शिमला,हिमशिखा न्यूज़ 16/12/2022
सीमेंट उद्योगों से बढ़ा टकराव तालाबंदी से प्रदेश सरकार नाराज, श्रम विभाग से नोटिस देने को कहा
हिमाचल में दो सीमेंट उद्योगों में अचानक तालाबंदी के बाद सीमेंट कंपनियों और ट्रक यूनियनों के बीच टकराव बढ़ गया है। ट्रक ऑपरेटर यूनियनें मालभाड़े को घटाने को तैयार नहीं हैं और दूसरी तरफ अडानी की सीमेंट कंपनियां यह मालभाड़ा बर्दाश्त करने को तैयार नहीं। दोनों ही मामले राज्य सरकार के सीधे कंट्रोल में नहीं हैं, लेकिन अचानक की गई तालाबंदी से सरकार भी नाराज है और इस मामले में कड़े कदम उठाने को तैयार है। गौर हो कि महंगे मालभाड़े के कारण हिमाचल में और भी उद्योग सरकार से शिकायतें कर चुके हैं। हाई कोर्ट तक केस पहुंच चुके हैं। इसके बावजूद यह मसला हल नहीं हो रहा, इसलिए अडानी के कुछ तर्कों से सरकार सहमत भी है। हालांकि अचानक तालाबंदी राज्य की नई कांग्रेस सरकार को पसंद नहीं आई है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मुख्य सचिव आरडी धीमान को इस पूरे मामले में जरूरी कार्यवाही करने के निर्देश फोन पर दे दिए थे। उसके बाद संबंधित जिलों के उपायुक्तों के साथ बैठक में भी नतीजा नहीं निकला है। मुख्य सचिव ने बताया कि पहले दौर की बैठक बेनतीजा रही है, लेकिन उपायुक्त दोबारा कोशिश करेंगे।
मुख्य सचिव ने श्रम विभाग को भी एक्शन लेने को कहा है कि क्या सीमेंट कंपनियां अचानक तालाबंदी कर सकती हैं या नहीं? और यदि नहीं कर सकती हैं, तो इनके ऊपर क्या कार्रवाई बनती है? दरअसल राज्य में सीमेंट उत्पादक दो उद्योगों अंबुजा और एसीसी की ओनरशिप अब अडानी ने ले ली है। अडानी का कहना है कि राजस्थान में बनाया जा रहा सीमेंट पंजाब पहुंचकर हिमाचल से जा रहे सीमेंट से भी सस्ता है, जबकि हिमाचल में बनाया जा रहा सीमेंट महंगे मालभाड़े के कारण पंजाब में ही महंगा हो जाता है। ऐसे में मालभाड़ा कम नहीं किया गया, तो बंद सीमेंट प्लांट नहीं खुलेंगे। राज्य में स्थापित पांच सीमेंट उद्योगों द्वारा बनाए जा रहे सीमेंट की महज 30 फीसदी राज्य में खपत होती है, लेकिन इसमें से भी बहुत सा हिस्सा पंजाब में बनकर वापस हिमाचल आता है। इसलिए यहां सीमेंट महंगा हो जाता है। (एचडीएम)
सरकारी सप्लाई नहीं होगी प्रभावित
मुख्य सचिव आरडी धीमान ने बताया कि अंबुजा और एसीसी में तालाबंदी के बावजूद सरकारी सप्लाई का सीमेंट प्रभावित नहीं होगा। गुरुवार की बैठकों का अपडेट मुख्यमंत्री को दे दिया गया है और सरकारी सप्लाई का सीमेंट अल्ट्राटेक से लेने की व्यवस्था की जा रही है। मुख्य सचिव ने बताया कि गतिरोध को तोडऩे के लिए दोबारा से जिलाधीशों के स्तर पर बैठक करने की कोशिश की जाएगी। उम्मीद है कि कोई रास्ता निकल आएगा।