जयगोपाल शर्मा (अध्यक्ष)प्रदेश राजस्व अधिकारी महासंघ ने कहा देश के राजस्व अधिकारियों की गाड़ियों की आज पूर्व मुख्यमन्त्री ठाकुर जयराम को कैसे याद आ गई. समूचे प्रदेश के राजस्व अधिकारी आज हतप्रभ हैं. हमारे जख्म आज भी हरे हैं. पिछली सरकार के पाँच बर्ष के दौरान पूर्व मुख्यमन्त्री और तत्कालीन सचिव कार्मिक ने हमारी माँगों के प्रति संवेदन हीनता दिखाते हुए हम प्रथम श्रेणियों के अधिकारियों का मजाक बनाया था.14 सितम्बर 2022 की रात को भारी बारिश के वीच हम ओक् ओवर के गेट के पास खड़े रहे और हमें अंदर नहीं आने दिया गया. हमारे साथ महिला अधिकारी भी थे. पूरे पांच बर्ष तक धर्मशाला से लेकर मण्डी शिमला तक हम अपनी 13 सूत्रीय मांगों के समाधान के बारे मे सिर्फ वार्ता करने के लिए समय माँगते रहे. हमारी कुछ मांगे ऐसी भी थी जिनमें कोई वित्तीय मामला भी आड़े नहीं आ रहा था. लेकिन पूर्व सरकार के कानों मे पाँच साल जूँ तक नहीं रेंगी. परिणामस्वरूप हमें सितम्बर 2022 में सामूहिक अवकाश पर भी जाना पड़ा था. जिससे कि लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा था. हिंदुस्तान की आज़ादी से लेकर आज तक तहसीलदार ही एक मात्र एैसा प्रथम अधिकारी है जो आगजनी, सैलाब, बाढ़ तथा आपदा के समय सबसे पहले घटनास्थल पर पहुँचता है. वो भी बिना गाड़ी के. चुनाव, जनगणना , प्रोटोकॉल, राहत और आपदा, कानून और व्यवस्था कितने ही ऐसे सरकार के कार्य होते हैं जो तहसीलदार के बिना संपन्न नहीं किए जा सकते हैं. हम सदैव ऋणी रहेंगे कांग्रेस सरकार के जिंहोंनें हमें 19 गाड़ियां प्रदान की हैं. सेंकड़ों नायब तहसीलदार और अन्य राजस्व अधिकारियों के पदों का सृजन् हुआ है. और भी भू राजस्व सुधारों को अमली जामा पहनाया गया है. वर्तमान मुख्यमन्त्री सुखविंदर सिंह की सरकार ने सिलिंग अधिनियम मे बदलाव करते हुए बेटियों को भी डेढ़ सौ बीघा तक की भूमि रखने का अधिकार दिया है. जो कि एक गर्व का विषय है.
वर्तमान सरकार मे काफी सुधारवादी कार्यक्रमों का सिलसिला जारी है. पुरानी पेंशन बहाली से लेकर आपदा तक के समय मे बहुत से नियमों मे बदलाव किया गया है. और जनता के लिए बेहतरी के कार्य किए जा रहे हैं. और हिमाचल के राजस्व अधिकारियों को वर्तमान सरकार से भारी उम्मीद है नेता विपक्ष और पूर्व मुख्यमन्त्री से निवेदन है कि राजस्व अधिकारियों की दुर्दशा को लेकर चिन्ता न करें.