हमीरपुर,हिमशिखा न्यूज़ 25/02/2022
किसानों और पशुपालकों को किया जागरुक
कृषि विज्ञान केंद्र बड़ा के वैज्ञानिकों ने 23 से 25 फरवरी तक टौणी देवी की निकटवर्ती ग्राम पंचायत सकांदर के गांव सिसवां में केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय द्वारा प्रायोजित कार्यक्रम के अंतर्गत दुग्ध उत्पादन एवं पशुपालन प्रबंधन पर प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया। इसमें क्षेत्र के 50 किसानों एवं पशुपालकों ने भाग लिया। शिविर के दौरान पशुपालकों ने वैज्ञानिकों के समक्ष अपने क्षेत्र व पशुपालन से संबंधित समस्याएं एवं शंकाएं रखीं। वैज्ञानिकों ने पशुपालकों का मार्गदर्शन किया तथा उनकी शंकाओं का समाधान किया।
इस मौके पर पशुपालन विभाग के अधिकारियों ने भी पशुपालकों को विभिन्न योजनाओं और पशुओं में होने वाली बीमारियों के उपचार की विस्तृत जानकारी दी। डा. विश्वदीप राठौर ने पशुओं की बीमारियों के लक्षण, पहचान एवं निवारण के बारे में बताया। उन्होंने पशुओं को संतुलित एवं पौष्टिक चारे और उत्तम किस्म की चारा फसलों की जानकारी भी दी। डा. सचिन शामा ने पशुपालन में आने वाली समस्याओं को सुलझाने का प्रयास किया।
कृषि विज्ञान केंद्र बड़ा के कार्यक्रम समन्वयक डा. प्रदीप कुमार ने किसानों को कृषि विज्ञान केंद्र की गतिविधियों, किसानों के लिए चलाई जा रही परियोजनाओं एवं खुम्ब उत्पादन की विस्तारपूर्वक जानकारी दी। सब्जी वैज्ञानिक डा. चमन लाल चौहान ने किसानों को गोधन पर आधारित जैविक खेती का महत्व बताया। डा. नवनीत जरयाल ने पशुओं की अच्छी सेहत के लिए हरे चारे का महत्व, घासनियों का प्रबंधन, चारा फसलों की बिजाई एवं फसल प्रबंधन के विभिन्न पहलुओं से अवगत करवाया। उन्होंने दूध की अच्छी गुणवत्ता एवं दुग्ध उत्पादन में बढ़ोतरी के लिए पशुओं को पशुचाट एवं खनिज मिश्रण उचित मात्रा में खिलाने की सलाह दी। कृषि विज्ञान केंद्र की कीट वैज्ञानिक डॉ. छवि ने किसानों को घासनियों में लगने वाले कीटों की रोकथाम बारे जागरुक किया।
कार्यक्रम समन्वयक डॉ. प्रदीप कुमार ने शिविर में सहयोग के लिए स्थानीय पंचायत जनप्रतिनिधियों और किसानों का धन्यवाद किया।