशिक्षण मुंबई विश्वविद्यालय से प्रबंधन अध्ययन में स्नाकोत्तर और कॉर्पोरेट अनुसंधान व वित्त क्षेत्र में पंद्रह वर्षों से अधिक का अनुभव रखने वाली विदुषी श्रीमती नीलम राजदान वाली प्रदान कर रही है।
विभाग की निदेशक रीमा कश्यप ने बताया कि शारदा लिपि एक प्राचीन लेखन प्रणाली है जिसकी उत्पत्ति भारतीय उपमहाद्वीप के उत्तर-पश्चिमी भाग में हुई। इसका विकास लगभग आठवीं शताब्दी में गुप्त वंश लिपि से हुआ, जो स्वयं ब्राह्मी लिपि से विकसित हुई थी। शारदा लिपि का प्रयोग मुख्यतः संस्कृत और प्राकृत ग्रंथों, विशेषकर प्रारंभिक मध्ययुगीन कश्मीर और आसपास के क्षेत्रों की धार्मिक, साहित्यिक और प्रशासनिक परंपराओं से संबंधित ग्रंथों को लिखने के लिए किया जाता था।
मुख्य अथिति ने अपने संबोधन में कहा कि इस कार्यशाला में ऑनलाईन और ऑफलाईन माध्यम से जुड़े प्रतिभागियों को शारदा लिपि सीखने का एक सुनहरा अवसर है। अपनी पुरानी लिपियों का अध्ध्यन करके हम अपने गौरवांवित् इतिहास को और अधिक जानने हेतु लाभदायक सिद्ध होगा।
कार्यशाला के दूसरे सत्र में डॉ. रवि किरण, एसोसिएट प्रोफेसर, IIT हैदराबाद ने आनलाईन माध्यम से प्रशिक्षुओं को शारदा लिपि पर अपना व्याख्यान दिया। विशेष रूप से युवा पीढ़ी को इस सांस्कृतिक धरोहर से अवगत करवाने के उद्देश्य से इस प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है।
इस कार्यशाला में समस्त आयु वर्ग के लगभग 150 प्रशिक्षकु ऑफलाईन व ऑफलाइन प्रशिक्षण ले रहे हैं। कार्यक्रम का मंच उप निदेशक श्रीमती कुसुम ने किया। कार्यक्रम में विभाग के संयुक्त निदेशक भानु गुप्ता, सहायक निदेशक सुरेश राणा, सुनीला ठाकुर, संग्रहालयाध्यक्ष नरेंद्र कुमार, राजीव गांधी राजकीय महाविद्यालय चौड़ा मैदान के प्राचार्य डॉ. गोपाल चौहान, डॉक्टर किशोरी चंदेल, सहायक प्रोफेसर , ऋचा सरकैक उपस्थित रहे ।