शिमला,हिमशखा न्यूज़
मुख्यमंत्री ने मुख्यसचिव को दिए दिशा निर्देश
भाजपा चंडीगढ़ प्रदेश महामंत्री रामबीर भट्टी एवं अखिल भारतीय योगी नाथ अध्यक्ष समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष योगी तेजपाल सिंह ने हिमाचल प्रदेश के ग्रामीण विकास, पंचायती राज, कृषि व पशुपालन मंत्री वीरेंद्र कंवर के नेतृत्व में हिमाचल प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को शिमला में उनके निवास स्थान ओक ओवर पर मुलाकात की व एक ज्ञापन सौंपा और मांग की, कि हरियाणा सरकार की तरह हिमाचल सरकार भी हमारे आराध्यदेव महायोगी गुरु गोरक्षनाथ के नाम पर प्रचलित गोरखधंधा शब्द को हिमाचल में भी बैन किया जाये।भाजपा चंडीगढ़ प्रदेश महामंत्री रामबीर भट्टी ने बताया कि माननीय मुख्यमंत्री हिमाचल ने हमारे निवेदन पर तुरंत मुख्य सचिव को निर्देश दिया कि हिमाचल प्रदेश में भी गोरखधंधा शब्द को बैन कर दिया जाये और इसकी गैज़ेट नोटिफिकेशन भी निकाली जाए, हम मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर एवं मंत्री वीरेंद्र कंवर का समस्त समाज की तरफ से इस तुरंत कार्यवाही के लिए धन्यवाद व आभार प्रकट करते हैं।भट्टी ने बताया की गोरखधंधा शब्द का गलत, अनैतिक तरीके से प्रयोग कर के नाथ संप्रदाय की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने और सामाजिक शौहार्द को खतरा पहुंचाने वालों के खिलाफ कार्यवाही करने हेतु आवश्यक कानूनी प्रावधान सुनिश्चित करे| हम चाहते है की नाथ संप्रदाय के लोगों की धार्मिक भावनाओं को धयान में रखते हुए व शिव अवतारी महा गुरु गोरखनाथ जी जिन्होंने आदि काल से दुनिया को मानवता का रास्ता दिखाया व विश्व को योग की शिक्षा देने के कारण योगी के रूप में भी इस संप्रदाय के लोगों को जाना जाता हैं। जोगी के रूप में भी दुनिया नाथ संप्रदाय को जानती है । नाथ सम्प्रदाय आध्यात्मिक और शारीरिक शुद्धि पर विश्वास रखता है। गुरु गोरखनाथ जी ने रसशास्त्र की रचना की जिसे नाथ संप्रदाय में गोरखकीमिया के नाम से जाना जाता है। हिमाचल में भी सभी 12 जिलों में इस समुदाय के लोग रहते है और इस मांग से उनकी भावनाये भी जुड़ी है । श्री गोरखनाथ जी ने ज्ञान विज्ञान के उपदेश व सिधांत अपनी अमृतवाणी से दिए जिसे गोरखवाणी के रूप में भी जाना जाता है| नेपाल के अंदर भी शिव अवतारी महायोगी गुरु गोरखनाथ जी को राजगुरु का दर्जा प्राप्त है| उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में गुरु गोरखनाथ जी का भव्य मन्दिर व गोरख मठ है जिस गद्दी पर उत्तर प्रदेश के आदरणीय मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्य नाथ जी है।