बालिका आश्रम मशोबरा में एक दिवसीय जागरूकता कार्यशाला का आयोजन
बच्चों को हिंसा, दुर्व्यवहार, शोषण, तस्करी और खतरनाक काम से सुरक्षित रहने के अधिकारों बारे दी जानकारी
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (डीएलएसए) शिमला के सौजन्य से आज बालिका आश्रम मशोबरा में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें बच्चों को हिंसा, दुर्व्यवहार, शोषण, तस्करी और खतरनाक काम से सुरक्षित रहने के अधिकारों के बारे में जानकारी प्रदान की गई।
जिला कार्यक्रम अधिकारी ममता पाल ने बताया कि बाल-बालिका आश्रमों में किशोर न्याय अधिनियम-2015 के प्रावधानों के अनुसार व मिशन वात्सल्य योजना के तहत सभी सुविधाएं प्रदान की जा रही है। साथ ही जिला में मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना के अंतर्गत बच्चों को सामाजिक सुरक्षा व अन्य घटकों के तहत लाभ दिया जा रहा है।
ममता पाल ने बताया कि बच्चों को हिंसा, दुर्व्यवहार, शोषण, तस्करी और सुरक्षित रहने का अधिकार तथा अपने विचार व्यक्त करने, विवेक और धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार है।उन्होंने कहा कि हर बच्चे को कानूनी सहायता लेने का अधिकार है। बच्चों के लिए मौलिक अधिकार हैं जो प्रत्येक बच्चे को बिना किसी भेदभाव के प्राप्त होते हैं, जिसमें जीवन जीने, स्वस्थ रहने, पढ़ने, खेलने, सुरक्षा पाने, शोषण और दुर्व्यवहार से बचाने, परिवार और समाज में भागीदारी सुनिश्चित करने और अपने विचारों को व्यक्त करने का अधिकार शामिल है। यह अधिकार बच्चों को शारीरिक, मानसिक, नैतिक, सामाजिक और आध्यात्मिक रूप से स्वस्थ और पूर्ण विकसित होने में मदद करते हैं।
उन्होंने बताया कि सरकार बच्चों की शिक्षा, सुरक्षा और स्वास्थ्य के प्रति विशेष ध्यान दे रही है। उन्होंने कहा कि बच्चों को किसी भी प्रकार की सहायता लेनी हो तो वे बेझिझक उनके विभाग में संपर्क कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि बच्चों को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक रहना चाहिए।
वन स्टॉप सेंटर से केंद्र प्रबंधक भावना ने महिलाओं व बालिकाओं को दी जा रही सुविधाओं के बारे मे जानकारी देते हुए बताया कि मानसिक व शारीरिक पीड़ा से ग्रस्त कोई भी महिला सखी वन स्टॉप सेंटर की सुविधा का लाभ लेकर खुद को सुरक्षित करने के लिए सहायता ले सकती है। उन्होंने पॉक्सो एक्ट, एनडीपीएस एक्ट, महिला तस्करी के बारे में भी बताया और कहा कि यदि इस तरह से कोई मामला कहीं भी आता है तो विभाग द्वारा इसका संज्ञान लेकर निदान किया जाता है। उन्होंने बाल विवाह पर भी विस्तृत जानकारी दी।
चाइल्ड लाइन से कोऑर्डिनेटर राम चंद ने चाइल्ड मैरिज एक्ट, पॉक्सो एक्ट, बच्चों के अधिकारों व चाइल्ड लेबर के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि बच्चों का संरक्षण सही तरह से किया जाना चाहिए। सभी बाल-बालिका संस्थानों में समस्याओं से निपटान हेतु राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण का टोल फ्री नंबर 15100, चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 प्रदर्शित किए गए हैं।
इस दौरान अधीक्षक कल्पना वर्मा, बालिका आश्रम के स्टाफ के सदस्य भी उपस्थित रहे।