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लोनिवि में लगे मल्टी टास्क वर्करज के साथ हो रहा अन्याय-प्रीतम ठाकुर
   सीमेंट की बोरी उठाने वाले को 4500 और स्कूल में घंटी बजाने वाले को 5625 दे रही सरकार  
शिमला 08 फरवरी । लोक निर्माण विभाग में तैनात  मल्टी टास्क वर्करज शिक्षा विभाग में नियुक्त मल्टी टास्क वर्करज से कम वेतन मिलने से क्षुब्ध है । बता दें कि पूर्व भाजपा सरकार के कार्यकाल में शिक्षण संस्थानों और लोक निर्माण विभाग में  हजारों मल्टी टास्क वर्करज नियुक्त किए गए थे ।  जिनके मानदेय  में काफी भिन्नता होने से लोक निर्माण विभाग में तैनात मल्टी टास्क वर्करज के साथ बहुत अन्याय हंुआ है । गौर रहे कि पूर्व सरकार के कार्यकाल में  शिक्षण संस्थानों  में नियुक्त किए  गए  मल्टी टास्क वर्करज को 5625 रूपये और लोक निर्माण विभाग में नियुक्त किए किए मल्टी टास्क वर्करज को 4500 रूपये प्रति माह मानदेय निर्धारित किया गया है ।
समाजिक कार्यकर्ता प्रीतम सिंह ठाकुर का कहना है कि जिस मजदूर को प्रतिकूल मौसम में  दिनभर सड़कों पर काम करना पड़ता है उन्हें 4500 रूपये दिया जाना इस वर्ग के साथ बहुत बड़ा अन्याय है । इनका कहना है कि शिक्षण संस्थान  में  मल्टी टास्क वर्करज स्कूल के तीन किलोमीटर के दायरे में नियुक्त किए गए है ।  इनकी डियूटी भी एक ही स्कूल में  लगाई गई है और इनका कार्य समय भी प्रातः दस से चार बजे तक हैं । जबकि लोक निर्माण विभाग में तैनात मल्टी टास्क वर्करज को प्रतिकूल परिस्थितियों में  जगह जगह सड़कों की मुरम्मत करने के लिए प्रातः 9 बजे से सांय 05 बजे तक  डियूटी देनी पड़ रही है । लोक निर्माण विभाग में तैनात अनेक मल्टी टास्क वर्करज ने नाम न छापने की शर्त पर अपनी व्यथा सुनाते हुए बताया कि उनका साक्षातकार भी सीमेंट की बोरी उठाने से हुआ था इसके बावजूद भी स्कूल में लगे मल्टी टास्क वर्करज से 1125 रूपये प्रति माह कम पैसे मिल रहे हैं जबकि  स्कूल में मल्टी टास्क वर्करज के लिए कोई भारी कार्य भी नहीं है । हैरत इस बात से है कि लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों द्वारा कभी भी इस मुददे को सरकार के समक्ष नहीं रखा गया है न हीे इस गरीब मजदूर तबके के लोगों के पक्ष में कोई आवाज उठाने वाला भी नहीं है । यह वर्ग अन्याय की  इस चक्की में पिसते जा रहे है ।
प्रीतम ठाकुर ने बताया कि लोक निर्माण विभाग में तैनात मल्टी टास्क वर्करज के मानदेय  में बढ़ोतरी करके इन्हे शिक्षा विभाग में नियुक्त एमटीडब्लु के समकक्ष लाया जाए ताकि इस वर्ग का शोषण न हो ।
लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों से जब इस बारे बात की गई । उन्होने  नाम न छापने की शर्त पर बताया कि यह विसंगति पूर्व सरकार के कार्यकाल में हुई है जिसे वर्तमान सरकार ठीक कर सकती है ।

By HIMSHIKHA NEWS

हिमशिखा न्यूज़  सच्च के साथ 

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