Spread the love

नेता प्रतिपक्ष बोले- खत्म हो मंदिरों में वीआईपी कल्चर, सबको मिलें समान सुविधाएं

मंदिर में पैसा देकर दर्शन करने की व्यवस्था दुर्भाग्यपूर्ण, सरकार वापस ले फ़ैसला : जयराम ठाकुर

देवभूमि में देवी देवताओं के दर्शन के लिए शुल्क रखना सर्वथा अनुचित

शिमला: नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा माता चिंतपूर्णी के दर्शन के लिए शुल्क का प्रावधान किए जाने का फ़ैसला सर्वथा अनुचित और दुर्भाग्यपूर्ण है। सरकार इस फ़ैसले को तुरंत वापस ले। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश देवभूमि है और देव भूमि में देवी-देवताओं के दर्शन के लिये 1100 रुपये का शुल्क लगाना औचित्यपूर्ण नहीं हैं। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि आज के पहले प्रदेश में ऐसा कभी नहीं हुआ है और हम इस परम्परा के ख़िलाफ़ हैं। उन्होंने कहा कि वीआईपी कल्चर को खत्म करने की ज़रूरत है लेकिन प्रदेश सरकार का फैसला इसे बढ़ावा दे रहा है।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा, “मंदिर में आने वाले लोगों की सुविधाओं का ध्यान रखना और दर्शनार्थियों के लिए सभी प्रकार की सुविधाएं प्रदान करना सरकार का कर्तव्य है। वह किसी श्रद्धालु के साथ भेदभाव नहीं कर सकती।”

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि प्रदेश की आय बढ़ाने के और भी उपाय है। जिसे सरकारें करती रहती हैं लेकिन इस तरह से आय के साधन बढ़ाने का यह सरकारी फ़ैसला ग़लत है। उन्होंने कहा कि सरकार मंदिरों के आस-पास के इंफ़्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाती है। जिससे मंदिरों और शक्तिपीठों में दर्शनार्थी आते हैं और पर्यटन स्वतः बढ़ता और प्रदेश की आय में वृद्धि होती है। यह निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है। 

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि हिमाचल प्रदेश देव भूमि है। हमारे मंदिर और शक्तिपीठ ही हमारी पहचान हैं। आज माता चिंतपूर्णी में वीआईपी दर्शन शुल्क लगा दिया, आगे किसी और मंदिर में लगा देंगे। यह ग़लत परंपरा है और देवभूमि हिमाचल में हम इसे नहीं चलने देंगे। मंदिरों से पर्यटन की गतिविधियां संचालित होती हैं। लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं, उनके आवागमन से ही प्रदेश पर्यटन को लाभ मिलता है। इसलिए सरकार आय के साधन बढ़ाने के अन्य विकल्पों पर गौर करे। प्रदेश के देव स्थानों में वीआईपी दर्शन के लिए शुल्क लगाने की बजाय श्रद्धालुओं की सुविधा का ध्यान रखे।

By HIMSHIKHA NEWS

हिमशिखा न्यूज़  सच्च के साथ 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *