शिमला,हिमशिखा न्यूज़। 01/10/2021
एसजेवीएन ने आज की तारीख तक अपने शेयरधारकों को 8417.61 करोड़ रुपए का कुल लाभांश अदा किया – नन्द लाल शर्मा
भारत सरकार के विद्युत मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रणाधीन भारत सरकार एवं हिमाचल प्रदेश सरकार के एक संयुक्त उपक्रम के रूप में सीपीएसई के तौर पर एसजेवीएन लिमिटेड की स्थापना 24 मई, 1988 को हुई थी। एसजेवीएन स्टॉक्स एक्सचेंजों में वर्ष 2010 में सूचीबद्ध हुआ तथा वर्तमान में भारत सरकार तथा हिमाचल प्रदेश सरकार की शेयरधारिता क्रमशः 59.92% तथा 26.85% है जबकि शेष 13.23% शेयर के पास है।इसकी स्थापना के बाद एसजेवीएन ने अपनी यात्रा भारत के सबसे बड़े जलविद्युत स्टेशन गया 1500 मेगावाट के नाथपा झाकड़ी जलविद्युत स्टेशन के निर्माण एवं प्रचालन से शुरू की। यह विद्युत स्टेशन हिमाचल प्रदेश में वित्तीय वर्ष 2003-04 में कमीशन किया गया था तब से एसजेवीएन ने पांच और परियोजनाओं को सफलतापूर्वक कमीशन किया जिसमे हिमाचल प्रदेश में 412 मेगावाट का रामपुर जलविद्युत स्टेशन, महाराष्ट्र में 47.6 मेगावाट की खिरवीर पवन विद्युत परियोजना, गुजरात में 5.6 मेगावाट का चारका सौर विद्युत संयंत्र तथा गुजरात में 50 मेगावाट की साडला पवन विद्युत परियोजना तथा हिमाचल प्रदेश में 1.31 मेगावाट का ग्रिड कनेक्टेड सौरपावर स्टेशन शामिल है। एसजेवीएन की यात्रा एकल परियोजना के साथ शुरू हुई. हालांकि आज यह भारत में सात राज्यों के साथ-साथ पड़ोसी देशी नेपाल और भूटान में विद्युत परियोजनाएं निष्पादित कर रहा है। एसजेवीएन की वर्तमान स्थापित क्षमता 2016.51 मेगावाट (1912 मेगावाट जलविद्युत 97.6 मेगावाट पवन विद्युत तथा 6.91 मेगावाट सौर विद्युत से युक्त है। कंपनी 86 किमी लंबी एक ट्रांसमिशन लाइन को भी कार्यान्वित कर रही है, जबकि नेपाल में अरुण-3 एचईपी से नेपाल-भारत सीमा पर बथनाहा तक 217 कि.मी. ट्रांसमिशन लाईन निर्माणाधीन है।एसजेवीएन के वर्तमान परियोजना पोर्टफोलियो में लगभग 30 परियोजनाएं हैं जिनकी कुल क्षमता 11,000 मैगावाट से अधिक है, जिनमें से2016.51 मेगावाट प्रचालनाधीन है। भारत सरकार ने 65 मेगावाट की धौलासिद्ध एचईपी तथा 210 मेगावाट लूहरी स्टेज। एचईपी के निर्माण एवं जगी घोपन एचईपी की पूर्व निर्माण गतिविधियों के लिए निर्देश अनुमोदन प्रदान कर दिया है। सौर विद्युत परियोजनाओं में एसजेवीएन पोर्टफोलियो का तेजी विकास हो रहा है और यह 1350 मेगावाट को पार कर गया है, जिसमें से 1345 मेगावाट क्षमता को वर्तमान में सुरक्षित कर लिया गया है और निष्पादनाधीन है तथा वित्तीय वर्ष 2023-24 तक कमीशन के लिए निर्धारित है।एसजेवीएन के कारोबार का विस्तार जारी है तथा कंपनी ने वित्तीय वर्ष 2020-21 में तथा 2021-22 की पहली छमाही में अपने परियोजना पोर्टफोलियों में 2500 मेगावाट से अधिक विद्युत उत्पादन क्षमता की नई परियोजनाओं को शामिल कर लिया है। जब विश्व महामारी और वैश्विक मंदी के दौर से गुजर रहा था, नेपाल के निवेश बोर्ड द्वारा एसजेवीएन को नेपाल के भोजपुर जिले में 679 मेगावाट की लोअर अरुण जलविद्युत परियोजना, हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा चिनाब बेसिन पर 104 मेगावाट की तादी जलविद्युत परियोजना, 130 मेगावाट की राशित जलविद्युत परियोजना और 267 मैगावाट की साचखास जलविद्युत परियोजना आबंटित की है। इसके अलावा, प्रतिस्पर्धी बोली के माध्यम से एसजेवीएन ने गुजरात में 70 मेगावाट सौर विद्युत परियोजना, उत्तर प्रदेश में 75 मेगावाट की सौर विद्युत परियोजना, बिहार में 200 मेगावाट की सौर विद्युत परियोजना तथा एसजेवीएन ने 24 सितंबर, 2021 को इंडियन रिन्यूएबल एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी लिमिटेड (इरेडा) द्वारा जारी प्रस्ताव के अनुरोध (आरएफपी) के माध्यम से 1000 मेगावाट की ग्रिड से जुड़ी सौर पीवी विद्युत परियोजनाएं हासिल की। वर्ष 2003-08 में अपने पहले जलविद्युत संयंत्र को कमीशन करने के पश्चात सार्वजनिक क्षेत्र की इकाई के रूप में एसजेवीएन ने उल्लेखनीय व्यावसायिक सफलता हासिल की है। साल-दर-साल एक स्वस्थ लाभ दर्ज करते हुए, एसजेवीएन एक मजबूत बैलेंस शीट के साथ नियमित वित्तीय सुरड़ता रूप से लाभांश का भुगतान करने वाली कंपनी है। एसजेवीएन की वर्तमान अभिदत्त पूंजी 3929.80 करोड़ रुपए है जबकि अधिकृत पूंजी 7000 करोड़ रुपए है। एसजेवीएन के लिए वर्ष 2020-21 एक बेहतर वित्तीय वर्ष रहा। वर्ष 2019-20 में कुल राजस्व 3095.24 करोड़ रुपए से बढ़कर वर्ष 2020-21 में 3123.07 करोड़ रुपए हो गया तथा 2168.67 करोड़ रुपए का कर पूर्व लाभ (पीबीटी) दर्ज किया गया, जो कि एसजेवीएन के इतिहास में अब तक का सर्वाधिक रिकार्ड है। गत वित्तीय वर्ष में दर्ज किए गए 1557.49 करोड़ रुपए के शुद्ध लाभ की तुलना में वर्ष 2020-21 के लिए शुद्ध साम बढ़कर 1633.04 करोड़ रुपए हो गया। वर्ष 2019-20 में नेट वर्थ पर 12.80% की रिटर्न के साथ प्रति शेयर आय (ईपीएस) 3.96 रुपए प्रति शेयर से बढ़कर वर्ष 2020-21 में 4.16 रुपए प्रति शेयर हो गया। एसजेवीएन ने वर्ष 2020-21 के लिए 2.20 रुपए प्रति शेयर के साभांश की घोषणा की है।वित्तीय वर्ष 2021-22 की पहली तिमाही में कर पूर्व स्टैंडअलोन लाभ गत वर्ष की इसी तिमाही की तुलना में 15.86% एसजेवीएन की वृद्धि दर्ज करते हुए 445.07 करोड़ रुपए हो गया। स्टैंडअलोन नेट लाभ गत वर्ष की इसी तिमाही में 301.08 करोड़ रुपए की SJVN तुलनामें 12.77% बढ़कर 339.54 करोड़ रुपये रहा।दलाल स्ट्रीट इन्वेस्टमेंट जर्नल ने एसजेवीएन को पीएसयू पुरस्कार श्रेणी में वर्ष 2020 का सबसे कुशल और लाभदायक मिनी रत्ना घोषित किया।
एसजेवीएन ने आज की तारीख तक अपने शेयरधारकों को 8417.61 करोड़ रुपए का कुल लाभांश अदा किया है जिसमें भारत सरकार 5449.86 करोड़ रुपए, हि.प्र. सरकार को 2176.09 करोड़ रुपए तथा पब्लिक को 791.66 करोड़ रुपए का भुगतान शामिल है।वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए मुख्य विशेषताएं:वित्तीय वर्ष 2020-21 में एसजेवीएन ने अब तक का सबसे अधिक कर पूर्व लाभ (पीबीटी) 2168.67 करोड़ रुपए दर्ज किया। वर्ष 2019-20 में दर्ज किए गए 1557.43 करोड़ रुपए से वर्ष 2020-21 में शुद्ध लाभ बढ़कर 1633.04 करोड़ रुपए रहा है। प्रति शेयर आय (ईपीएस) वर्ष 2019-20 में 3.96 रुपए प्रति शेयर से बढ़कर वर्ष 2020-21 में 4.16 रुपए प्रति शेयर रहा।एसजेवीएन में 2020-21 के लिए 2.20 रुपए प्रति शेयर के लाभांश को घोषित किया है। साल-दर-साल एक लाभ दर्ज करते हुए, एसजेवीएन एक मजबूत बैलेंस शीट के साथ एक नियमित रूप से लाभांश का भुगतान करने वाली कंपनी है। एसजेवीएन की वर्तमान अभिदत्त पूंजी 3929.80 करोड़ रुपए है जबकि अधिकृत पूंजी 7000 करोड़ रुपए है।वित्तीय वर्ष 2020-21 में एसजेवीएन का कंपनी रिजर्व बढ़कर 8032 करोड़ रुपए रहा है।लाल स्ट्रीट इन्वेस्टमेंट जर्नल ने एसजेवीएन को पीएसयू पुरस्कार श्रेणी में वर्ष 2020 का सबसे कुशल और लाभदायक मिनी रत्न घोषित कियाकोविड-19 के प्रभाव से निपटने के लिए,एसजेवीएन ने 2020-21 में कारपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) के तहत 52.87 करोड़ रुपए व्यय किया है। एसजेवीएन को 2023 तक 5000 मेगावाट, 2030 तक 12000 मेगावाट और 2040 तक 25000 मेगावाट की कंपन बनाने के साझा विजन की दिशा में कंपनी का पोर्टफोलियो निरंतर मजबूत होता जा रहा है।एसजेवीएन की वर्तमान स्थापित क्षमता 2016.51 मेगावाट है, जिसमें 1912 मेगावाट जलविद्युत, 97.6 मेगावाट पवन विद्युत तथा 6.91 मेगावाट सौर विद्युत शामिल है। कंपनी 86 किमी लंबी एक ट्रांसमिशन लाइन को भी कार्यान्वित कर रही है, जबकि नेपाल में अरुण 3 एचईपी से नेपाल-भारत सीमा पर बथनाहा तक 217 किमी निर्माणाधीन है। एसजेवीएन का वर्तमान पोर्टफोलियो क्षमता 11,000 मेगावाट से अधिक है, जिसमें से 2016.51 मेगावाट प्रचालनाधीन है।सौर विद्युत परियोजनाओं में एसजेवीएन पोर्टफोलियो का तेजी से विकास हो रहा है और यह 1350 मेगावाट को पार कर गया है, जिसमें से 1345 मेगावाट क्षमता को वर्तमान में सुरक्षित कर लिया गया है और निष्पादनाधीन है तथा वित्तीय वर्ष 2023-24 तक कमीशन के लिए निर्धारित है।भारत सरकार ने 66 मेगावाट की धौलासिद्ध एचईपी तथा 210 मेगावाट लूहरी स्टेज एचईपी के निर्माण एवं जंगी•ठोपन एचईपी की पूर्व निर्माण गतिविधियों के लिए निवेश अनुमोदन प्रदान कर दिया है। । एसजेवीएन के कारोबार का विस्तार जारी है तथा कंपनी ने वित्तीय वर्ष 2020-21 में तथा 2021-22 की पहली छमाही में अपने परियोजना पोर्टफोलियों में 2500 मेगावाट से अधिक विद्युत उत्पादन क्षमता की नई परियोजनाओं को शामिल कर लिया है।नेपाल के निवेश बोर्ड द्वारा एसजेवीएन को नेपाल के भोजपुर जिले में 679 मेगावाट की लोअर अरुण जलविद्युत परियोजना, हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा चिनाब बेसिन पर 104 मेगावाट की तांडी जलविद्युत परियोजना, 130 मेगावाट की राशिल जलविद्युत परियोजना और 287 मेगावाट की साचखास जलविद्युत परियोजना आबंटित की है
समाज के प्रति संवेदनशीलता
एक दायित्वपूर्ण कारपोरेट संगठन होने के नाते एसजेवीएन अपनी परियोजना क्षेत्रों के ईर्द-गिर्द के जन-समुदाय के कल्याणार्थ भरसक प्रयास कर रहा है I कंपनी ने एक सुज्ञापित कारपोरेट सामाजिक दायित्व एवं सततशीलता नीति तैयार एवं अपनाई है जो कंपनी अधिनियम 2013 के अनुरूप है I सीएसआर तथा सततशीलता कार्यक्रम एसजेवीएन फाऊंडेशन के जरिए अमल में लाए जाते हैंI
सीएसआर तथा सततशीलता के केन्द्र में निम्नवत विषय हैं :
स्वास्थ्य और सफ़ाई,शिक्षा और कौशल विकास,बुनियादी ढांचागत और सामुदायिक विकास,सततशीलता विकास,प्राकृतिक आपदाओं के दौरान सहायता,संस्कृति, धरोहर और खेलों का संरक्षण एवं बढ़ावा देना,अत्याधिक चुनौतीपूर्ण हिमालयी भूगर्भीय स्थिति में कार्य करते हुए एसजेवीएन ने अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग करते हुए किसी भी प्रकार की जल विद्युत परियोजनाओं की अवधारणा, अनुकूलन तथा विकास के लिए कुशल जनशक्ति को तैनात करने में विशेषज्ञता प्राप्त की है। कंपनी परियोजनाओं को निष्पादित करने के लिए विशेष रूप से उन परियोजनाओं को प्राथमिकता देती है जो निर्माणाधीन है।प्रबंधन उन परियोजनाओं के लिए आवश्यक अनुमोदन प्राप्त करने का प्रयास कर रहा है जो निर्माण-पूर्व और निवेश अनुमोदनाधीन हैं।लघु-मध्यम-दीर्घकालिक उद्देश्यों को पूर्ण करने के लिए एसजेवीएन ने 2023 तक 5000 मेगावाट, 2030 तक 12000 मेगावाट और 2040 तक 25000 मेगावाट की स्थापित क्षमता प्राप्त करने का साझा विजन रखा है।
एसजेवीएन अपने उद्देश्यों को व्यावसायिकता, जबावदेही, सततशीलता, सर्वोत्कृष्टता, नवोन्मेषता तथा विश्वास की उन मुख्य धारणाओं के जरिए हासिल करने में यकीन रखता है।