डेंटल कालेज महोत्सव में सांस्कृति प्रस्तुति से प्रभावित हुए राज्यपाल
उत्कृष्ट प्रस्तुतियों के लिए की दो लाख रुपय देने की घोषणा
राज्यपाल श्री शिव प्रताप शुक्ल आज का शिक्षा और संस्कृति कैसे एक-दूसरे को समृद्ध कर सकती हैं यह “इरप्शन-2025” जैसे महोत्सव के माध्यम से सुनिश्चित बनाया जा सकता है।
राज्यपाल आज यहां शिमला स्थित इंदिरा गांधी मेडिकल कालेज के अटल सभागार में राजकीय दंत चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल द्वारा आयोजित अंतर विद्यालय कॉलेज महोत्सव ‘‘इरप्शन 2025’’ के समापन अवसर पर बोल रहे थे।
श्री शुक्ल ने “इरप्शन-2025” महोत्सव के आयोजन के लिए डेंटल कॉलेज प्रबंधन व छात्र परिषद् बधाई देते हुए इसे ऊर्जावान, रचनात्मक और प्रेरणादायी बताया। उन्होंने महोत्सव में सांस्कृति प्रस्तुति देने वाले विद्यार्थियों की खूब प्रशंसा की और कहा कि अपने कार्यक्रमों के माध्यम से उन्होंने ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की झलक प्रस्तुत की है। राज्यपाल ने कहा, ‘‘पढ़ाई के साथ-साथ इन स्टुडेंट्स ने उत्कृृृष्ट सांस्कृतिक प्रदर्शन किया और मुझे भावुक कर दिया।’’ राज्यपाल ने उनके इस प्रदर्शन के लिए अपनी ऐच्छिक नीति से दो लाख रुपये देने की घोषणा की।
राज्यपाल ने कहा कि यह महोत्सव केवल एक सांस्कृतिक या शैक्षणिक उत्सव नहीं है, बल्कि यह प्रतिभा, दृष्टिकोण, आत्मविश्वास और सामूहिक चेतना का उत्सव है। यह वह मंच है, जहाँ कक्षा की पढ़ाई से हटकर विद्यार्थी अपने व्यक्तित्व के अन्य पहलुओं को निखारते हैं। कला व संगीत से बढ़कर वे सामूहिक सहभागिता का प्रदर्शन करते हैं।
उन्होंने कहा कि उन्होंने प्रदेश में नशे के विरुद्ध अभियान चलाया है। यह अभियान उन्होंने प्रधानमंत्री की प्रेरणा से शुरू किया है। उन्होंने कहा कि हिमाचल के लोगों में ईमानदारी और भोलापन सबसे ज्यादा है। इसलिए असमाजिक तत्व उन्हें नशे जैसी बुराई का शिकार बनाना चाहते हैं। इस नशे को सभी को गंभीरता से लेना चाहिये और इस समाप्त करने में सहयोग करना चाहिए। उन्होंने आई.जी.एम.सी में चिकित्सकों की संस्था ‘मेडिविज़न’ द्वारा इस दिशा में दिए जा रहे सहयोग की भी प्रशंसा की।
राज्यपाल ने कहा कि मुस्कुराना एक ग्लोबल भाषा है, और यह खुशी की बात है कि आप लाखों लोगों के चेहरे पर वास्तविक मुस्कान लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने कहा कि मौखिक स्वास्थ्य देखभाल और दंत चिकित्सा के क्षेत्र में आप की भूमिका वास्तव में सराहनीय है। उन्होंने कहा कि यह महाविद्यालय चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में प्रदेश का एक प्रतिष्ठित संस्थान है, जिसने वर्षों से न केवल हिमाचल, बल्कि देशभर में योग्य और सेवा-भाव से प्रेरित दंत चिकित्सकों को तैयार किया है। उन्होंने कहा कि यहाँ की उपलब्धियाँ, अनुसंधान कार्य और सामाजिक सहभागिता अत्यंत सराहनीय रही हैं।
उन्होंने कहा कि डेंटल कॉलेज वर्ष 1994 में अस्तित्व में आया था, जिसमें प्रति वर्ष 20 छात्रों को बी.डी.एस. पाठ्यक्रम में प्रवेश देने की क्षमता थी लेकिन आज प्रवेश क्षमता भी बढ़ी है और सुविधाएं भी। उन्होंने कहा कि जिस चिकित्सा क्षेत्र में वे शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं, वह केवल एक पेशा नहीं, बल्कि सेवा, संवेदना और उत्तरदायित्व का क्षेत्र है। एक डॉक्टर का कार्य केवल उपचार करना नहीं होता, बल्कि वह समाज में विश्वास, सुरक्षा और राहत का प्रतीक होता है। उन्होंने कहा कि भारत, अपनी जनसंख्या के आधार पर, मौखिक स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में व्यवसाय के लिए एक बड़ा अवसर प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि आबादी को गुणवत्तापूर्ण और सस्ती स्वास्थ्य सेवा प्रदान करना एक कठिन कार्य है। लेकिन सरकार के सहयोग से इस क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। दंत चिकित्सा ने आज उत्कृष्टता के नए स्तर को हासिल किया है। सूचना प्रौद्योगिकी के उपयोग और रोगी रिकॉर्ड के डिजिटलीकरण ने मौखिक स्वास्थ्य सेवा को एक नया आयाम दिया है। नवीनतम तकनीकों से दंत चिकित्सा देखभाल में गुणवत्ता, रोगी आराम और दक्षता में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। उन्होंने नव चिकित्सकों से नई तकनीकों को अपनाकर खुद को अपडेट करने की आवश्यकता पर बल दिया।
राज्यपाल ने इस अवसर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को सम्मानित भी किया।
राजकीय चंत चिकित्सा महाविद्यालय शिमला के प्रधानाचार्य डॉ आशु गुप्ता ने राज्यपाल का स्वागत किया तथा कॉलेज की गतिविधियों की विस्तृत जानकारी दी।
एस.सी.ए. प्रेज़ीडेंट डॉ मुस्कान ने इस अवसर पर “इरप्शन-2025” महोत्सव के बारे में जानकारी दी। एसोसिएशन की महासचिव डॉ वैदेही शर्मा ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया।
विद्यार्थियों द्वारा इस अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया।
इदिंरा गांधी मेडिकल कालेज की प्रधानाचार्य डॉ. सीता ठाकुर, विभागाध्यक्ष, शिक्षक तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति भी इस अवसर पर उपस्थित थे।