Spread the love

पेखुबेला सोलर प्रोजेक्ट कांग्रेस सरकार का 240 करोड़ का लूट कांड — मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू बताएं जनता का पैसा किसकी जेब में गया : बिक्रम ठाकुर

शिमला : पूर्व उद्योग मंत्री बिक्रम ठाकुर ने पेखुबेला सोलर प्रोजेक्ट को लेकर कांग्रेस सरकार और मुख्यमंत्री पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि यह हिमाचल के इतिहास का सबसे बड़ा सौर घोटाला है, जिसमें जनता के टैक्स के 240 करोड़ रुपये पानी में बहा दिए गए और सरकार मूकदर्शक बनकर बैठी रही। उन्होंने कहा कि यह प्रोजेक्ट जिसकी अनुमानित लागत 100 करोड़ रुपये थी, उस पर 240 करोड़ रुपये से अधिक खर्च करने के बाद भी नतीजा शून्य है। 2 अगस्त 2025 को हुई बारिश के बाद यह पूरा प्रोजेक्ट ठप हो गया और अब इसकी हालत ऐसी है कि पानी निकालने के लिए भी डीजल जनरेटर का सहारा लेना पड़ रहा है। प्रोजेक्ट की डिज़ाइन इतनी घटिया थी कि तूफानी पानी के निकास का मूलभूत प्रावधान तक नहीं था और ड्रेनेज सिस्टम पास के IOCL के पुराने नाले पर निर्भर था, जो इस स्तर का पानी निकालने के लिए बना ही नहीं था। 32 मेगावाट बिजली उत्पादन क्षमता वाला यह प्रोजेक्ट मात्र 12 से 14 मेगावाट बिजली का उत्पादन कर रहा था।

बिक्रम ठाकुर ने कहा कि ठेकेदार के पैसे बचाने के लिए प्रोजेक्ट को जीरो लेवल से नीचे 350.50 मीटर की ऊँचाई पर बनाया गया, जबकि इसे 356 मीटर पर होना चाहिए था। नतीजतन, बारिश में कंट्रोल रूम में पानी भर गया और सभी 10 इनवर्टर पानी में डूब गए। अब इन इनवर्टर्स की मरम्मत पर करोड़ों रुपये और खर्च होंगे। उन्होंने खुलासा किया कि ईपीसी कॉन्ट्रैक्टर M/s Prozeal 14 जून 2025 को 8 साल के रखरखाव अनुबंध को बीच में छोड़कर भाग गया और सरकार ने उसे रोकने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की। इससे पहले ही इस कंपनी को 99 प्रतिशत भुगतान कर दिया गया और बैंक गारंटी तक नहीं ली गई, जो सीधे-सीधे मिलीभगत और भ्रष्टाचार का सबूत है।

पूर्व मंत्री ने कहा कि बिजली खरीद के मामले में भी भ्रष्टाचार साफ झलकता है। SJVNL ने प्रदेश सरकार को 2.57 रुपये प्रति यूनिट की दर से 210 मेगावाट बिजली देने का प्रस्ताव रखा, लेकिन अधिकारियों ने इस डील को होने नहीं दिया, जिससे प्रदेश को 500 से 600 करोड़ रुपये का सीधा नुकसान हुआ। पेखुबेला से 3.59 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली खरीदने की बात हुई, लेकिन हरिकेश मीणा के हटने के बाद कंपनी ने 2.90 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली देने का प्रस्ताव रखा। यह पूरा खेल अधिकारियों और सरकार की मिलीभगत से हुआ।

बिक्रम ठाकुर ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि जिन अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं, उन्हें कांग्रेस सरकार ने अच्छे-अच्छे पदों पर पोस्टिंग दी है और मलाईदार कुर्सियों पर बैठाकर पुरस्कृत किया जा रहा है। प्रदेश सरकार और अधिकारी पूरी तरह से भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। उन्होंने कहा कि हरिकेश मीणा और देसराज की ज़मानत रोकने के लिए तक सरकार ने वकील खड़ा नहीं किया, जो इस बात का प्रमाण है कि यह सरकार आरोपियों को बचाने में लगी हुई है।

उन्होंने कहा कि यह सिर्फ इंजीनियरिंग फेल्योर नहीं बल्कि सुनियोजित लूट है, जिसमें कॉन्ट्रैक्टर, अधिकारी और सत्ता में बैठे लोग सब मिले हुए हैं। उन्होंने मांग की कि इस पूरे मामले की तत्काल हाई-लेवल जांच हो, दोषियों पर आपराधिक मामला दर्ज हो और जनता को साफ-साफ बताया जाए कि 240 करोड़ रुपये और बिजली खरीद में हुए सैकड़ों करोड़ के नुकसान के पीछे किन-किन का हाथ है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर कांग्रेस सरकार ने इस घोटाले को दबाने की कोशिश की तो भाजपा इसे जन-जन तक ले जाएगी और सुक्खू सरकार को जनता के सामने जवाब देना होगा।

By HIMSHIKHA NEWS

हिमशिखा न्यूज़  सच्च के साथ 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *