भारतीय सेना द्वारा सूर्य स्पीति चैलेंज और ड्रोनाथॉन 2025 सफलतापूर्ण सम्पन्न
लेफ्टिनेंट जनरल अनिंद्य सेनगुप्ता, सेंट्रल कमान कमांडिंग-इन-चीफ ने सूर्य स्पीति चैलेंज में प्रतिभागियों के उत्साह की सराहना की
शिमला/स्पीति: 24 अगस्त, 2025
भारतीय सेना ने हिमाचल प्रदेश की स्पीति घाटी में 10,500 फीट की ऊँचाई पर सूर्य स्पीति चैलेंज (मैराथन) के दूसरे संस्करण और पहले सूर्य द्रोणथॉन 2025 का सफलतापूर्वक समापन किया। इस मैराथन में 1,500 से अधिक धावकों ने भाग लिया, जिनमें 800 स्थानीय, 700 सशस्त्र बल कर्मी और पूरे भारत से 32 शीर्ष एथलीट शामिल थे। 10-24 अगस्त तक आयोजित सूर्य द्रोणथॉन 2025 में सैन्य दलों, स्टार्टअप्स, फ्रीलांसरों और ओईएम ने भाग लिया और अत्याधुनिक ड्रोन तकनीक और स्वदेशी नवाचार का प्रदर्शन किया।
इस कार्यक्रम में सेंट्रल कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ (जीओसी-इन-सी) लेफ्टिनेंट जनरल अनिंद्य सेनगुप्ता भी विशेष रूप से शामिल हुए, जिन्होंने प्रयागराज स्थित सेंट्रल कमान के अपने दौरे के दौरान संयुक्त अभियानों और परिचालन तैयारियों के बारे में अवगत करवाया। उन्होंने सैन्य-नागरिक संबंधों को मज़बूत करने, युवाओं को प्रेरित करने और मानवीय भावना को प्रोत्साहित करने में इन पहलों के महत्व पर भी प्रकाश डाला। लेफ्टिनेंट जनरल सेनगुप्ता ने रक्षा निर्माण में स्वदेशी नवाचार और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की रुचि व्यक्त की।
सूर्या स्पीति चैलेंज में चार श्रेणियां शामिल थीं: 77 किमी कुंजुमला – काज़ा कमांडो रन (स्पीति अल्ट्रा), 42 किमी फुल मैराथन (स्पीति नदी पर दौड़), 21 किमी हाफ मैराथन (द बॉर्डर डैश), और 10 किमी हाईलैंड डैश। नायक हेत राम और तेनज़िन डोल्मा क्रमशः पुरुष और महिला वर्ग में विजेता रहे। सूर्या द्रोणनाथन 2025 का उद्देश्य स्वदेशी नवाचार और रक्षा विनिर्माण में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना तथा नवप्रवर्तकों को वास्तविक दुनिया के परिचालन वातावरण में समाधानों का परीक्षण और प्रदर्शन करने के लिए एक मंच प्रदान करना था।