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हिमशिखा न्यूज़

गंगा सप्तमी को मां गंगा की उत्पति हुई थी। इस दिन को गंगा जयंती के रूप में भारतवर्ष में मनाया जाता है। माता गंगा को मोक्षदायिनी, जीवनदायिनी दोनों ही रूपों में पूजा जाता है। इनकी पवित्रता और महत्ता सभी जाती और धर्म के लोग मानते हैं। विभिन्नताओं के देश भारत में पूर्व से लेकर पश्चिम तक उतर से दक्षिण तक सभी मां गंगा को केवल नदी ही नहीं अपितु माता एवं देवी के रूप में पूजते हैं। हिन्दू संस्कृति में गंगा पितृ तर्पण, पितृ शान्ति और भी अनेक मंगल कार्यों में श्रेष्ठ पूज्य हैं। इनकी आराधना से मोक्ष मिलता, पूर्व जन्मों के कर्मों से मुक्ति मिलती है। गंगा जल में बहुत सारे औषधीय गुण और ऑक्सीजन कि मात्रा अधिक होती है। गंगा के जल से स्नान करने पर न केवल पाप कर्मों से मुक्ति बल्कि मानसिक शांति भी प्राप्त होती है। ज्योतिष के अनुसार गंगा जल से ग्रहों के दुष्प्रभाव को भी दूर किया जा सकता है। आज के दिन की गई मां गंगा की आराधना पूरे कुल को तार सकती है।मां गंगा का जिस स्थान पर वास होता है, वो स्थान परम पवित्र और सुख-संपति से भरपूर होता है। गंगा सप्तमी पर घर की पूर्व दिशा में गंगा जल का कुंभ स्थापित करें। फिर कुंभ को तिलक करें। अक्षत फल पुष्प, माला, रक्षा सूत्र चढ़ा कर माता गंगा का ध्यान करें। उनके मंत्र का जाप करें।

कुंभ को स्टील, चांदी या मिट्टी के लोटे में पूजन करने के बाद घर की उत्तर की दिशा में चावल के ढेर के उपर स्थापित करें। अगले दिन इस जल को पूरे घर में छिड़के। बाकी से स्नान कर लें। ऐसा करने से घर में आर्थिक सम्पन्नता और सकारात्मकता बनी रहेगी।

गंगा जल में सफेद चंदन मिला कर शिवलिंग पर अर्पित करते हुए माता गंगा और भोले नाथ का ध्यान करते हुए ॐ नमः शिवाय का जाप करते रहें। ऐसा करने से विवाह सम्बन्धी परेशानियों से छुटकारा मिलेगा।

गंगा माता के नाम का उच्चारण करते हुए। नहाने वाले जल में गंगा जल मिला कर नहाएं। मानसिक परेशानी से जूझ रहे लोगों को लाभ होगा। स्नान करते समय इस मंत्र का जाप करें-

मंत्र- गंगे च यमुने चैव गोदावरी सरस्वती। नर्मदे सिन्धु कावेरी जले अस्मिन् सन्निधिम् कुरु

घर की छत पर गंगा जल का छिड़काव करें। ऐसा करने से शांति और पॉजिटिविटी बनी रहेगी।

घर की उत्तर की दिशा में गंगाजल अधिक मात्रा में स्टोर करके रखने से आर्थिक लाभ होता है।

By HIMSHIKHA NEWS

हिमशिखा न्यूज़  सच्च के साथ 

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