राजधानी शिमला में विधानसभा सत्र के चौथे दिन प्रश्नकाल से पहले बिलासपुर के विधायक रणधीर शर्मा ने नियम 67 के अंतर्गत आउटसोर्स कर्मचारी के लिए चर्चा मांगी। इस पर नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने भी नियम 67 के अंतर्गत चर्चा का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि 10000 से करीब आउटसोर्स कर्मचारी जो निकाल दिए गए हैं उन्हें पुन: लगाया जाए और करोड़ों कोरोना काल में जीवन जोखिम में डालकर कर्मचारियों ने काम किया है। उन्होंने कहा कि इन्हें पिछले 6 महीने से वेतन नहीं मिला है। कोरोना काल में काम कर रहे हैं कर्मचारी पिछले दो दिनों से विधानसभा के प्रांगण में न्याय की गुहार लगा रहे हैं।
इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष झूठ बोल रहे हैं ऐसा कोई कर्मचारी नहीं है जिसे 6 महीने से वेतन न मिला हो। उन्होंने तंज करते हुए कहा कि गीता में लिखा है कि जो झूठ बोलता है उसे पाप लगता है और ज्यादा बोलने वाले ही झूठ बोलते हैं। हमने आउटसोर्स कर्मचारी को तीन-तीन महीने की एक्सटेंशन दी है। सभी कर्मचारियों को 31 मार्च तक वेतन दे दिया गया है और 30 सितंबर तक आउटसोर्स कर्मचारी को जरूरत के हिसाब से लगाया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह कर्मचारी वेंडर के द्वारा लगाए जाते हैं। इस पर विपक्ष के विधायक विफल गए और चर्चा की मांग करते हुए सदन से बाहर चले गए। ठीक 11:20 पर विपक्ष के नेता नारे लगाते हुए सदन से बाहर चले गए।