शिमला,हिमशिखा न्यूज़
ईश्वर का एहसास रखते हुए स्वयं को मानवीय गुणों से युक्त करें
-सत्गुरू माता सुदीक्षा जी महाराज
‘‘हर पल ईश्वर का एहसास रखते हुए अपने आपको मानवीय गुणों से युक्त करें’’ ये
उद्गार निरंकारी सत्गुरू माता सुदीक्षा जी महाराज ने गत दिनों आयोजित वर्चुअल निरंकारी सन्त समागम
में विश्वभर से लाखों की संख्या में उपस्थित निरंकारी श्रद्धालु भक्त एवं प्रभु प्रेमी सज्जनों को सम्बोधित
करते हुए व्यक्त किए। संत निरंकारी मिशन की वेबसाईट द्वारा इस समागम का सीधा प्रसारण किया गया।
उल्लेखनीय है कि विगत् 23 मई से सत्गुरू माता सुदीक्षा जी सप्ताह में तीन बार अपने पावन दर्शन
एवं आशीर्वाद सत्संग के वर्चुअल माध्यम से प्रदान कर रहे हैं।
सत्गुरू माता जी ने एक उदाहरण के माध्यम द्वारा समझाया कि यदि अपनी ही पलकों का बाल
आँख में चला जाता है तो आँख को बड़ी पीड़ा उठानी पड़ती है। उस बाल को निकालने के पश्चात् भी कुछ
देर तक आँख में जलन महसूस होती रहती है। इसी प्रकार से यदि हम किसी के प्रति कोई कठोर वचन
बोलते हैं और भले ही उससे माफ़ी भी माँग लेते हैं तब भी उस व्यक्ति के हृदय में वह चोट रहेगी इसलिए
हमंे अच्छे वचन, मीठी बातें बोल कर प्रत्येक व्यक्ति के हृदय में सकारात्मक जगह बनानी चाहिए।