श्री राम मन्दिर अन्नाडेल,शिमला में दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा पांच दिवसीय श्री शिव कथा का भव्य आयोजन किया गया है।कथा से पूर्व विधिवत् पूजन हुआ जिसमें गुमान सिंह ने परिवार सहित हिस्सा लिया।कथा का शुभारम्भ श्री गणपति महाराज जी की स्तुति से किया गया जिसका गायन साध्वी मीनू भारती ने किया।कथा वाचन करते हुए दिव्य गुरु श्री आशुतोष महाराज की शिष्या कथा व्यास साध्वी सुश्री दिवेशा भारती ने भगवान् शिव की महिमा को भक्तों के समक्ष प्रस्तुत किया।
साध्वी दिवेशा भारती जी ने कहा कि भगवान् शिव की शरण समस्त प्राणियों का विश्राम स्थल है। अनंत पापों के ताप से उद्विग्न होकर विश्राम के लिए प्राणी भगवान शिव की शरण में आकर शान्ति का अनुभव करते है। शिव कथा की रसधार में डुबकी लगाकर ही मन शीतल आनंद की अनुभूति करता है। कथा का प्रभाव ऐसा है जिसके श्रवण मात्र से ही मन से विकारों की मलिनता मिटती है। मानव के मन में ईश्वरीय प्रकाश प्रकट होता है। कथा जीवात्मा को प्रभु से मिलने के लिए सेतु का कार्य करती है। इस सेतु पर चलकर ही भक्त प्रभु दर्शन का सौभाग्य पाते रहे हैं।
साध्वी दिवेशा भारती जी ने कथा कहते हुए विस्तृत रूप से बताया कि किस प्रकार चंचुला और बिंदुक का अधर्मी और पापमय जीवन होने पर भी भगवान शिव की पावन कथा को श्रवण कर उनका उद्धार हो गया।
साध्वी ने बताया कि आज अज्ञानता के अंधकार में भटक रहे मानव समाज को अध्यात्म ज्ञान की परम आवश्यकता है। तभी मानव दानवता की खाइयों से निकलकर देवत्व की परम ऊंचाइयों को स्पर्श कर सकेगा। कथा के दौरान साध्वी मीनू भारती, गुरूबहन मनीषा शर्मा एवं गुरु भाई अंशुल ने प्रभु की महिमा में सुमधुर भजनों का गायन कर कथा पंडाल में उपस्थित सभी श्रद्धालु- भक्तों को मंत्र मुक्त कर दिया।
इस अवसर पर संस्थान की ओर से स्वामी धीरानंद जी एवं साध्वी गार्गी भारती भी विशेष रूप से उपस्थित रहे।स्वामी धीरानन्द जी ने अपने विचारों में कहा कि मानव तन ईश्वर भी भगति और समाज सेवा के लिए मिला दुर्लभ अवसर है इसे व्यर्थ न गवाएं।कथा का समापन मंगल आरती से किया गया जिसमें मन्दिर प्रधान ओम प्रकाश,कैशियर भागीरथ शर्मा, लेखराज शर्मा,पण्डित उमादत्त शर्मा,पण्डित विवेक शर्मा ने विशेष रूप से हिस्सा लिया।
