हिमाचल प्रदेश सरकार और रेडबस ने दूरस्थ हिमालयी समुदायों तक क्लियर विज़न पहुँचाने के लिए विज़न स्प्रिंग फ़ाउंडेशन के साथ हाथ मिलाया
शिमला,हिमाचल प्रदेश सरकार, दुनिया के सबसे बड़े ऑनलाइन बस टिकटिंग प्लेटफ़ॉर्म, रेडबस और विज़न स्प्रिंग फ़ाउंडेशन के साथ मिलकर, वंचित हिमालयी समुदायों को विज़न केयर सेवाएँ प्रदान कर रही है।इसका लक्ष्य हिमाचल प्रदेश में नेत्र जाँच, चश्मा वितरण, विज़न केयर रेफरल और जागरूकता अभियानों के माध्यम से 5,000 लोगों तक पहुँचना है।हिमाचल प्रदेश सरकार और रेडबस इस पहल का समर्थन कर रहे हैं, जो विज़न स्प्रिंग फ़ाउंडेशन के व्यापक मिशन का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य भारत भर में उन 55 करोड़ लोगों की मदद करना है जिनके पास स्पष्ट रूप से देखने के लिए आवश्यक चश्मे नहीं हैं।इनमें हिमाचल प्रदेश के 30 लाख लोग शामिल हैं जिनके पास विज़न केयर की सीमित या कोई पहुँच नहीं है।चश्मा एक सिद्ध, किफ़ायती समाधान है, जो कमाई की क्षमता को 33.4 प्रतिशत तक और उत्पादकता को 32 प्रतिशत तक बढ़ा सकता है।क्लियर विज़न स्कूलों में बच्चों के सीखने के परिणामों को भी बेहतर बना सकती है और ड्राइवरों और परिवहन कर्मचारियों के लिए सड़कों व यातायात को सुरक्षित बना सकती है।9 अक्टूबर से 18 अक्टूबर 2025 तक, विज़न स्प्रिंग फ़ाउंडेशन की टीम, सरकारी अधिकारी, नेत्र स्वास्थ्य विशेषज्ञ और दुनिया भर के स्कूली बच्चे हिमालय में ट्रैकिंग करेंगे और शिमला, रोहड़ू, जिस्कुन, जाखा, रूपिन दर्रा, रिकांगपियो और सांगला जैसे शिमला और किन्नौर जिलों के महत्वपूर्ण और दूरदराज के इलाकों का दौरा करेंगे।चितकुल, जो भारत का पहला गाँव है, के समुदायों के लिए और दोनों जिलों में, खास कर रिकांगपियो के पास, दुनिया की कुछ सबसे खतरनाक सड़कों पर वाहन चालकों के लिए भी नेत्र जांच की जाएगी।इसका उद्देश्य चश्मे और नेत्र देखभाल के माध्यम से क्लियर विज़न के उपहार को इन दूरदराज और उपेक्षित लोगों तक पहुँचाना और राज्य में स्पष्ट दृष्टि के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाना है।हस्तक्षेप पहले ही शुरू हो चुका है और ट्रेक पूरा होने के बाद भी जारी रहेगा।
विज़न स्प्रिंग के मिशन के संस्थापक डॉ. जॉर्डन कसालो ने कहा: “दो दशकों से भी ज़्यादा समय से, विज़न स्प्रिंग का मिशन एक साधारण विश्वास से प्रेरित रहा है: हर किसी को स्पष्ट रूप से देखने का अधिकार है, चाहे वे कहीं भी रहते हों।क्लियर विज़न ट्रेक दुनिया के कुछ सबसे चुनौतीपूर्ण इलाकों में जीवन बदल देने वाले चश्मे उन लोगों तक पहुँचाएगा जिन्हें इसकी सबसे ज़्यादा ज़रूरत है।हिमालय में हमारा हर कदम न केवल हमारी ताकत की परीक्षा लेगा, बल्कि हमें हमारे साझा उद्देश्य की भी याद दिलाएगा।हम हिमाचल प्रदेश सरकार और अन्य सहयोगियों के आभारी हैं जिन्होंने हमें शानदार रूपिन दर्रे को हज़ारों लोगों के लिए आशा और स्पष्ट दृष्टि का मार्ग बनाने में मदद की।
क्लियर विज़न ट्रेक – हिमालय (रूपिन पास2025) का शुभारंभ शिमला में एक कार्यक्रम में हिमाचल प्रदेश के श्री संजय गुप्ता, मुख्य सचिव, हिमाचल प्रदेश सरकार ने किया।यह कार्यक्रम राज्य में वर्ल्ड साइट डे 2025 समारोह का एक हिस्सा था।वर्ल्ड साइट डे प्रतिवर्ष अक्टूबर के दूसरे गुरुवार (2025 के लिए 9 अक्टूबर) को मनाया जाता है और यह अंधेपन और दृष्टिदोष की ओर ध्यान आकर्षित करने के लिए एक वैश्विक कार्यक्रम है।इस कार्यक्रम में मंत्रियों, वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों, कॉर्पोरेट्स, गैर सरकारी संगठनों, नेत्र देखभाल पेशेवरों, चिकित्सा विशेषज्ञों, स्वास्थ्य सेवा समुदाय और महत्वपूर्ण गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया।हिमाचल प्रदेश सरकार, राष्ट्रीय अंधता एवं दृष्टिदोष नियंत्रण कार्यक्रम (एनपीसीबीवीआई), रेडबस, विजन स्प्रिंग फाउंडेशन, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और इंडिया हाइक्स इस पहल के कुछ प्रमुख भागीदार हैं।
हिमाचल प्रदेश के माननीय मुख्य सचिव, श्री संजय गुप्ता ने कहा हम हिमाचल प्रदेश सरकार के साथ साझेदारी में ऐसे प्रतिष्ठित संगठनों के प्रयासों की सराहना करते हैं जो हिमाचल प्रदेश के कुछ सबसे दुर्गम समुदायों में ज़रूरतमंद लोगों की आँखों की जाँच कर रहे हैं और उन्हें चश्मे उपलब्ध करा रहे हैं।उत्पादकता, दक्षता और सीखने के परिणामों को बेहतर बनाने के लिए स्पष्ट दृष्टि आवश्यक है।जीवन की गुणवत्ता बनाए रखना और सड़क सुरक्षा सुनिश्चित करना भी महत्वपूर्ण है, खासकर हमारे जैसे पहाड़ी राज्य में।यह पहल न केवल हज़ारों लोगों के जीवन में एक बड़ा बदलाव लाएगी, बल्कि राज्य में आँखों की जाँच, चश्मों और आँखों के स्वास्थ्य की ज़रूरत के बारे में व्यापक जागरूकता भी पैदा करेगी।हमारी सरकार इस महत्वपूर्ण और नेक पहल में भागीदार बनकर प्रसन्न है,