पांच दिवसीय प्री-प्राइमरी कार्यशाला के प्रथम चरण का जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान मंडी में शुभारंभ
कार्यशाला में छह जिलों के 85 प्रतिभागी ले रहे हैं हिस्सा
समग्र शिक्षा हिमाचल के तत्वावधान में 5 दिवसीय प्री-प्राइमरी कार्यशाला का पहला चरण जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान मंडी में शुरु हो गया। इस कार्यशाला में प्रदेश के 6 जिलों मंडी , बिलासपुर, हमीरपुर, चंबा , कुल्लू और किन्नौर के 85 प्रतिभागी भाग ले रहे हैं।
समग्र शिक्षा निदेशक राजेश शर्मा के मार्गदर्शन में हो रही इस कार्यशाला में प्री-प्राइमरी जिला समन्वयक, चयनित अध्यापक एवं स्वयंसेवी संस्था‘ प्रथम’ के सदस्य हिस्सा ले रहे हैं। कार्यशाला का शुभारंभ जिला परियोजना अधिकारी (समग्र शिक्षा), मंडी कश्मीर सिंह चौधरी ने किया। कश्मीर सिंह चौधरी ने अध्यापन के विभिन्न आयामों पर चर्चा करते हुए सभी प्रतिभागियों से कहा कि वे कार्यशाला में सामने आए विभिन्न विषयों को शिक्षकों तक पहुचाएं।
इस मौके पर पूर्व-बाल्यवस्था देखभाल एवं शिक्षा (ECCE)/ प्री-प्राइमरी कार्यक्रम के राज्य समन्वयक दिलीप वर्मा ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए राज्य में चल रहे प्री-प्राइमरी कार्यक्रम के बारे में विस्तार से बताया और प्रशिक्षण को सफल बनाने के लिए प्रतिभागियों को प्रोत्साहित किया एवं आवश्यकदिशा-निर्देश दिए। पूर्व-बाल्यावस्था देखभाल एवं शिक्षा (ECCE)/प्री-प्राइमरी कार्यक्रम के जिला समन्वयक बलबीर राणा ने सभी प्रतिभागियों का स्वागत किया l
पांच दिनों तक चलने वाली इस कार्यशाला में प्री-प्राइमरी कक्षाओं के बच्चों को विकास आधारित गतिविधियां, जिसमें मुख्यत:शारीरिक, बौद्धिक, भाषा, सामाजिक-भावनात्मक एवं रचनात्मक विकास से संबंधित गतिविधियों को सरलता एवं खेल-खेल द्वारा सिखाने पर बल दिया जायेगा। साथ ही साथ प्री-प्राइमरी के बच्चों की माताओं, अभिभावकों और समुदाय से बच्चों की पढ़ाई में सहयोग के लिए आयोजित की जा सकने वाली गतिविधियों पर भी व्यापक चर्चा की जाएगी।
इस कार्यशाला में राज्य शैक्षणिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद, सोलन की सहायक प्राचार्य रंजना कुमारी ने पूर्व-बाल्यवस्था देखभाल एवं शिक्षा (ECCE) के सन्दर्भ में विभिन्न पॉलिसी जैसे राष्ट्रीय शिक्षा नीतिऔर फाउंडेशनल स्टेज के लिए राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रुपरेखा (NCF)2022 व राज्य पाठ्यचर्या (State Curriculum ) के बारे विस्तार-पूर्वक बताया। प्रथम संस्था की राष्ट्रीय प्रतिनिधि समयुक्ता सुब्रमनियन, अर्चना सिंह, आयुषी सिंह, राज्य प्रतिनिधि कुलदीप पुंडीर, केवल कृष्ण, जागृति शर्मा ने ईसीसीई के महत्व, 3-6 साल के बच्चों की विशेषताओं और उनके सीखने की प्रक्रिया के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने बच्चों के सर्वांगीण विकास के तौर तरीकों और पूर्व-बाल्यवस्था देखभाल एवं शिक्षा विभिन्न आयामों के बारे में भी जानकारी दी। इस दौरान प्रतिभागियों को पांच विकास आधारित गतिविधियों को बच्चों के साथ कराने की जानकारी भी दी गई l