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अफगानिस्तान के रास्ते अवैध रूप से पहुंच रहा ईरानी सेब, हिमाचल के बागबानों को हो रहा ज्यादा नुकसान

ईरान का सेब अफगानिस्तान के रास्ते से अवैध रूप से आयात हो रहा है। इससे हिमाचल के बागबानों को सबसे ज्यादा नुकसान हो रहा है। यह बात अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता और विधायक ठियोग कुलदीप राठौर ने कही है। कुलदीप राठौर ने केंद्र सरकार से मांग की है कि इस मामले पर तुरंत प्रभाव से रोक लगाई जाए। उन्होंने सांसदों से भी इस मामले को केंद्र के समक्ष प्रमुखता से उठाने की मांग की है। श्री राठौर ने कहा कि हिमाचल के 20 से 22 विधानसभा क्षेत्रों में सेब पैदा होता है। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर से भी उन्होंने मांग की है कि वह भी केंद्र सरकार के समक्ष इस मामले को उठाएं, ताकि प्रदेश के बागबानों के साथ न्याय हो सके। श्री राठौर ने कहा कि इस मामले को वह विधानसभा में भी उठाएंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश के बागवानों ने कोल्ड स्टोर और सीए स्टोर में सेब रखा हुआ है। इसका मकसद यही रहता है कि ऑफ सीजन में बागबानों को उनकी फसल के अच्छे दाम मिल सकें।
इसके लिए वे हर महीने सीए स्टोर का किराया देते हैं। इन दिनों बागबान अपने सेब को सीए स्टोर से निकालते हैं, लेकिन इन दिनों दाम ही नहीं मिल रहे हैं। राठौर ने कहा कि यूएसए, तूर्की, इटली, न्यूजीलैंड और पोलैंड जैसे देशों में सेब की पैदावार होती है, लेकिन सेब आयात अफगानिस्तान के रास्ते से रहा है, जबकि अफगानिस्तान में ड्राई फ्रूट का उत्पादन होता है।अफगानिस्तान के साथ हमारे देश की संधि है, इसके चलते वहां आयात शुल्क नहीं लगता। श्री राठौर ने कहा कि इस कालाबाजारी से हिमाचल में सेब के दाम गिर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार अवैध रूप से सेब का आयात रोकने मेंअसफल साबित हुई है।

By HIMSHIKHA NEWS

हिमशिखा न्यूज़  सच्च के साथ 

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