*हर्षवर्धन झूठ बोलकर सदन में दिए जवाब को गलकर साबित कर रहे : रणधीर शर्मा*
*बचकानी हरकत से बाज आएँ मंत्री, केंद्र से मिली धनराशि की दें सही जानकारी*
*हर्षवर्धन को दुरुस्त करें जानकारी, ग़लत आंकड़े देने वाले अधिकारियों पर करें कार्रवाई*
शिमला : उद्योग मंत्री और संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन चौहान पर प्रदेश मीडिया प्रभारी एवं भाजपा विधायक रणधीर शर्मा ने हमला बोलते हुए कहा कि उन्हें अपनी जानकारी दुरुस्त करनी चाहिए और झूठ बोल कर अपनी नाकामी छिपाने और प्रदेश को बरगलाने के प्रयास बंद करने चाहिए। उन्होंने कहा कि मंत्री हर्षवर्धन चौहान प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहते हैं कि केंद्र सरकार द्वारा मात्र 4253 करोड़ रुपए केंद्र सरकार द्वारा हिमाचल को मिले हैं जबकि विधान सभा में इसी सत्र में दिए गए जवाब में सरकार बताती हैं कि केंद्र द्वारा हिमाचल प्रदेश को 2022 से 2025 बीच ही 3250 करोड़ रुपए आपदा राहत के तौर पर मिले हैं। इसके अलावा 2023 की आपदा के लिए 2006 करोड़ रुपए का विशेष पैकेज़ प्रदेश को मिला है। जिसकी पहली किस्त के तौर पर 451 करोड़ 44 लाख रुपए हिमाचल प्रदेश को मिल चुके हैं। यदि 2006 करोड़ भी जोड़ लिया जाए तो तह धनराशि 5250 करोड़ रुपए होती हैं। इसके अलावा 12 सितंबर 2025 को एनडीआरएफ के एडवांस के तौर पर हिमाचल को 198 करोड़ और एनडीएमएफ के एडवांस के तौर पर लगभग 10 करोड़ रूपए प्रदेश को और मिल चुके हैं। इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब हिमाचल के दौरे पर आए तो उन्होंने 1500 करोड़ रुपए के आपदा राहत पैकेज अलग से दिए। हिमाचल प्रदेश को आपदा राहत के लिए नकद धनराशि के रूप में दिया गया यह आंकड़ा ही 7000 करोड़ का है। जो कि मात्र पिछले 3 साल के अंदर दिया गया है। ये सारे आंकड़े सरकार द्वारा ही विभिन्न महत्वपूर्ण प्लेटफॉर्म पर रखे गए हैं। फिर किस हिसाब से संसदीय कार्य एवं उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान 5 साल में मात्र 4350 करोड़ रुपये देने की बात कर रहे हैं।
रणधीर शर्मा ने कहा कि 14 वीं विधानसभा के नौवें सत्र के 20 अगस्त 2025 को जयराम ठाकुर द्वारा पूछे गए सवाल (प्रश्न संख्या के 3038) के जवाब में सरकार द्वारा बताया गया था की 2022 से 2025 के दौरान हिमाचल प्रदेश को केंद्र द्वारा राज्य आपदा मोचन निधि (एसडीआरएफ) के तहत 1280 करोड़ रुपए, राज्य आपदा शमन निधि (एसडीएमएफ) से 320 करोड़ रुपए प्राप्त हुए। इस अवधि में राष्ट्रीय आपदा मोचन निधि (एनडीआरएफ) से 1639 करोड़ और राष्ट्रीय आपदा शमन निधि (एनडीएमएफ) के तहत 9.45 करोड़ रुपए मिले। 2023 ही आपदा के लिए केंद्र सरकार द्वारा 2006 करोड़ रुपए का विशेष पैकेज जारी किया गया है जिसकी पहली किस्त के रूप में ₹451 करोड़ 44 लाख मिल गए हैं। सरकार द्वारा यह भी बताया गया कि इस दौरान प्रदेश के कुल 54 हज़ार 808 आपदा प्रभावितों को ₹307 करोड़ की राहत राशि जारी की गई है। जबकि सरकार देवारा सिर्फ 2023 के आपदा के लिए ही 4500 करोड़ के स्पेशल पैकेज की घोषणा की गई थी। सरकार की आदत के अनुसार यह स्पष्ट है कि इन आंकड़ों में भी सरकार ने कुछ न कुछ हेराफेरी करके केंद्र के सहयोग को कम ही दिखाया होगा। इसके बाद भी संसदीय कार्यमंत्री उस आंकड़े को झुठला रहे हैं जो कि उनकी देखरेख में ही विधानसभा के पटल पर रखा गया था।
भाजपा नेता ने कहा कि इसी तरह 2024 के शीत कालीन सत्र में विपिन परमार द्वारा पूछे गए गए सवाल के जवाब में 19 दिसंबर 2024 को यह बताया गया था कि मात्र एक साल आठ महीनें की समयावधि में केंद्र द्वारा हिमाचल प्रदेश को 23 हज़ार 566 करोड़ रुपए की धनराशि दी गई है। जिसमें से 2023-24 के लिए 14 हज़ार 943 करोड़ रुपए और वर्ष 2024-25 नवम्बर तक 8 हज़ार 623 करोड़ रुपए मिले। ये आंकड़े भी विधानसभा में रखे गए थे इसका मतलब यह भी संसदीय कार्यमंत्री हर्षवर्धन चौहान की जानकारी में होंगे इसके बाद भी उनके द्वारा इस तरह की गलत बयानी करना ठीक नहीं है। यहाँ भी सरकार ने चालाकी से केंद्र द्वारा भेजी गई बहुत सारी धनराशि के आंकड़े छुपाने की कोशिश की ही है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि सरकार के वरिष्ठ मंत्री यह बताएं कि वह सदन में झूठ बोल रहे थे या प्रेस कॉन्फ़्रेंस में झूठ बोल रहे हैं। हर्षवर्धन चौहान को मंत्री होने के नाते अपनी जानकारी दुरुस्त रखनी चाहिए। इसलिए केंद्र द्वारा भरपूर समर्थन दिए जाने के बाद भी राज्य द्वारा उसे नकारने को लेकर हर्षवर्धन चौहान माफी मांगें, और जिन अधिकारियों ने गलत आंकड़े देकर उन्हें बरगलाया है उनके खिलाफ़ भी उन्हें कार्रवाई करनी चाहिए।
जीएसटी के सकारात्मक प्रभाव से हिली कांग्रेस की सत्ता, कांग्रेस बौखलाई : राकेश
• हिमाचल प्रदेश में 50 से अधिक उद्योग काम छोड़कर भाग गए, वजह बताए कांग्रेस
शिमला, भाजपा प्रदेश मुख्यप्रवक्ता एवं विधायक राकेश जमवाल ने कहा कि
जीएसटी के सकारात्मक प्रभाव से हिली कांग्रेस की सत्ता, सभी कांग्रेस के नेता एवं मंत्री बिना सोचे समझे बयान बाजी कर जनता का ध्यान भटकने का असफल प्रयास कर रहे हैं। एक ही दिन में दो कैबिनेट मंत्रिमंडल के मित्रों ने जीएसटी के खिलाफ मोर्चा खोला और अगर उनकी बात सुनो तो उसमें केवल मात्र शून्य ज्ञान था।
मुख्य प्रवक्ता राकेश चंबल ने कहा कि एक कैबिनेट मित्र तो जजिया लगाने की बात कर गए। पर हम उनसे पूछना चाहते हैं कि हिमाचल में मंदिरों में देवी देवताओं के दर्शन करने के लिए किसने जजिया लगाया, जहां केंद्र सरकार जनता को राहत देने में लगी है वहीं हिमाचल प्रदेश की सरकार उसे राहत को छीनने का प्रयास कर रही है। अगर कांग्रेस के वक्ता डीजल की बात करते हैं तो भारतीय जनता पार्टी की केंद्र शासित सरकार ने डीजल पर रेट कटौती में कोई कमी नहीं छोड़ी उसके विपरीत हिमाचल प्रदेश की सरकार ने सत्ता में आते ही डीजल के ऊपर 7.50 रु वैट बढ़ा दिया, यह कांग्रेस सरकार के जन विरोधी चेहरे का प्रमाण है।
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में जीएसटी के नुकसान की बात कांग्रेस पार्टी के नेता कर रहे हैं, पर हिमाचल प्रदेश में 50 से अधिक उद्योग काम छोड़कर भाग गए, यह भी एक कारण है जिससे जीएसटी गिरा है। इसके बारे में उनका जवाब देना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री स्वयं पिछली सरकारों में विधायक थे और उनको रिवेन्यू डिफिसिट ग्रांट के बारे में भली भांति पता था तो अब इस ग्रांट को केवल मात्र राजनीतिक मुद्दा बनाकर राजनीतिक फायदा लेने का प्रयास कांग्रेस पार्टी के नेता कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि यदि हम हमारे जीडीपी के स्ट्रक्चर को देखें, तो वर्तमान में देश की हमारी जीडीपी 330 लाख करोड़ रुपए है। इसमें 202 लाख करोड़ रुपए हमारी खपत है। पिछली वित्तीय वर्ष 23-24 में यह खपत 181 लाख करोड़ रुपए थी। यानी 181 लाख करोड़ से बढ़कर 202 लाख करोड़ हुआ, जो लगभग 12% की ग्रोथ दर्शाता है। अब जो जीएसटी के सुधार आए हैं, उनसे खपत में इतनी महत्वपूर्ण वृद्धि होने की संभावना है कि जीडीपी में कम से कम 20,00,000 करोड़ रुपए का इजाफा होगा। यह एक बड़ा सुधार है, जिसका सीधा प्रभाव देश की अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा। निवेश की बात करें तो पिछले वर्ष देश का कुल निवेश 98 लाख करोड़ रुपए था। जब मांग बढ़ती है, तो नई फैक्ट्रियां लगती हैं, नए प्रोजेक्ट आते हैं और रोजगार के नए अवसर पैदा होते हैं। इस तरह, जीएसटी सुधारों के कारण निवेश में भी महत्वपूर्ण वृद्धि देखने को मिलेगी।