शिमला,हिमशिखा न्यूज़ 22/07/2022
प्रदेश के प्रतिष्ठित एकमात्र स्नातकोत्तर सिस्टर निवेदिता गवर्नमेंट नर्सिंग कॉलेज में प्रधानाचार्य का पद 2 साल से खाली कॉलेज की मान्यता पर लटकी तलवार सबसे जूनियर को दिया कार्यभार
शिमला । सिस्टर निवेदिता गवर्नमेंट नर्सिंग कॉलेज प्रदेश का एकमात्र ऐसा संस्थान है जहां पर सरकारी क्षेत्र में स्नातकोत्तर डिग्री कोर्स चल रहा है । इस संस्थान की हालत बहुत ही दयनीय है क्योंकि बीते 2 साल से प्रधानाचार्य का पद खाली चल रहा है। जबकि उप प्रधानाचार्य का पद वर्ष 2018 में सृजित हो गया था को भी अभी तक भरना तो दूर उसके लिए भर्ती एवं पदोन्नति नियम विभाग नहीं बना पाया है । इससे भी ज्यादा हैरत का विषय यह है कि उक्त पद के बिना स्नातकोत्तर कोर्स कॉलेज में चल ही नहीं सकता । विभाग ने इस पद को भरने के बजाय अपने चहेते एक जूनियर टीचर को लाभ देने को लिए उप प्रधानाचार्य के पद को वर्ष 2023 तक निलंबन में डाल दिया है और अपनी चहेती को एसोसिएट प्रोफेसर बना दिया अब हालत यह है कि इस एसोसिएट को जहां प्रधानाचार्य के पद पर कार्यभार दिया है वही उप प्रधानाचार्य के पद पर भी कुंडली मारी है जिसको अनुचित लाभ देने के लिए न ही प्रधानाचार्य का पद व न ही उप प्रधानाचार्य का पद विभाग द्वारा भरा गया है। जिसकी वजह से कालेज में शिक्षा प्राप्त कर रही छात्राओं के भविष्य पर तलवार लटकती नजर आ रही है । इन पदों के लिए आरएंडपी यानी भर्ती एवं पदोन्नति नियमों के संशोधन का मामला भी वर्ष 2018 से प्रदेश सरकार व विभाग के पास लंबित पड़ा है और सरकार व विभाग इसे अभी तक सिरे नहीं चढ़ा पाया है। कॉलेज टीचर्स एसोसिएशन ने इस मामले में प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री वह संसदीय कार्य मंत्री सहित वर्तमान व पूर्व स्वास्थ्य मंत्री, वर्तमान पूर्व स्वास्थ्य सचिव को दर्जनों बार अवगत कराया लेकिन अभी तक इन्हें भरने व नियमों में संशोधन करने के लिए कोई कार्यवाही अमल में नहीं लाई गई है जबकि सरकार का कार्यकाल भी पूरा होने को आ गया है। हैरानी की बात है कि सरकार इस कॉलेज की सुध अभी तक नहीं ले पाई है। बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ अभियान चला रही सरकार द्वारा संस्थान को तवज्जो ना दिए जाने से यहां की फैकल्टी में भारी रोष है । इस पर दुर्भाग्य की बात यह है कि कॉलेज के प्रधानाचार्य का कार्य एक जूनियर टीचर को दिया गया है जिसकी वजह से कॉलेज में अनुशासनहीनता का बोलबाला है प्रधानाचार्य पद के लिए छह वरिष्ठों की योग्यता को दरकिनार करके हितैषी टीचर को जूनियर होते हुए भी कॉलेज का जिम्मा सौंपा हुआ है जोकि बहुत निंदनीय है इसके साथ ही यह सरकार हितैषी टीचर अपनी सेवा विस्तार लेने के लिए आजकल सचिवालय के गलियारों में चक्कर काटती फिर रही है।