हिमशिखा न्यूज़,शिमला
हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंदर चौहान, महासचिव श्याम लाल हांडा, वित सचिव देव राज ठाकुर, प्रदेश प्रवक्ता एवं मुख्य प्रैस सचिव कैलाश ठाकुर, मुख्य संरक्षक अरुण गुलेरिया, संरक्षक अजित चौहान, विजय गोस्वामी, सरोज मेहता, चेयरमैन सचिन जसवाल, वरिष्ठ उपाध्यक्ष संजीव ठाकुर ,डी पी शर्मा, मनोहर शर्मा, उपाध्यक्ष जोगिन्दर चौधरी, गोविंदर पठनीय, डी पी शर्मा, नागेश्वर पठानिया, मुख्य सलाहकार कपिल पावला, मुख्य वेब सचिव रमन वर्मा, मुख्यालय सचिव टी सी शर्मा,विभिन्न ज़िला अध्यक्षों में शिला के महावीर कैंथला, कुल्लू के यशपाल शर्मा, सिरमौर के राजीव ठाकुर, ऊना के डॉ किशोरी लाल, बिलासपुर के राकेश सन्धू, हमीरपुर के सुनील शर्मा, सोलन के रणधीर सिंह राणा, काँगड़ा के नरदेव ठाकुर, चंब के हरिप्रसाद, लाहौल- स्पिती के पालम सिंह, किन्नौर के आर के नेगी आदि ने एक एक संयुक्त प्रैस विज्ञप्ति के माध्यम से प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा मार्च में आयोजित की जा रही प्री-बोर्ड परीक्षाओं का विरोध किया है। संघ का मानना है कि ऐसे निर्णय लेने से पहले बोर्ड को शिक्षक संगठनों व विद्यालय प्रबंधन समितियों की राय लेनी चाहिए थी। संघ का मानना है की ऐसा करके बोर्ड न केवल पाठ्यक्रम की दोहराई के कार्य में बाधा उत्पन्न कर रहा है बल्कि इस कारण उन कॉन्सेप्ट को समझाने के समय में भी कटौती हो जाएगी जो विद्यार्थी ऑनलाइन नहीं समझ पाए थे। संघ ने इस बाबत 80,000 सदस्यों वाले अपने फ़ेसबुक समूह पर एक सर्वे करवाया था जिसमें हज़ारों शिक्षकों ने इसका विरोध किया और सबका यही मत था की कोविड 19 के कारण शिक्षक और शिक्षार्थी में सीधा संबाद न होने के कारण विद्यार्थियों की बहुत सी शंकाएँ दूर नहीं हो सकी है अत: संघ शिक्षा विभाग से आग्रह करता है कि बोर्ड को इन परीक्षाओं की अधिसूचना तुरंत वापिस करने के निर्देश दिए जाएँ।