किसानों-बागवानों को कृषि की आधुनिक तकनीक अपनाने, नकदी फसलें उगाने तथा प्राकृतिक खेती की ओर प्रेरित करने के किए जा रहे प्रयास – विक्रमादित्य सिंह
लोक निर्माण मंत्री ने ग्राम पंचायत चनावग के हशकरधार में खंड स्तरीय किसान सम्मेलन में मुख्यातिथि के रूप में दी अपनी उपस्थिति
हिमाचल प्रदेश के लोक निर्माण एवं शहरी विकास मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि सरकार द्वारा कृषि विभाग के माध्यम से किसानों-बागवानों को कृषि की आधुनिक तकनीक अपनाने, नकदी फसलें उगाने तथा प्राकृतिक खेती की ओर प्रेरित करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
वह आज शिमला ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र की आखिरी एवं दूरदराज पंचायत चनावग के हशकरधार में एक दिवसीय खंड स्तरीय किसान सम्मेलन में मुख्यातिथि के रूप में शामिल होने के उपरांत किसान सम्मेलन में उपस्थित ग्रामीणों को संबोधित कर रहे थे।
शिमला ग्रामीण विस क्षेत्र की 540 हेक्टेयर भूमि प्राकृतिक खेती के तहत कवर
उन्होंने कहा कि किसानों को आर्थिक रूप से सुदृढ़ करने के लिए सरकार द्वारा प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। प्राकृतिक खेती प्रदेश में 2018 में आरंभ की गई थी और 2018 से वर्तमान तक 2.22 लाख किसान प्राकृतिक खेती अपनाकर अपनी आर्थिकी सुदृढ़ कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि किसानों को आधुनिक खेती अपनाने के लिए अब तक 5.50 करोड़ खर्च किए जा चुके है जिससे लगभग 35 हजार किसानों को लाभ मिला है। जिला शिमला में 50 कलस्टर क्रियाशील है जिसके तहत जिला में 3734 हेक्टेयर भूमि प्राकृतिक खेती के अधीन लाई गई है जिसमें शिमला ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र की 540 हेक्टेयर भूमि को प्राकृतिक खेती के तहत कवर किया गया है।
पंचायत क्षेत्र के विकास की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार के दौरान चनावग पंचायत के विकास के लिए लगभग 18 लाख रुपये की राशि स्वीकृत की गई है। उन्होंने हशकरधार में बंद हुए प्राथमिक स्कूल को पुनः खोलने के लिए ग्रामीणों को बधाई देते हुए कहा कि दूरदराज के बच्चों को घर द्वार पर शिक्षा उपलब्ध करवाना सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला चनावाग के ग्राउंड की दीवार लगाने के लिए 20 लाख रुपए की राशि स्वीकृत की गई है जिसकी टेंडर प्रक्रिया आरंभ कर दी गई है। उन्होंने कहा कि जूड से खुराना संपर्क सड़क को लोक निर्माण विभाग द्वारा हैंडओवर कर निर्माण किया जाएगा जबकि जुडला से हशकरधार के लिए प्राथमिकता के आधार पर सड़क बनाई जाएगी जिसका सर्वे एवं प्राक्कलन तैयार करने के लिए उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए।
पेयजल योजनाओं पर व्यय हो रहे 11 करोड़ से अधिक
उन्होंने कहा कि 3.20 करोड़ की राशि गलोग घंडल उठाऊ पेयजल योजना तथा बसंतपुर कलवी उठाऊ पेयजल योजना पर 4.75 करोड़ की राशि खर्च की जा रही है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र के लिए 3.19 करोड़ से निर्मित की जा रही सैंज-मचराणा उठाऊ पेयजल योजना का 70 प्रतिशत कार्य पूर्ण कर लिया गया है इस योजना के रुके कार्य को पूर्ण करने के लिए अतिरिक्त बजट का प्रावधान कर इस योजना को पूर्ण किया जाएगा। इस योजना के बनने से इस क्षेत्र की दो पंचायतों चनावग और नेहरा के लोगों को पेयजल की पर्याप्त सुविधा मिलेगी।
2 सड़कों के लिए 7 लाख, सामुदायिक भवन के लिए 02 लाख देने की घोषणा
उन्होंने चनावग से हरसंगधार संपर्क सड़क के लिए 5 लाख रुपए, धामरा डोरा से दुर्गापुर संपर्क सड़क निर्माण के लिए 2 लाख रुपए तथा हशकरधार में सामुदायिक भवन बनाने के लिए 2 लाख रुपए की राशि देने की घोषणा की।
परियोजना निदेशक आत्मा डीसी कश्यप ने किसान सम्मेलन में प्राकृतिक खेती को अपनाने से संबंधित विस्तृत जानकारी देने के साथ-साथ कृषि विभाग की विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी।
स्कूली बच्चों द्वारा सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी दी गई। मुख्यातिथि ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करने वाले बच्चों को 11 हजार रुपए अपनी ऐच्छिक निधि से देने की घोषणा की।
यह भी रहे उपस्थित
इस अवसर पर अध्यक्ष पंचायत समिति बसंतपुर कर्म चंद, अध्यक्ष नगर परिषद सुन्नी प्रदीप शर्मा, मंडल कांग्रेस पूर्व अध्यक्ष गोपाल शर्मा, उपनिदेशक कृषि विभाग अजब नेगी, नायब तहसीलदार सुन्नी राकेश शर्मा, बीडीसी सदस्य मधु, अध्यक्ष यूथ कांग्रेस दीपक शर्मा, अध्यक्ष किसान एडवाइजरी कमेटी बेसर दास हरनोट, प्रधान ग्राम पंचायत चनावग कृष्णा शर्मा, नेहरा प्रधान मीरा शर्मा, चलाहल प्रधान पूनम, थाची प्रधान लाजवंती शर्मा, हर्षिंग देवता कमेटी के सरपंच चेतराम, समस्त विभागों के अधिकारी, आसपास की पंचायत के पंचायत प्रतिनिधि तथा बड़ी संख्या में क्षेत्र के लोग किसान सम्मेलन में उपस्थित रहे।