कारण डॉक्टरों ने बताया है कि
1:- बच्चे को सुबह कच्ची नींद में उठाना
(नींद पूरी नही होना)
2:- बगैर नाश्ता करवाये स्कूल भेजना
3:-बच्चे के कुल वजन से ज्यादा स्कूल बैग ले जाना
4:-स्कूल का होमवर्क कम्प्लीट न होने पर टीचर का प्रेशर
5:- ठंडा लंच न खा पाना
6:-स्कूल से आते ही नहाना जबरन भोजन करवाना
7:-बगैर आराम किये घर में होमबर्क कम्प्लीट करने का प्रेसर इत्यादि *
अभिभावकों क्या 4-6 वर्ष के बच्चे को अभी डॉक्टर, इंजीनियर, SP , कलेक्टर बना देँगे ?
आप देखो आप कितने पढे लिखे है एवं आपने कब स्कूल जाना शुरू किया, आप उस मासूम बच्चे की जान के पीछे क्यों पड़े है!
हम केवल एक दूसरे की होड़ में बच्चों का बचपन मार रहे है !
आप जवान है तो सुबह 5 बजे उठ कर ढाई बजे तक रेगुलर काम करके दिखाए और फिर भोजन करके तुरन्त फिर काम करके दिखायें !
छोटे से मासूम बच्चों के साथ इतना अन्याय क्या सही है?
अपने दिल पर हाथ रख कर विचार करिए आप एक मासूम के साथ कितना अन्याय कर रहे है