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नन्द लाल शर्मा, सीएमडी, एसजेवीएनद्वारा प्रेस कॉन्फ्रेंस मंच पर गीता कपूर, निदेशक (कार्मिक),ए.के. सिंह, निदेशक (वित्त) एवंसुशील शर्मा, निदेशक (परियोजनाएं)

भारत सरकार के विद्युत मंत्रालय के अधीन भारत सरकार एवं हिमाचल प्रदेश सरकार के एक संयुक्‍त उपक्रम के रूप में
एसजेवीएन लिमिटेड की स्‍थापना 24 मई 1988 को हुई थी। कंपनी वर्ष 2010 में स्टॉक एक्सचेंजों में सूचीबद्ध हुई; भारत
सरकार के पास 55% शेयर, हिमाचल प्रदेश सरकार के पास 26.85% शेयर और शेष 18.15% शेयर जनता के पास हैं।
एसजेवीएन की वर्तमान अभिदत्‍त पूंजी 3929.80 करोड़ रुपए, जबकि अधिकृत पूंजी 7000 करोड़ रुपए है।
स्थापना के बाद से, एसजेवीएन ने हिमाचल प्रदेश में सतलुज नदी पर 1500 मेगावाट की नाथपा झाकड़ी जलविद्युत परियोजना का निर्माण शुरू किया। भारत के सबसे बड़े भूमिगत विद्युत गृह वाले इस जलविद्युत स्टेशन को वर्ष 2003-04 में कमीशन किया गया था। तब से, एसजेवीएन ने छह और पावर स्टेशन कमीशन किए हैं जिनमें हिमाचल प्रदेश में 412 मेगावाट का रामपुर जलविद्युत स्टेशन, महाराष्ट्र में 47.6 मेगावाट का खिरविरे पवन ऊर्जा स्टेशन, गुजरात में 5.6 मेगावाट का चारंका सौर ऊर्जा स्टेशन, गुजरात में 50 मेगावाट का सादला पवन ऊर्जा स्टेशन, उत्तर प्रदेश में 75 मेगावाट परासन सौर ऊर्जा स्टेशन और हिमाचल प्रदेश में 1.31 मेगावाट ग्रिड से जुड़े सौर ऊर्जा स्टेशन और 310 किलोवाट ग्रिड से जुड़े सौर ऊर्जा संयंत्र है। 27 सितम्बर, 2023 को  60 मेगावाट नैटवाड़ मोरी जलविद्युत परियोजना की मैकेनिकल स्पिनिंग सफलतापूर्वक संचालित की गई एसजेवीएन ने एकल राज्य में एकल परियोजना प्रचालन के साथ शुरुआत की थी, लेकिन आज यह भारत के विभिन्न राज्यों में विद्युत परियोजनाओं को कार्यान्वित कर रहा है और पड़ोसी देश नेपाल में परियोजनाओं को कार्यान्वित करके अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी प्रवेश किया है। एसजेवीएन की वर्तमान स्थापित क्षमता 2091.50 मेगावाट है। इसके अलावा, 86 किलोमीटर लंबी एक ट्रांसमिशन लाइन और अरुण-3 एचईपी से 217 किलोमीटर लंबी एक अन्‍य ट्रांसमिशन लाइन निर्माणाधीन है, जबकि कंपनी ने हिमाचल प्रदेश में 210 मेगावाट लूहरी एचईपी और 66 मेगावाट धौलासिद्ध एचईपी के लिए ट्रांसमिशन लाइनों के लिए
समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।
वर्तमान में, एसजेवीएन का कुल परियोजना पोर्टफोलियो जिसमें 85 परियोजनाएं और 3 ट्रांसमिशन लाइनों से युक्‍त, 58144
मेगावाट है, जिसमें से 2091.5 प्रचालनाधीन है और शेष परियोजनाएं विकास के विभिन्न चरणों में हैं।
अधीनस्थ कंपनियां एसजेवीएन अरुण-3 पावर डेवलपमेंट कंपनी प्राइवेट लिमिटेड (एसएपीडीसी) – नेपाल में 900 मेगावाट अरुण-3 परियोजना के कार्यान्वयन के लिए नेपाल में स्‍थापित पूर्ण स्वामित्व वाली अधीनस्थ कंपनी।
एसजेवीएन थर्मल प्राइवेट लिमिटेड (एसटीपीएल) – बिहार में 1320 मेगावाट की बक्सर थर्मल विद्युत परियोजना के निष्पादन के लिए स्‍थापित पूर्ण स्वामित्व वाली अधीनस्थ कंपनी।
एसजेवीएन ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (एसजीईएल) – नवीकरणीय परियोजनाओं के निष्पादन के लिए स्‍थापित पूर्ण स्वामित्व वाली अधीनस्थ कंपनी।
संयुक्त उपक्रम
क्रॉस बॉर्डर पावर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड (सीपीटीसी) – मुजफ्फरपुर से नेपाल कनेक्‍शन बिन्‍दु तक तथा मुजफ्फरपुर सब
स्‍टेशन में बे-एक्‍सटेंशन तक 86 किमी लंबी, ट्विन मूस, 400 केवी डी/सी ट्रांसमिशन लाइन का निर्माण एवं रखरखाव करने
के लिए।
प्रचालनाधीन परियोजनाएँ
1) 1500 मेगावाट नाथपा झाकड़ी जलविद्युत स्टेशन
यह भारत का सबसे बड़ा भूमिगत विद्युत स्टेशन है जो मई 2004 से पूर्णत: प्रचालनाधीन है। एनजेएचपीएस की डिजाइन ऊर्जा 6612 मिलियन यूनिट प्रति वर्ष है। एनजेएचपीएस 1500 मेगावाट उत्पादन क्षमता वाला भारत का सबसे बड़ा भूमिगत हाइड्रो-इलेक्ट्रिक विद्युत स्टेशन है।
2) 412 मेगावाट रामपुर जलविद्युत स्टेशन यह एसजेवीएन का दूसरा ऑपरेटिंग जलविद्युत स्टेशन है और एक कैस्केड प्लांट के रूप में नाथपा झाकड़ी विद्युत स्टेशन के साथ अग्रानुक्रम में प्रचालित होता है। 412 मेगावाट रामपुर एचपीएस की डिज़ाइन ऊर्जा 1878 मिलियन यूनिट है।
3) 47.6 मेगावाट खिरवीरे पवन ऊर्जा स्टेशन
यह महाराष्ट्र के अहमदनगर में 47.6 मेगावाट क्षमता का एसजेवीएन का पहला पवन ऊर्जा स्टेशन है। यह स्टेशन वर्ष 2014
में कमीशन किया गया था और यह महाराष्ट्र राज्य ग्रिड को 47.6 मेगावाट विद्युत प्रदान कर रहा है।
4) 50 मेगावाट सादला पवन ऊर्जा स्टेशन
इसकी स्थापित क्षमता 50 मेगावाट है और यह सादला, गुजरात में है। यह एसजेवीएन का दूसरा पवन ऊर्जा स्टेशन है।
परियोजना के लिए गुजरात ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड (जीयूवीएनएल) के साथ विद्युत खरीद करार पर हस्ताक्षर किए गए
हैं।
5) 5.6 मेगावाट चारंका सौर ऊर्जा स्टेशन
यह एसजेवीएन का 5.6 मेगावाट क्षमता का पहला सौर ऊर्जा स्टेशन है जिसे मार्च 2017 में गुजरात के चारंका सौर ऊर्जा
स्टेशन में स्थापित किया गया था।

6) 1.31 मेगावाट ग्रिड कनेक्टेड सौर ऊर्जा स्टेशन, एनजेएचपीएस
वाधाल में 1 मेगावाट का सौर ऊर्जा संयंत्र और एनजेएचपीएस के सर्ज शाफ्ट पर 310 किलोवाट का सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित
और कमीशन किया गया है। दोनों पावर स्टेशन ग्रिड से जुड़े हुए हैं।
7) 75 मेगावाट परासन सौर ऊर्जा स्टेशन
उत्तर प्रदेश में अवस्थित 75 मेगावाट की यह परियोजना 24 नवंबर, 2022 को कमीशन की गई है।
8) 400 केवी, डी/सी क्रॉस बॉर्डर ट्रांसमिशन लाइन
भारत-नेपाल क्रॉस बॉर्डर पावर ट्रांसमिशन लाइन परियोजना का भारतीय भाग अर्थात 400 केवी की मुजफ्फरपुर सुरसंद पावर
ट्रांसमिशन लाईन(86 कि.मी.), डी/सी मुजफ्फरपुर-ढालकेबार फरवरी,2016 से प्रचालनाधीन है।
निर्माणाधीन परियोजनाएँ
1) 900 मेगावाट अरुण-3 एचईपी
यह पूर्वी नेपाल के संखुवासभा जिले में अरुण नदी पर अवस्थित है। यह परियोजना सालाना 3924 मि.यू. ऊर्जा उत्पन्न करने
के लिए डिज़ाइन की गई है। एसजेवीएन ने अंतर्राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धी बोली के माध्यम से यह परियोजना हासिल की। एसजेवीएन
अरुण- 3 पावर डेवलपमेंट कंपनी प्राइवेट लिमिटेड (एसएपीडीसी) को परियोजना की आयोजना, स्‍थापना और निष्पादित करने
के उद्देश्य से नेपाली कंपनी अधिनियम, 2063 के तहत 25.04.2013 को पंजीकृत किया गया था।
2) 60 मेगावाट नैटवाड़ मोरी एचईपी
यह परियोजना उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में यमुना की एक प्रमुख सहायक नदी टोंस पर स्थित है। इसे रन-ऑफ-द-रिवर प्रोजेक्ट के रूप में डिज़ाइन किया गया है और इसमें 90% विश्‍वसनीय वर्ष में 213 मि.यू. ऊर्जा उत्पन्न करने की क्षमता है। नैटवाड़ मोरी एचईपी के निष्पादन के लिए 21.11.2005 को उत्तराखंड सरकार के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए थे। 27 सितम्बर, 2023 को 60 मेगावाट नैटवाड़ मोरी जलविद्युत परियोजना की मैकेनिकल स्पिनिंग सफलतापूर्वक संचालित की गई ।
3) 1320 मेगावाट की बक्सर थर्मल पावर परियोजना
बिहार के जिला बक्सर के ग्राम चौसा में 1320 मेगावाट थर्मल पावर प्रोजेक्ट के विकास के लिए 17.01.2013 को एसजेवीएन,
बिहार स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी लिमिटेड और बिहार पावर इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। एसजेवीएन ने 04.07.2013 को परियोजना क्रियान्वयन कंपनी बक्सर बिजली कंपनी प्राइवेट लिमिटेड का अधिग्रहण किया। 17.10.2013 को बक्सर बिजली कंपनी प्राइवेट लिमिटेड का नाम बदलकर एसजेवीएन थर्मल प्राइवेट लिमिटेड (एसटीपीएल) कर दिया गया, जो एसजेवीएन लिमिटेड की पूर्ण स्वामित्व वाली अधीनस्‍थ कंपनी है।
4) 210 मेगावाट लूहरी एचईपी चरण-1
यह 210 मेगावाट की स्थापित क्षमता वाली रन-ऑफ-द-रिवर योजना है, जो हिमाचल प्रदेश के शिमला और कुल्लू जिलों में
नीरथ गांव के पास सतलुज नदी पर अवस्थित है। यह परियोजना 90% विश्‍वसनीय वर्ष में 758 मि.यू. विद्युत ऊर्जा उत्पन्न
करेगी। परियोजना का वित्तीय समापन 28.02.2022 को प्राप्‍त किया गया और भारतीय स्टेट बैंक के साथ समझौते परहस्ताक्षर किए गए हैं। मुख्य सिविल और एचएम कार्यों के लिए ईपीसी पैकेज 24.11.2020 को मेसर्स लुहरी हाइड्रो पावर
कंसोर्टियम को प्रदान किया गया।
5) 66 मेगावाट धौलासिद्ध एचईपी
66 मेगावाट की स्थापित क्षमता वाली यह परियोजना हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर और कांगड़ा जिलों में ब्यास नदी पर स्थित
है। यह परियोजना एक रन-ऑफ-द-रिवर योजना है और 90% विश्‍वसनीय वर्ष में 304 मि.यू. विद्युत ऊर्जा उत्पन्न करेगी।
हिमाचल प्रदेश सरकार के साथ 25.09.2019 को एमओयू पर हस्‍ताक्षर किए गए।
6) 382 मेगावाट सुन्नी बांध एचईपी
यह हिमाचल प्रदेश के शिमला और मंडी जिलों में खैरा गांव के पास सतलुज नदी पर अवस्थित एक रन-ऑफ-द-रिवर प्रकार की परियोजना है। यह परियोजना 90% विश्‍वसनीय वर्ष में 1382 मि.यू. ऊर्जा उत्पन्न करेगी। 25.09.2019 को हिमाचल प्रदेश
सरकार के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए।
7) 70 मेगावाट बागोदरा सौर ऊर्जा परियोजना
यह 70 मेगावाट क्षमता की एक परियोजना है जिसे 26.03.2021 को गुजरात ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड द्वारा आयोजित
खुली प्रतिस्पर्धी बोली के माध्यम से हासिल किया गया था।
8) सीपीएसयू योजना के तहत 1000 मेगावाट की सौर परियोजना
सितंबर 2021 में, एसजेवीएन ने सीपीएसयू योजना के तहत प्रतिस्पर्धी बोली के माध्यम से 2.45 रुपए/यूनिट के टैरिफ पर
1000 मेगावाट सौर परियोजना और 44.72 लाख प्रति मेगावाट की वायबेलिटी गैप फंडिंग (वीजीएफ) हासिल की। ईपीसी को
मेसर्स टाटा पावर सोलर सिस्टम लिमिटेड को प्रदान किया गया था।
9) 75 मेगावाट गुरहा सौर ऊर्जा परियोजना
एसजेवीएन ने यह परियोजना उत्तर प्रदेश नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विकास एजेंसी (यूपीएनईडीए) द्वारा आयोजित प्रतिस्पर्धी बोली के माध्यम से हासिल की।
10) 50 मेगावाट गुजराई सौर ऊर्जा परियोजना
एसजेवीएन ने उत्तर प्रदेश नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विकास एजेंसी (यूपीएनईडीए) द्वारा आयोजित प्रतिस्पर्धी बोली के
माध्यम से 50 मेगावाट की सौर ऊर्जा परियोजनाएं हासिल कीं।
11) 100 मेगावाट राघनेस्‍दा सौर परियोजना
एसजेवीएन ने गुजरात ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड (जीयूवीएनएल) द्वारा आयोजित खुली प्रतिस्पर्धी बोली के माध्यम से इस परियोजना को हासिल किया, जिसे गुजरात में राघनेस्‍दा सोलर पार्क में विकसित किया जाएगा।
12) 90 मेगावाट ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सोलर प्रोजेक्ट एसजेवीएन ने यह परियोजना रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर यूनाइटेड (आरयूएमएसएल) ओंकारेश्वर, मध्य प्रदेश द्वारा आयोजित खुली प्रतिस्पर्धी बोली के माध्यम से हासिल की।
13) 100 मेगावाट पंजाब सौर परियोजना
एसजेवीएन ने पंजाब स्टेट पावर कारपोरेशन लिमिटेड (पीएसपीसीएल) द्वारा आयोजित खुली प्रतिस्पर्धी बोली के माध्यम से
पंजाब में 100 मेगावाट की फ्लोटिंग सोलर परियोजना हासिल की

14) 15 मेगावाट नंगल एफएसपी
15 मेगावाट फ्लोटिंग एसपीपी की यह परियोजना नंगल में बीबीएमबी बांध के जलग्रहण क्षेत्र में विकसित की जाएगी।

By HIMSHIKHA NEWS

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