शिमला,हिमशिखा न्यूज़ 12/06/2022
दोषपूर्ण लाइफस्टाइल, जागरूकता की कमी से होती है दिल की बीमारियां जल्दी शुरू : विशेषज्ञ
शिमला में दो दिवसीय कार्डियक व मल्टीस्पेशलिटी हेल्थ कैंप का समापन, 314 रोगियों की जांच की गई
शिमला, 12 जून : डीएवी स्कूल, न्यू शिमला में रविवार को दो दिवसीय नि:शुल्क कार्डियक एवं मल्टीस्पेशलिटी हेल्थ कैंप का समापन हुआ। कैंप का उद्घाटन स्थानीय विधायक अनिरुद्ध सिंह द्वारा किया गया। कैंप कार्डियोमर्शन, मैक्स हेल्थकेयर और शिमला डेवलपमेंट अथॉरिटी फेज टू अलॉटीज वेलफेयर एसोसिएशन के सहयोग से आयोजित किया गया था। रामकृष्ण मिशन, शिमला के सचिव स्वामी तन्महिमानंद आज मुख्य अतिथि थे।
मैक्स में कार्डियोवैस्कुलर थोरैसिक सर्जरी के डायरेक्टर डॉ दीपक पुरी ने बताया कि कैंप में हमने हृदय रोगों के लिए 314 रोगियों की जांच की है और हार्ट अटैक का रिस्क खतरनाक रूप से ज्यादा पाया गया।
इस अवसर पर ‘मौजूदा समय में हेल्थकेयर प्रोफेशनल की चुनौतियों’ पर एक हेल्थ टॉक को संबोधित करते हुए, मैक्स में कार्डियोवैस्कुलर थोरैसिक सर्जरी के डायरेक्टर डॉ दीपक पुरी ने कहा कि सबसे बड़ी चुनौती कोविड 19 महामारी की है, जिसने अमेरिका और यूरोप के उन्नत देशों की स्वास्थ्य सेवा को भी प्रभावित किया है।
उन्होंने बताया कि एक और चुनौती जीवनशैली से जुड़ी बीमारियां जैसे दिल के दौरे और कैंसर है, जो पश्चिमी देशों की तुलना में भारतीयों को 10 से 15 साल पहले ही प्रभावित कर रही हैं।
डॉ. पुरी जो कार्डियोमर्सियन के ग्लोबल चेयरमैन भी ने बताया कि, हालांकि भारतीय आबादी में इन बीमारियों की शुरुआत में आनुवंशिक प्रवृत्ति एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है पर जागरूकता की कमी और दोषपूर्ण जीवनशैली परिणामों को खराब करने में एक प्रमुख भूमिका निभाती है।
“एक और चुनौती इंटरवेंशन (सर्जिकल प्रक्रिया) के लिए नई टेक्नोलॉजी के फायदे बनाम जोखिमों को संतुलित करना और उन्हें लागत प्रभावी बनाना है। लोग रोबोटिक्स, मिनिमली इनवेसिव सर्जरी, स्टेम सेल और रीजेनरेटिव और जेनेटिक थेरेपी जैसी नई के तकनीकों दावों से प्रभावित हो सकते हैं।
डॉ पुरी ने कहा कि आजकल गुणवत्ता में कटौती और लागत में कटौती पर बढ़ता जोर एक अन्य चुनौती है, जो पर्याप्त रूप से कुशल टीम की कमी और घटिया दवाओं और उपकरणों में कमी के कारण मरीजों के जीवन को अनुचित जोखिम में डाल सकती है।