धर्मशाला,हिमशिखा न्यूज़ 20/06/2022
एचआरटीसी कर्मचारी नाखुश, परिवहन मंत्री ने कही रटी-रटाई बातें, मांगों पर नहीं लिया गया फैसला
बीओडी की बैठक में परिवहन मंत्री ने कही रटी-रटाई बातें, कर्मचारियों की मांगों पर नहीं लिया गया फैसला
धर्मशाला में शनिवार को हुई एचआरटीसी बीओडी की बैठक से एचआरटीसी संयुक्त समन्वय समिति खुश नहीं है। संयुक्त समन्वय समिति के महासचिव खेमेंद्र गुप्ता ने आरोप लगाया है कि परिवहन मंत्री ने पहले की तरह इस बार भी बीओडी की बैठक के बाद रटा रटाया बयान दिया जबकि कर्मचारियों की मांगों पर बीओडी की बैठक में कोई भी फैसला नहीं किया गया है। उन्होंने चेताया है कि अगर एचआरटीसी कर्मचारियों को जल्द छठे वेतन आयोग की सिफारिशों के साथ अन्य वित्तीय लाभ प्रदान नहीं किए जाते हैं तो फिर एचआरटीसी फिर से आंदोलन का रास्ता अपनाएगी।
हिमाचल परिवहन कर्मचारी संयुक्त समन्वय समिति के अध्यक्ष समर चौहान, उपाध्यक्ष पूर्ण चंद शर्मा, सचिव श्री खेमेंद्र गुप्ता, प्रवक्ता संजय कुमार, कोषाध्यक्ष जगदीश चंद और अन्य पदाधिकारियों ने कहा है कि एचआरटीसी कर्मचारियों को इस बैठक से पूर्ण उम्मीद थी कि लंबित पड़े देय वित्तीय देनदारियों की घोषणा करेंगे, परंतु ऐसा कुछ भी नहीं हो सका बल्कि परिवहन मंत्री का बयान पूर्व की भांति रटा-रटाया कर्मचारियों को छोटे बच्चे की तरह ठगने वाला है क्योंकि दो से तीन महीनों के पश्चात तो सरकार को चुनाव में जाना है तब तक किसी तरह कर्मचारियों को गुमराह कर कर्मचारियों से छल करना ही परिवहन मंत्री एक मात्र उद्देश्य रह गया है, परंतु कर्मचारी अब इस प्रकार के आश्वासनों के बहकावे में नहीं आने वाला। समन्वय समिति ने पूर्व में अपना प्रस्तावित आंदोलन इसलिए स्थगित किया था कि परिवहन मंत्री ने कुछ कर्मचारी संगठनों से बात कर आश्वासन दिया था कि एचआरटीसी के सभी कर्मचारियों की श्रेणियों की वेतन विसंगतियों को दूर कर छठे वेतन आयोग की सिफारिशें जून पेड जुलाई में दे दिया जाएगा परंतु ऐसा कुछ न हो सका, जिस कारण कर्मचारियों में भारी आक्रोश है। इसलिए समन्वय समिति शीघ्र ही बैठक कर आगामी निर्णय लेगी।
जुलाई से मिले छठा वेतन आयोग
परिवहन संयुक्त समन्वय समिति पदेश सरकार व निगम प्रबंधन से पुन: मांग करती है कि एचआरटीसी के कर्मचारियों की विभिन्न श्रेणियों की वेतन विसंगतियों को दूर कर छठे वेतन आयोग के लाभ के साथ-साथ अन्य लंबित देय वित्तीय देनदारियों की अदायगी सेवारत एवं सेवानिवृत्त कर्मचारियों को शीघ्र जारी किया जाए। अन्यथा समन्वय समिति द्वारा स्थगित किए गए आंदोलन को मजबूर होकर पुन: शुरू करना पड़ेगा