शिमला,हिमशिखा न्यूज़
हिमाचल प्रदेश युवा कांग्रेस व NSUI द्वारा पिछले दिनों हिमाचल सरकार द्वारा कैबिनेट की बैठक में हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के अंतर्गत आने वाले सभी कॉलेजों में प्रथम,द्वितीय और तृतीय वर्ष के छात्रों की परीक्षा जुलाई और अगस्त में करवाने का फैसला लिया गया था। हिमाचल सरकार के इस फैसले के बाद प्रदेश के करीब 2 लाख छात्रों के बीच अपने जीवन को लेकर असुरक्षा और डर का माहौल बनने लगा जिसका मुख्य कारण है कि अभी कुछ ही दिन बीते है जब हिमाचल में कोरोना की दूसरी लहर के कारण सरकार द्वारा लगाए गए लॉकडाउन को हटाया गया है।कोरोना की दूसरी लहर में हिमाचल सहित पूरे भारत मे लोग बहुत प्रभावित हुए और लाखों लोगों को अपनी जान भी गवानी पड़ी। हिमाचल में भी ज़्यादा मौते कोरोना की दूसरी लहर में ही हुई है, कोरोना की दूसरी लहर पर अभी भी पूरी तरह से काबू नहीं पाया जा सका है और दूसरी लहर में ज्यादा मौते 40 वर्ष से कम के लोगो यानी नौजवानों की हुई क्योंकि उन्हें कोरोना वैक्सीन की एक भी डोज नही लगी थी, यही डर छात्रों को भी सता रहा है क्योंकि अभी 18 से 44 वर्ष के सिर्फ 20% लोगों को कोरोना की पहली डोज लगी है,सरकार के पास वैक्सीन की कमी रजिस्ट्रेशन की कुव्यवस्था इसका सबसे बड़ा कारण है, मेडिकल साइंस के विशेषज्ञों का मानना है के वैक्सीन का एक डोज कोरोना के खिलाफ सिर्फ 30 से 40 % तक वायरस से लड़ने की क्षमता (इम्युनिटी) विकसित करता है, जबकि दोनो डोज लगने के बाद भी 80% तक कि इम्युनिटी विकसित हो पाती है और अभी तक छात्रों को कोरोना की एक भी डोज नहीं लगी है, ऐसे में छात्रों को एक जगह परीक्षा हॉल में बुला कर परीक्षा करवाना उनमें डर का माहौल पैदा कर रहा है, अगर एक भी छात्र या ड्यूटी पर तैनात शिक्षा विभाग का कर्मचारी कोरोना संक्रमित हुआ तो सभी को संक्रमण फैल सकता है, जिससे बच्चे और उनका परिवार आस पड़ोस के लोग कोरोना की चपेट में आ जाएंगे। साथ ही हिमाचल के 70 % छात्र ग्रामीण इलाकों में रहते है। जहां इंटरनेट की कनेक्टिवीटी में बहुत दिक्कत होती है जिस कारण छात्रों का सिलेबस भी पूरा नही हुआ है, ऐसी ही समस्याओं से दो चार होते हिमाचल के कॉलेज के छात्रों ने सोशल मीडिया के माध्यम से युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं और प्रदेश अध्यक्ष निगम भंडारी को पिछले दिनों अपनी समस्याओं से अवगत करवाया। जिसे प्रदेश अध्यक्ष नेगी निगम भंडारी ने सोशल मीडिया और प्रदेश के सभी जिलों के जिला अध्यक्षों के माध्यम से सरकार को युवा कांग्रेस ने छात्रों को प्रोमोट करने को लेकर ज्ञापन भी सौंपा। इसी कड़ी को आगे बढ़ते हुए 24 जून शाम 5 बजे से 8 बजे तक ट्विटर पर कॉलेज के प्रथम,द्वितीय वर्ष के छात्रों को प्रोमोट करने और तृतीय वर्ष के छात्रों की ऑनलाइन परीक्षा करवाने के लिए छात्रों और युवाओं से नाम से एक हैशटैग चलाने की अपील प्रदेश अध्यक्ष निगम भंडारी और NSUI प्रदेश अध्यक्ष छतर सिंह ठाकुर ने की जो हिमाचल प्रदेश में इस्तेमाल किये जा रहे ट्विटर हैंडल पर नंबर एक पर ट्रेंड हुआ और करीब 1 लाख 35 हज़ार युवाओं ने इसे ट्वीट किया और भाजपा की जयराम सरकार को संदेश दिया के हिमाचल के करीब-करीब सभी छात्र परीक्षा केंद्र में जाकर परीक्षा देने के लिए मनोवैज्ञानिक तौर पर सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे है, इसलिए युवा कांग्रेस और NSUI ने छात्रों की सरकार से मांग है कि या तो परीक्षाएं ऑनलाइन ली जाए नही तो सभी बच्चों को अगली कक्षा में प्रमोट किया जाए।