राज्यपाल ने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के 56वें स्थापना दिवस की अध्यक्षता की
राष्ट्र निर्माण में नैतिकता, नवाचार और युवाओं की महत्त्वपूर्ण भूमिका
राज्यपाल एवं विश्वविद्यालय के कुलपति शिव प्रताप शुक्ल ने आज हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के 56वें स्थापना दिवस समारोह में बतौर मुख्य अतिथि भाग लिया। उन्होंने इस अवसर पर शिक्षकों, विद्यार्थियों, पूर्व छात्रों और कर्मचारियों को शुभकामनाएं दीं।
राज्यपाल ने विश्वविद्यालय की 50 वर्षों से अधिक की गौरवशाली विरासत और शिक्षा के क्षेत्र में इसके योगदान की सराहना की। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय केवल शिक्षा का केंद्र नहीं है बल्कि यह नैतिक मूल्यों, नवाचार और चरित्र निर्माण का केंद्र है। उन्होंने शिक्षकों और विद्यार्थियों से नैतिक मूल्यों पर आधारित शिक्षा को बढ़ावा देने और अनुसंधान व नवाचार पर विशेष ध्यान की आवश्यकता पर बल दिया।
राज्यपाल ने विश्वविद्यालय की प्रगति पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि एक समय यह संस्थान केवल 8 विभागों के साथ शुरू हुआ था, वहीं आज इसमें 52 विभाग हैं और जहां 7000 से अधिक विद्यार्थी व 1100 से अधिक शोधार्थी अध्ययन कर रहे हैं।
उन्होंने विश्वविद्यालय में स्थापित पांच नए बहुविषयक अनुसंधान और नवाचार केंद्रों की सराहना की। उन्होंने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति का उद्देश्य शिक्षा को समावेशी, आधुनिक और परिणामोन्मुखी बनाना है और विश्वविद्यालय को इसमें सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए।
राज्यपाल ने अपने ‘नशामुक्त हिमाचल’ अभियान का उल्लेख करते हुए युवाओं से नशे के खिलाफ जागरूकता फैलाने और समाज को स्वस्थ और नशामुक्त बनाने में आगे आने का आह्वान किया। उन्होंने राज्य में प्राकृतिक आपदाओं की बढ़ती घटनाओं पर चिंता जताई और विकास की योजनाओं में पर्यावरण संरक्षण को प्राथमिकता देने पर बल दिया।
उन्होंने कहा कि राजनीति, विज्ञान, कानून, साहित्य और खेल सहित अन्य क्षेत्रों में कई प्रसिद्ध हस्तियां इसी विश्वविद्यालय से शिक्षा ग्रहण कर चुकी हैं। उन्होंने सभी से 2047 तक विकसित भारत के निर्माण में अपना योगदान देने की अपील की।
इस अवसर पर राज्यपाल ने विश्वविद्यालय की छात्र पत्रिका परिसंवाद, जर्नल हिमशिखर और नशा विरोधी गतिविधियों की रिपोर्ट का विमोचन भी किया।
कार्यक्रम में डॉ. मदन जालटा ओर विश्वविद्यालय के छात्र नवनीता व लक्ष्य ने नशा निवारण पर आधारित लोकगीत प्रस्तुत किए और सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी दीं।
कुलपति प्रो. महावीर सिंह ने राज्यपाल का स्वागत करते हुए विश्वविद्यालय के समग्र विकास और नए बहुविषयक केंद्रों के उद्देश्यों की जानकारी दी। उन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और नवाचार को शिक्षा का भविष्य बताया।
प्रति कुलपति प्रो. राजेंद्र वर्मा ने भी अतिथियों का स्वागत किया और विश्वविद्यालय की उपलब्धियां साझा की।
कार्यक्रम में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि के रूप में हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान, गृह मंत्रालय, भारत सरकार के बीच एक समझौता ज्ञापन भी हस्ताक्षरित हुआ।
विश्वविद्यालय की ओर से कुलसचिव और एनआईडीएम की ओर से कर्नल मनोरम यादव ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय में हाल ही में स्थापित उत्कृष्टता केंद्रों की भी जानकारी दी गई। इनमें ग्रीन एनर्जी और नैनोटेक्नोलॉजी सेंटर, हिमालयन डिजास्टर रिस्क रिडक्शन एंड रेजिलिएंस सेंटर, साइबर फिजिकल सिस्टम्स पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सेंटर, रामानुजन भारतीय ज्ञान प्रणाली एवं गणित केंद्र और पहाड़ी संस्कृति एवं धरोहर केंद्र शामिल हैं।
निदेशक राजीव गांधी कैंसर अस्पताल डॉ. सुमित गोयल दिल्ली ने भी इस अवसर पर संबोधित किया और कैंसर उन्मूलन के तरीकों पर प्रकाश डाला।
कार्यक्रम का समापन विश्वविद्यालय के कुलसचिव ज्ञान सागर नेगी द्वारा धन्यवाद प्रस्ताव के साथ हुआ।
इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष रामेश्वर ठाकुर, विश्वविद्यालय अकादमिक समुदाय के सदस्य, विद्यार्थी, पूर्व छात्र और अन्य गणमान्य उपस्थित रहे।