शिमला,हिमशिखा न्यूज़।17/06/2022
धाली स्कूल में 61 बच्चे नियमित अध्यापक कोई नहीं
एक सप्ताह में अध्यापक के पद नही भरे तो किसाना सभा करेगी धरना प्रदर्शन
मशोबरा ब्लाॅक की पीरन पंचायत के राजकीय प्रायमरी स्कूल धाली में 61 बच्चों को पढ़ाने वाला कोई रेगुलर अध्यापक नहीं है जिसके चलते बच्चों का जीवन अंधकारमय बन चुका है । जिस बारे हिमाचल प्रदेश किसान सभा के अध्यक्ष डाॅ0 कुलदीप तंवर ने सरकार और विशेषकर शिक्षा विभाग को चेतावनी दी है कि यदि एक सत्ताह के भीतर नियमित अध्यापक की नियुक्ति नहीं की गई तो किसान सभा शिक्षा निदेशालय के समक्ष धरना प्रदर्शन करेगी ।
डाॅ0 कुलदीप तंवर द्वारा शुक्रवार को मिडिया को जारी बयान में कहा है कि धाली स्कूल में अधिकांश बच्चे गरीब व अनुसूचित जाति वर्ग के पढ़ते हैं और बीते दो वर्षों से इस स्कूल में कोई भी नियमित अध्यापक नहीं है । बता दें कि बीते आठ मार्च को स्कूल के पुराने क्षतिग्रस्त भवन के दो पिल्लर गिरने से बच्चे बाल बाल बच गए थे । जिस बारे किसान सभा की चेतावनी पर सरकार द्वारा एक नियमित अध्यापक भेजा गया था जिसका तीन माह बाद तबादला कर दिया गया है । इसके अतिरिक्त किसान सभा का डेपूटेशन शिमला मेें निदेशक प्रारंभिक शिक्षा से मिला था और स्कूल के तीन कमरों के लिए पौने दस लाख की राशि स्वीकृत करवाई गई ।स्थानीय लोगों के अनुसार 1964 में पीरन पंचायत के धाली में प्रायमरी स्कूल खुला था । अर्थात 58 साल बीत जाने के उपरांत इस स्कूल में वर्तमान बच्चों के बैठने के लिए केवल एक कमरा है जिसकी हालत बहुत दयनीय है । एक कमरे में बीते कई वर्षों से ं पहली से पांचवी कक्षा तक के 61 बच्चे ठूंस ठूंस कर बैठ रहे हैं । विभाग द्वारा औपचारिकता स्वरूप एक शिक्षक को डेपुटेशन पर भेजा जाता है । इसी प्रकार प्राथमिक स्कूल गानिया और नालटा में भी एक एक अध्यापक के सहारे स्कूल चल रहे हैं ।डाॅ0 तंवर का कहना है कि विधानसभा क्षेत्र में शिक्षण व स्वास्थ्य संस्थानों की हालत बहुत दयनीय है । चुने हुए प्रतिनिधि हमेशा वोट की राजनीति करते रहे । शिक्षा की बेहतर व्यवस्था न होने पर इस क्षेत्र के बच्चों को किसी भी प्रतियोगितात्मक परीक्षा में भाग लेने से भय लगता है । उप निदेशक प्रारंभिक शिक्षा शिमला अशोक शर्मा ने बताया कि स्कूल में शीघ्र ही डेपूटेशन पर किसी अध्यापक को तैनात किया जाएगा ।