हिमाचल के राज्यपाल बंडारू दतात्रेय पर खूब फबती है जो सर्द हवाओं के बीच अपने बीते पलों को याद कर रहे हैं. मंगलवार को पहली बार लाहौल घाटी के एक दिवसीय दौरे पर केलांग पहुंचे राज्यपाल बंडारु दत्तात्रेय ने स्कीइंग का आनंद उठाते हुए अपने बचपन के दिन याद किए हैं.लाहौल घाटी की प्राकृतिक सुंदरता की तारीफ करते हुए राज्यपाल बंडारू दतात्रेय ने कहा कि मैं लाहौल पहुंचकर शिमला को भूल गया हूं.अटल टनल पार कर जैसे ही वे लाहौल घाटी पहुंचे.उन्होंने कहा कि यहां के ग्रामीण परिवेश को देखकर उन्हें 50 साल पुराना भारत याद आ गया.अटल टनल खुलने के बाद लाहौल घाटी में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं. उन्होंने कहा कि घाटी पहुंचने वाले पर्यटकों के साथ स्थानीय लोगों और प्रशासन का दोस्ताना व्यवहार होना चाहिए.वैश्वीकरण के बावजूद हमें जनजातीय बोलियों, संस्कृति और परंपरा को संरक्षित करने की दिशा में प्रयास करने चाहिए.बंडारू दतात्रेय इससे पहले नॉर्थ पोर्टल में स्कीइंग का भी लुत्फ उठाया. जिला प्रशासन के साथ बैठक के दौरान उन्होंने प्राकृतिक खेती और जैव विविधता पर जोर देते हुए कहा कि प्रशासन और जनता साथ मिलकर इस दिशा में बेहतर काम कर सकते हैं.पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए घाटी में पारंपरिक व्यंजनों के साथ पारंपरिक मकानों को भी बढ़ावा देने की जरूरत है.
उपायुक्त पंकज राय ने लाहौल-स्पीति में पर्यटन विकास को लेकर तैयार किए गए मॉडल को साझा किया।