संजौली में चल रहे भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ के दौरान श्री कृष्ण जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया साक्षात वृंदावन पहुंचा दिया। स्वामी श्री अच्युतानंद तीर्थ जी महाराज के सानिध्य में आयोजित इस भव्य श्रीमद् भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ के दौरान अच्युतानंद तीर्थ जी महाराज ने कहा कि कथा का यही भाव है बांके बिहारी का आपके नैनों ओर हृदय में वास हो। इन सात दिनों की कथा में संकल्प लेने की आवश्यकता है। संकल्प ये कि प्राण जाए पर वचन न जाई। उन्होंने कहा कि बच्चों में संस्कार इन आयोजनों से हो सकते हैं। हर अभिभावक को अपने बच्चों को संस्कार देने होंगे तभी भावी पीढ़ी को आधुनिकता की चकाचौंध में लिप्त होने से रोकता है । उन्होंने बताया इसे ऐसे महात्मा और संत देश में हुए हैं जब कथा कहते थे तो बांके बिहारी नृत्य करते थे।
सर्वेश्वर ब्रह्मचारी जी ने कहा जब भक्त का भगवान के प्रति प्रेम हो जाता है तो उसे कोई सुध नहीं रहती। भगवान श्री कृष्ण का अद्भुत स्वरूप है। नन्द कौन हमारे अंदर बैठा भगवान है। सब श्री कृष्ण का ही स्वरूप है।श्रीमद् भागवत कथा के ब्यास वेद प्रकाश ने भगवान श्री राम और श्री कृष्ण कि लीलाओं का भव्य वर्णन किया। उन्होंने कहा कि उनके जीवन चरित को जीवन में अपनाने की आवश्यकता होती है। उन्होंने कहा कि परमात्मा का जब जब अवतार लेते हैं तब तब अपना आसन साथ लेकर आते हैं। महात्मा भी अपना आसन साथ लेकर आते हैं