शिमला,हिमशिखा न्यूज
हिमाचल प्रदेश के निजी विश्वविद्यालयों में नियमों की अवहेलना करने पर 10 कुलपतियों को अयोग्य करार दिया है।राज्य निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग ने सभी कुलपतियों की शैक्षणिक योग्यता और नियुक्ति प्रक्रिया की जांच पूरी होने के बाद इन्हें अयोग्य पाया गया है।शनिवार को आयोग अध्यक्ष मेजर जनरल सेवानिवृत्त अतुल कौशिक की अध्यक्षता में हुई बैठक में रिपोर्ट के आधार पर आगामी कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं।प्रदेश के कुछ निजी विश्वविद्यालयों के कुलपति यूजीसी के निर्देशानुसार नियुक्तियों के लिए तय नियमों को पूरा नहीं कर पा रहे हैं।अधूरी योग्यता से लगे इन कुलपतियों को लेकर आयोग के पास शिकायतें आई थीं।दो विश्वविद्यालयों के कुलपतियों ने इसी बीच अपने पदों से इस्तीफे भी दे दिए थे।मामले की गंभीरता को देखते हुए आयोग ने कुलपतियों की नियुक्ति प्रक्रिया की जांच को हायर एजूकेशन काउंसिल के अध्यक्ष प्रो सुनील गुप्ता की अध्यक्षता में बीते दिनों तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया था।निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग के आदेश के अनुसार 10 निजी विश्वविद्यालयों के वाइस चांसलर अयोग्य करार कर तुरंत पद से हटाने के आदेश दिए हैं।आयोग की हाई पावर कमेटी की जांच रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि यह सभी वाइस चांसलर योग्यता को पूरा नहीं करते हैं और विश्वविद्यालयों के चांसलर को 10 दिसंबर तक आदेशों की पालना करते हुए इन्हें हटाने के आदेश दिए हैं।योग्यता पूरी न करने वाले संस्थानों में एपीजी,विवि,शुलिनी,इटरनल,एमएमयू,बद्दी,इक्फाई, इंडर,अर्नी,बाहरा और चितकारा यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर अयोग्य करार दिए हैं बता दें कि इन वाईस चांसलरों में बाहरा विवि के वाइस चांसलर व शिक्षा सचिव रह चुके पूर्व आईएएस अधिकारी अरुण शर्मा भी अयोग्य करार दिए हैं ।जिन्हें हटाने के आदेश दिए गए हैं।