शिमला,हिमशिखा न्यूज़ 15/06/2022
राजधानी शिमला में 16 से 18 जून तक अंतरराष्ट्रीय साहित्य महोत्सव का आयोजन किया जाएगा। साहित्य महोत्सव में भारत सहित 15 देशों के 425 से अधिक लेखक, अनुवादक, फिल्मकार, पत्रकार एवं कलाकार भाग ले रहे हैं, ये 64 कार्यक्रमों में 60 भाषाओं का प्रतिनिधित्व करेंगे। ‘उन्मेष-अभिव्यक्ति का उत्सवÓ शीर्षक से आयोजित हो रहा यह महोत्सव देश का सबसे बड़ा साहित्यिक आयोजन है। उत्सव में भाग लेने अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार विजेता गीतांजलि श्री भी शिमला आएंगी। हिमाचल के 35 साहित्यकार भी इसका हिस्सा बनेंगे।
इसका आयोजन संस्कृति मंत्रालय, साहित्य अकादमी व प्रदेश भाषा, कला एवं संस्कृति विभाग कर रहा है। विभाग के सचिव राकेश कंवर ने बताया कि उत्सव में भारतीय साहित्य पर विचार विमर्श होगा। आजादी के अमृत महोत्सव के तहत इस कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। भाषा, कला एवं संस्कृति विभाग के निदेशक डा. पंकज ललित ने कहा कि यह देश का अब तक का सबसे बड़ा लिटरेचर फेस्टिवल है।
महोत्सव में सोनल मानसिंह, गुलजार, एसएल भैरप्पा, चंद्रशेखर कंबार, किरण बेदी, लिंडा हेस, डेनियल नेगर्स, सुरजीत पातर, नमिता गोखले, कपिल कपूर, आरिफ मोहम्मद खान, विश्वनाथ प्रसाद तिवारी, रघुवीर चौधरी, सितांशु यश्शचंद्र, विश्वास पाटिल, रंजीत होसकोटे, सई परांजपे, दीप्ति नवल, मालाश्री लाल, सुदर्शन वशिष्ठ, प्रत्यूष गुलेरी, एसआर हरनोट, होशांग मर्चेंट, लीलाधर जगूड़ी, अरुण कमल, बलदेव भाई शर्मा, सतीश अलेकर एवं विष्णु दत्त राकेश सहित कई हस्तियां शामिल होंगी। महोत्सव का उद्घाटन 16 जून को गेयटी थियेटर में होगा। इसमें केंद्रीय संस्कृति व संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, मीनाक्षी लेखी और आंध्रप्रदेश के राज्यपाल विश्व भूषण हरिचंदन उपस्थित रहेंगे।
महोत्सव में परिचर्चा, प्रस्तुति, कहानी एवं कविता पाठ में विविध विषयों पर विचार विमर्श होगा। कुछ मुख्य विषयों में ‘साहित्य और सिनेमा, विश्व की कालजयी कृतियां और भारतीय लेखन, आदिवासी लेखन, एलजीबीटीक्यू लेखकों का लेखन, मीडिया और साहित्य, भक्ति साहित्य और अनुवाद के माध्यम से सांस्कृतिक एकताÓ आदि शामिल हैं।
सांस्कृतिक कार्यक्रमों के अंतर्गत सोनल मानसिंह भरतनाट््यम, पी. जयभास्कर, नाथूलाल सोलंकी व महमूद फारुकी की प्रस्तुति मुख्य आकर्षण होगी।
एक हजार पुस्तकें
महोत्सव सभी साहित्य प्रेमियों के लिए हर दिन निश्शुल्क है। इस में भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन से संबंधित एक हजार पुस्तकों को प्रदर्शित किया जाएगा और पांच भारतीय प्रकाशकों की पुस्तकें बिक्री के लिए भी उपलब्ध होंगी।