आईआईटी मंडी को ‘यूनिवर्सिटी ऑफ द ईयर’ का खिताब, नवाचार, रोजगार एवं उद्यमिता उत्कृष्टता के लिए सम्मानित
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मंडी ने एक और ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। संस्थान को एफआईसीसीआई हायर एजुकेशन एक्सीलेंस अवार्ड्स 2025 में दो प्रतिष्ठित श्रेणियों में सम्मानित किया गया है — ‘यूनिवर्सिटी ऑफ द ईयर (स्थापित)’ और ‘एक्सीलेंस इन क्रिएटिंग एम्प्लॉयमेंट एंड एंटरप्रेन्योरशिप’।
इन पुरस्कारों से सम्मानित करने का कार्य माननीय केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी ने नई दिल्ली में आयोजित फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (एफआईसीसीआई) द्वारा आयोजित समारोह में कियाये सम्मान आईआईटी मंडी के उल्लेखनीय योगदान को रेखांकित करते हैं, जिसने नवाचार, उद्यमिता और रोजगार सृजन को प्रोत्साहित करने के लिए एक अनूठा पारिस्थितिकी तंत्र विकसित किया है। यह पारिस्थितिकी तंत्र अकादमिक अनुसंधान, उद्योग सहयोग और सामुदायिक विकास को एक साथ जोड़ते हुए सार्थक परिवर्तन लाने का कार्य कर रहा है।
हिमालयी क्षेत्र में स्थापित भारत के पहले टेक्नोलॉजी बिजनेस इनक्यूबेटर ‘आईआईटी मंडी कैटेलिस्ट’ ने अब तक 400 से अधिक स्टार्टअप्स को प्रोत्साहित किया है, जिससे बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन हुआ है और देशभर में टेक्नोलॉजी-प्रेरित उद्यमिता को बढ़ावा मिला है।
इस अवसर पर अपनी खुशी व्यक्त करते हुए प्रो. लक्ष्मिधर बेहरा, निदेशक, आईआईटी मंडी ने कहा,
“यह सम्मान पूरे आईआईटी मंडी परिवार के लिए गर्व का क्षण है। यह हमारे संस्थान की उस प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जिसके तहत हम नवाचार और उद्यमिता की एक सशक्त संस्कृति का निर्माण कर रहे हैं, जो राष्ट्र की प्रगति को गति देती है। मैं इस उपलब्धि को हमारे संकाय सदस्यों, छात्रों और कर्मचारियों को समर्पित करता हूँ, जिनकी निष्ठा और रचनात्मकता ने आईआईटी मंडी को एक वास्तव में परिवर्तनकारी संस्थान बनाया है।”
अनुसंधान के व्यावहारिक उपयोग, नवाचार-प्रधान पाठ्यक्रम और रणनीतिक उद्योग साझेदारी पर बल देते हुए, आईआईटी मंडी ऐसे पेशेवरों और नवोन्मेषकों को तैयार करने के लिए प्रतिबद्ध है, जो ‘आत्मनिर्भर भारत’ के दृष्टिकोण को साकार करने में योगदान दें।
रचनात्मकता और सहयोग की संस्कृति को प्रोत्साहित करते हुए, संस्थान भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए सशक्त स्थिति में है और सामाजिक एवं आर्थिक प्रगति को दिशा देने में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। अपने अनुसंधान कार्यक्रमों और उद्योग साझेदारियों के माध्यम से आईआईटी मंडी सतत एवं समावेशी विकास का एक नया मॉडल प्रस्तुत कर रहा है, जिससे छात्र अपने-अपने क्षेत्रों में नेतृत्वकर्ता और परिवर्तनकर्ता बन रहे हैं।
आईआईटी मंडी के बारे में:आईआईटी मंडी देश के दूसरे चरण के शीर्ष IIT संस्थानों में से एक है, जो हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले केकमांड घाटी में स्थित है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा स्थापित आठ नए IIT मेंसे एक, यह संस्थान राष्ट्रीय महत्व के संस्थान के रूप में मान्यता प्राप्त है। संस्थान का स्थायी परिसरमंडी शहर से लगभग 14 किलोमीटर दूर स्थित है और यह उत्तर और दक्षिण कैंपस में विभाजित है।अपने स्थापना काल से ही संस्थान ने ₹120 करोड़ से अधिक की लागत वाले 275 से अधिक अनुसंधानएवं विकास (R&D) परियोजनाओं पर काम किया है। विगत वर्षों में संस्थान ने 11 अंतरराष्ट्रीय और 12 राष्ट्रीय विश्वविद्यालयों के साथ सहयोग समझौते (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं।