Spread the love

शिमला, भाजपा पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद सुरेश कश्यप ने कहा देश के एकमात्र केंद्रीय अनुसंधान संस्थान कसौली में आने वाले दिनों में आधुनिक तकनीक ड्रोन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल होगा। 

उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सोच है कि आधुनिकता के इस समय में पारंपारिक सरोकारों के साथ टेक्नोलॉजी को विशेष महत्व दिया जा रहा है, उन्होंने कहा कि जैसे ड्रोन टेक्नोलॉजी का बेहतरीन इस्तेमाल ऐम्स ऋषिकेश में किया गया है वैसे ही प्रयास आने वाले दिनों में सीआरआई कसौली में किया जाएगा इसके लिए जल्द ही संभावनाएं तलाशी जाएगी।

सीआरआई पूरे विश्व में मशहूर है और इसके लिए संस्थान के इतिहास व वैज्ञानिकों के प्रयास की सराहना जितनी भी की जाए उतनी कम है।

उन्होंने कहा विशेषकर संस्थान द्वारा कोविड काल के दौरान किए गए कार्यों को हमें सहाराना चाहिए कि किस प्रकार से दो वैक्सीन बनाकर टीकाकरण अभियान में इस संस्थान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

उन्होंने कहा कि वर्ष 1950 में अपनी स्थापना के समय से ही केंद्रीय अनुसंधान संस्था नवाचार अपनाकर रोगों के उपचार के लिए टिको के उत्पादन में रहा दिखा रहा है उन्होंने कहा कि केंद्रीय अनुसंधान संस्थान कसौली में बीएसएल तीन स्तर की प्रयोगशाला स्थापित करने को स्वीकृति केंद्र सरकार द्वारा दे दी गई है इससे इस संस्थान को बहुत बड़ा लाभ होगा।

उन्होंने कहा की रेबीज वैक्सीन बनाने में भी इस संस्थान का अग्रिम भूमिका रही थी जिसका समाज को भरपूर लाभ हुआ था।

केंद्रीय अनुसंधान संस्थान कसौली में बीएसएल तीन स्तर की प्रयोगशाला स्थापित करने को स्वीकृति केंद्र सरकार द्वारा दे दी गई है : कश्यप

शिमला, भाजपा पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद सुरेश कश्यप ने कहा देश के एकमात्र केंद्रीय अनुसंधान संस्थान कसौली में आने वाले दिनों में आधुनिक तकनीक ड्रोन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल होगा। 

उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सोच है कि आधुनिकता के इस समय में पारंपारिक सरोकारों के साथ टेक्नोलॉजी को विशेष महत्व दिया जा रहा है, उन्होंने कहा कि जैसे ड्रोन टेक्नोलॉजी का बेहतरीन इस्तेमाल ऐम्स ऋषिकेश में किया गया है वैसे ही प्रयास आने वाले दिनों में सीआरआई कसौली में किया जाएगा इसके लिए जल्द ही संभावनाएं तलाशी जाएगी।

सीआरआई पूरे विश्व में मशहूर है और इसके लिए संस्थान के इतिहास व वैज्ञानिकों के प्रयास की सराहना जितनी भी की जाए उतनी कम है।

उन्होंने कहा विशेषकर संस्थान द्वारा कोविड काल के दौरान किए गए कार्यों को हमें सहाराना चाहिए कि किस प्रकार से दो वैक्सीन बनाकर टीकाकरण अभियान में इस संस्थान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

उन्होंने कहा कि वर्ष 1950 में अपनी स्थापना के समय से ही केंद्रीय अनुसंधान संस्था नवाचार अपनाकर रोगों के उपचार के लिए टिको के उत्पादन में रहा दिखा रहा है उन्होंने कहा कि केंद्रीय अनुसंधान संस्थान कसौली में बीएसएल तीन स्तर की प्रयोगशाला स्थापित करने को स्वीकृति केंद्र सरकार द्वारा दे दी गई है इससे इस संस्थान को बहुत बड़ा लाभ होगा।

उन्होंने कहा की रेबीज वैक्सीन बनाने में भी इस संस्थान का अग्रिम भूमिका रही थी जिसका समाज को भरपूर लाभ हुआ था।

By HIMSHIKHA NEWS

हिमशिखा न्यूज़  सच्च के साथ 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *