शिमला में शुरु हुआ ‘एकता’एक्सबिशन कम नोलज शेयरिंग फॉर टेक्सटाईल एडवॉटेज,
प्रदर्शनी के साथ 3 दिवसीय ज्ञान सत्रों और कार्यशालाओं पर रहेगा विशेष जोर
शिमला,19,मई,2025,वस्त्र मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा आयोजित ‘एकता’ (एक्सबिशन कम नोलज शेयरिंग फॉर टेक्सटाईल एडवॉटेज) शिमला में आज से शुरू हो गया है। इसका थीम “करघे से जीवनशैली तक परम्परा से बुना भविष्य है। इसका उद्घाटन हिमाचल प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव प्रभोध सक्सेना, आईएएस द्वारा किया गया। यह कार्यक्रम शिमला के पदम देव कॉम्प्लेक्स, द रिज़ में 26 मई 2025 तक चलेगा। एकता मंच वस्त्र मंत्रालय, भारत सरकार और हिमाचल प्रदेश राज्य सरकार की एक संयुक्त पहल है जिसका उद्देश्य ऊन, जूट और रेशम शिल्प में हिमाचल की उभरती ताकतों को प्रदर्शित करके इन प्रयासों को बढ़ाना, स्थायी आजीविका को बढ़ावा देना और कारीगरों को राष्ट्रीय और वैश्विक वस्त्र मूल्य श्रृंखलाओं में एकीकृत करना है। यह आयोजन कपड़ा व्यवसायियों, नीति निर्माताओं और कारीगरों के लिए एक व्यापक मंच प्रदान करेगा,जिससे अंतर-राज्यीय सहयोग, व्यापारिक जुड़ाव, तकनीकी ज्ञान और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा मिलेगा।
इस दौरान, हिमाचल प्रदेश के मुख्य सचिव प्रभोध सक्सेना, आईएएस, ने कहा, यह आयोजन भारत सरकार की पहल है, जिसमें विभिन्न मंत्रालयों और विभागों की भी भागीदारी है। इस बार का आयोजन यहां आने वाले पर्यटकों के लिए एक विशेष आकर्षण का केंद्र बनेगा। आयोजन में शामिल होने के लिए देशभर से कारीगर और बुनकर यहां पहुंचे हैं, जिनकी कला और परंपरा को नजदीक से देखने का अवसर सभी को मिलेगा।”
शुभ्रा, व्यापार सलाहकार, वस्त्र मंत्रालय, ने कहा, “इस प्रदर्शनी में विभिन्न राज्यों के स्टाल लगाए गए हैं, जिनमें मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर शामिल हैं। प्रदर्शनी में हैंडमेड उत्पादों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। भारत में वस्त्र उद्योग तेज़ी से आगे बढ़ रही है, इसमें रोजगार की अपार संभावनाएं हैं और हमारा प्रयास है की इसे वैश्विक स्तर पर आगे लेकर जाएं।”
इस मौके पर बोले हुए रोहित कंसल, आईएएस, अतिरिक्त सचिव, वस्त्र मंत्रालय, ने कहा, ” एकता में ज्ञान साझा करने वाले सत्रों के दौरान, हमारे बुनकरों और हस्तशिल्पकारों को नई तकनीकों, डिज़ाइन ट्रेंड्स और डिजिटल मार्केटिंग की जानकारी मिलेगी।राज्यों के बीच सहयोग, संसाधनों की साझेदारी और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के ज़रिए हम पारंपरिक हुनर को न केवल संरक्षित करेंगे, बल्कि कारीगरों को नए बाज़ारों तक पहुँच दिलाकर उनके लिए रोज़गार और विकास के नए रास्ते भी खोलेंगे। इस अवसर पर भारत सरकार और हिमाचल प्रदेश सरकार के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे ।
इस आयोजन के दौरान 19 से 21 मई तक गेयटी थिएटर, शिमला में ज्ञान साझा करने वाले सत्र और कार्यशालाएं भी आयोजित की जा रही हैं। इन सत्रों को इस प्रकार डिज़ाइन किया गया है कि वे विशेष रूप से स्वयं सहायता समूहों, युवा कारीगरों और शिल्प उद्यमियों को आज के प्रतिस्पर्धात्मक बाजार में सफल होने के लिए आवश्यक जानकारी और कौशल प्रदान करें।‘एकता’ पहल का उद्देश्य न केवल पारंपरिक शिल्प और तकनीकों को संरक्षित करना है, बल्कि कारीगरों को नए युग के अनुसार तैयार करना भी है। यह आयोजन स्थानीय शिल्प को वैश्विक बाजार से जोड़ने, आजीविका के अवसर बढ़ाने और आत्मनिर्भर भारत की भावना को मज़बूती देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।