शिमला,हिमशिखा न्यूज़
सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को बिना लिखित अनुमति तैनाती वाला स्टेशन या मुख्यालय न छोड़ने के आदेश जारी किए हैं। सभी महकमों को भेजे गए इन आदेशों में स्पष्ट किया है कि कोई भी सरकारी कर्मचारी 2 घंटे से ज्यादा की दूरी वाले स्थान पर आना-जाना नहीं कर सकेगा। स्टेशन छोड़ने से पहले उच्चाधिकारियों से स्टेशन लीव लेनी पड़ेगी। बिना अनुमति स्टेशन छोड़ने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी। कार्मिक विभाग ने यह आदेश 26 जून, 2020 को प्रदीप कुमार बनाम हिमाचल प्रदेश राज्य व अन्य से जुड़े मामले में हाईकोर्ट की ओर से जारी आदेश के आधार पर जारी किया है। हालांकि विशेष परिस्थितियों में ही कर्मचारी को मुख्यालय से दूर रहकर आने-जाने के लिए अनुमति लेनी होगी।यह अनुमति कर्मचारी के समय-समय पर आउटपुट व कार्यकुशलता की समीक्षा के आधार पर वापस भी ली जा सकेगी। जरूरी सामाजिक सेवा में तैनात सरकारी कर्मचारियों को ऐसी कोई भी अनुमति प्रदान नहीं की जाएगी।अगर किसी कर्मचारी को ऐसी अनुमति दी जाती है तो वह वित्त विभाग की ओर से जारी आदेशों के अनुसार सिर्फ न्यूनतम हाउस रेंट व कंपनसेटरी भत्ता ले सकेगा। ऐसे कर्मचारी को शिमला में तैनात रहने के दौरान मिलने वाला राजधानी भत्ता भी नहीं मिलेगा। मुख्य सचिव अनिल कुमार खाची की ओर से जारी इन आदेशों में साफ है कि अगर कोई व्यक्ति बिना अनुमति के स्टेशन या मुख्यालय छोड़ता है तो उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।शिक्षकों को गाड़ियां पूल कर एक साथ न आने के आदेश सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के बढ़ते कोरोना मामलों पर शिक्षा विभाग ने गाड़ियां पूल कर एक साथ न आने के आदेश जारी किए हैं। उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमरजीत कुमार शर्मा ने बताया कि प्रदेश के कई स्कूलों में सामने आए संक्रमण के मामलों में देखा गया है कि शिक्षक गाड़ियों में एक साथ बैठकर लंबा सफर कर रहे हैं। इससे संक्रमण फैलने की आशंका अधिक हो रही है। इसके चलते सभी जिला अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि शिक्षकों को सूचित किया जाए कि गाड़ियां पूल कर न आएं।