प्रधानमंत्री के साथ हैं देश और देवभूमि हिमाचल के लोग : जयराम ठाकुर
अपने मंत्रियों पर लगाम लगाएं मुख्यमंत्री, देश के ख़िलाफ़ बोलकर किसका भला कर रहे
*भारत के बजाय पाकित्सान के पाले में खड़े हैं कांग्रेस के नेता*
*राजनीति में असहमति आम बात लेकिन देश नीति पर मतभेद शर्मनाक*
शिमला : शिमला के आशियाना में आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि आतंकवाद के ख़िलाफ़ देश की लड़ाई में देश और देवभूमि हिमाचल के लोग प्रधानमंत्री के साथ कंधे से कंधा मिलाकर साथ खड़े हैं। पूरी दुनिया के नेताओं ने भारत को आतंक की लड़ाई में सहयोग देने के साथ ही पाकिस्तान के कृत्य की कड़ी निंदा की है। लेकिन देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस के नेताओं और हिमाचल प्रदेश सरकार के मंत्रियों को ही सरकार की कार्रवाई पर भरोसा नहीं है। इसीलिए कांग्रेस के नेताओं के द्वारा भारत के पक्ष में बात कहने के बजाय पाकिस्तान के पक्ष में बात कही जा रही है। कांग्रेस के नेता अपने बयानों में पाकिस्तान की भाषा बोल रहे हैं। उनके द्वारा देश के ख़िलाफ़ कही गई बातों से किसे फ़ायदा हो रहा है? यह पूरा देश देख रहा है। पूरा देश जानता है कि पाकिस्तान के ख़िलाफ़ भारत कड़ी कार्रवाई करेगा। कुछ बहुत बड़ा होने वाला है, बहुत जल्दी होने वाला है। प्रधानमंत्री ने सेना को फ्री हैंड दे दिया है। आज के ही दिन चार बड़ी मीटिंग्स की अध्यक्षता प्रधानमंत्री कर रहे है। जिसमें देश की सुरक्षा की कैबिनेट कमिटी के साथ-साथ राजनैतिक और आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमेटी की बैठकों के साथ-साथ आज केंद्रीय कैबिनेट की बैठक भी शामिल है। बीते कल प्रधानमंत्री ने देश रक्षा मंत्री, एनएसए, सीडीएस और तीनों सेनाओं के प्रमुखों तथा गृह मंत्री के साथ भी बैठक कर चुके हैं।
जयराम ठाकुर ने कहा कि आतंकी हमला होने के बाद देश के प्रधानमंत्री ने अपना विदेशी दौरा रद्द करके भारत आए और एयर पोर्ट पर ही उन्होंने मीटिंग्स ली। घटना होने के तुरंत बाद देश के गृह मंत्री अमित शाह कश्मीर गए और सैन्य बलों द्वारा चलाए जा रहे अभियान में सैनिकों का मनोबल बढ़ाया और सभी मृतकों को श्रद्धांजलि देने के साथ-साथ उनके पार्थिव शरीर को उनके घरों तक पहुंचाने के प्रबंध के बाद वापस लौट। घटना के दो दिन बाद ही सुरक्षा की कैबिनेट कमेटी की बैठक हुई और उसमें पाकिस्तान के साथ हुए सिंधु जल संधि के समझौते को निलंबित कर दिया। राजनयिकों को वापस भेजने और पाकिस्तानी नागरिकों को देश छोड़ने के आदेश दिए गए। यह अपने आप में बहुत बड़ा फैसला है। इसी फैसले से पाकिस्तान बिलबिला उठा और बड़ी-बड़ी गीदड़ भभकियां देने लगा है। केंद्र सरकार के इस फैसले का परिणाम पाकिस्तान समझता है कि किस तरह से वह पानी की बूंद-बूंद को तरस जाएगा। पाकिस्तान अपनी चौतरफा घेराबंदी से घबराया हुआ है। लेकिन कांग्रेस के नेताओं ने देश के विरुद्ध अलग ही मोर्चा खोला हुआ है। राजनीति अपनी जगह है, सत्ता पक्ष और विपक्ष एक दूसरे पर अलग अलग राय रखते हैं लेकिन देश नीति के ख़िलाफ़ जाना किसी भी प्रकार से विपक्ष के लिए शोभा नहीं देता है।
दुनिया भर की मीडिया की रिपोर्ट से साफ़ है कि भारत के द्वारा की जाने वाली कार्रवाई के डर से पाकिस्तान में अफ़रातफ़री का माहौल है। पाकिस्तान में सैनिको का सामूहिक इस्तीफ़ा हो रहा है। पाकिस्तान के मंत्री कहते हैं कि भारत कड़ी कार्रवाई करने वाला है। पाकिस्तान की सेना और सरकार को भी भरोसा है कि भारत कड़ी कार्रवाई करने वाला है लेकिन कांग्रेस के नेताओं को इस बात का भरोसा नहीं है। कांग्रेस अपने सोशल मीडिया के राष्ट्रीय पेज पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर को ‘सर तन से जुदा’ की भावना के साथ प्रोत्साहित कर रही है। नेशनल पेज पर इस तरह के चित्र क्या बिना कांग्रेस की कोर कमेटी के नेताओं के सहमति के लगाया जा सकता है। इतने संवेदनशील समय में कांग्रेस द्वारा की गई यह हरकत उनकी सोच को दर्शाता है। इसी के साथ ही हिमाचल सरकार के मंत्रियों द्वारा देश के विरुद्ध दिए गए बयानों के लिए माफी मांगही चाहिए। ऐसे लोग मंत्री पद पर रहने लायक नहीं हैं उन्हें तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए। मुख्यमंत्री भी अपने ऐसे नेताओं पर लगाम लगाए। बोलने की सीमा होनी चाहिए लेकिन कांग्रेस के नेताओं ने यह सीमा पार कर दी है।