शिमला,हिमशिखा न्यूज़
हिमाचल प्रदेश के पुलिस कार्मिकों के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक, शिमला द्वारा दिनांक 17 अगस्त 2021 को आयोजित वित्तीय साक्षरता कार्यशाला
हिमाचल प्रदेश के पहाड़ी राज्य की भोली-भाली जनता को लुभाने वाले साइबर अपराधों और अन्य वित्तीय धोखाधड़ी में वृद्धि के बढ़ते मामलों को देखते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक, शिमला नें एसपी (क्राइम), हिमाचल प्रदेश से समन्वय स्थापित कर पुलिस अधिकारियों के लिए वित्तीय साक्षरता कार्यशाला का आयोजन तय किया गया। उक्त वित्तीय साक्षरता कार्यशाला वेबएक्स के माध्यम से दिनांक 17 अगस्त 2021 (मंगलवार) को हिमाचल प्रदेश के बारह जिलों में स्थितपुलिस अधिकारियों के लिए आयोजित की गई।इस कार्यशाला का उद्देश्य वित्तीय अपराधों की जाँच कर रहे पुलिस कार्मिकों को वित्तीय साक्षरता के विभिन्न महत्वपूर्ण विषयों पर जागरूक करना था। जालसाजों द्वारा आम जनता साइबर क्राइम के माध्यम से की जाने वाली धोखाधड़ी की कार्यप्रणाली के बारे में विस्तार से बताया गया। भारत सरकार / राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं की
जानकारी के साथ-साथ विभिन्न विनियमकों (जैसे आरबीआई, सेबी, आईआरडीएआई इत्यादि) की शिकायत निवारण प्रणाली से भी प्रतिभागियों को अवगत कराया गया। कार्यशाला का शुभारंभ जी. सिवा कुमार, आईपीएस (एसपी/क्राईम) एवं श्री किशन चंद आनंद, प्रभारी महाप्रबंधक, भारतीय रिज़र्व बैंक, शिमला द्वारा किया गया। जी. सिवा कुमार नें सभी जांच अधिकारियों को कार्यशाला के सत्रों का अधिकतम लाभ लेने एवं अर्जित जानकारी को अपने कार्यक्षेत्र में प्रयोग करने के लिए प्रेरित किया। कार्यशाला में 120 सेअधिक प्रतिभागियों ने सहभागिता की। श्री किशन चंद आनंद नें प्रतिभागियों को आम जनता से प्राप्त शिकायतों की जाँच का निस्तारण दृढ़तापूर्वक पेशेवर तरीके से करने का आह्वान किया ताकि आम जनता की शिकायतों का शीघ्र निवारण हो सके उपरोक्त वर्णित उद्देश्यों के अतिरिक्त विभिन्न नियामकों द्वारा निगमित संस्थाओं के बारे में जानकारी के साथ-साथ
अनिगमित इकाइयों व व्यक्तियों द्वारा प्रयोग में लाई जाने वाली कार्यप्रणाली पर जानकारी साझा की गई। इस प्रकार की इकाइयों से निपटने के लिए उपलब्ध नियमों व अधिनियमों (जैसे दी हिमाचल प्रदेश के रेग्युलेशन ऑफ पब्लिक डिपॉज़िट एक्ट 1999 एवं अनियमित जमा योजनाओं प्रतिबंध अधिनियम 2019 ) के प्रावधानों को बताया गया। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी), चंडीगढ़ कार्यालय के प्रतिनिधि नें समूहिक निवेश योजनाओं, डब्बा ट्रेडिंग एवं अन्य विषयों पर वित्तीय जागरूकता संबन्धित महत्वपूर्ण जानकारी साझा करते हुए बताया कि इस प्रकार की इकाईयां आम जनता से धन एकत्रित कर विलोप हो जाती हैं।